718 स्वभावगत बदलाव पर भरोसा रखो
स्वभाव में बदलाव रातोंरात नहीं होता;
क्योंकि ये हासिल होता अपने भ्रष्ट सार के मूल को खोजने से।
1
इस प्रक्रिया के दौरान, बहुत-कुछ अनुभव करने के बाद,
शायद मिले तुम्हें बस एक पहलू सत्य का,
बस एक अंश स्वभाव में बदलाव का।
शायद कई लोगों, घटनाओं, परिवेशों को जानने और
कई टेढ़े-मेढ़े रस्तों पर चलने के बाद ही, तुममें आए थोड़ा-सा बदलाव।
तुम्हारा बदलाव चाहे हो जितना भी छोटा,
ईश्वर की निगाह में अनमोल है वो।
वो उसे सँजोये, याद रखे, क्योंकि तुमने बहुत सहा, बड़ी कीमत चुकाई।
ईश्वर देखे इंसान के दिल की गहराइयों में;
जाने तुम्हारी कमज़ोरियाँ, जाने तुम्हारी इच्छाएँ।
वो जाने तुम्हारी ज़रूरतें।
कितने भी कमज़ोर क्यों न हो, अगर तुम ईश्वर का नाम न छोड़ो,
ईश्वर को या इस रास्ते को न छोड़ो,
तो हमेशा होगा तुम्हारे पास बदलने का मौका,
स्वभाव में बदलाव पाने का।
2
बाइबल की एक कहानी बताए उड़ाऊ पुत्र के बारे में।
यह कहानी दिखाये, इंसान को बचाने की ईश्वर की इच्छा सच्ची है।
वो इंसान को बदलने का मौका देता है।
इस प्रक्रिया के दौरान, जाने वो इंसान को, कि असफल होगा वो,
जाने वो उसकी भ्रष्टता और कमज़ोरी को।
तुम्हारा बदलाव चाहे हो जितना भी छोटा,
ईश्वर की निगाह में अनमोल है वो।
वो उसे सँजोये, याद रखे, क्योंकि तुमने बहुत सहा, बड़ी कीमत चुकाई।
ईश्वर देखे इंसान के दिल की गहराइयों में;
जाने तुम्हारी कमज़ोरियाँ, जाने तुम्हारी इच्छाएँ।
वो जाने तुम्हारी ज़रूरतें।
कितने भी कमज़ोर क्यों न हो, अगर तुम ईश्वर का नाम न छोड़ो,
ईश्वर को या इस रास्ते को न छोड़ो,
तो हमेशा होगा तुम्हारे पास बदलने का मौका,
स्वभाव में बदलाव पाने का।
3
जब हम जान जाते कि स्वभाव में बदलाव क्या है,
उसका अनुभव करने के लिए हमें क्या सहना होगा,
तो हमें डरने की नहीं आस्था रखने की ज़रूरत है।
इस बदलाव को पाने में ईश्वर का काम व्यावहारिक है।
उसमें ताकत है शैतान के चंगुल से इंसान को बचाने की,
शैतान की भ्रष्टता के सार से उसे बचाने की।
उसमें है बुद्धि और सामर्थ्य इंसान को स्वभाव में बदलाव करने देने की।
बदलाव करने देने की। बदलाव करने देने की।
— "अंत के दिनों के मसीह की बातचीत के अभिलेख" में 'क्या होते हैं स्वभाव में परिवर्तन, और स्वभाव में परिवर्तनों का मार्ग' से रूपांतरित