32 परमेश्वर न्याय संग उतरता है

1

बड़े लाल अजगर के देश में उतरते समय,

परमेश्वर का मुख फिरता जगत की ओर, और वो थरथराती।

हे परमेश्वर! हे परमेश्वर!

बड़े लाल अजगर के देश में उतरते समय,

परमेश्वर का मुख फिरता जगत की ओर, और वो थरथराती।

क्या कोई स्थान है जो उसके न्याय से बचा है?

या उसकी भयानक सज़ा से?

जहाँ वो जाता विनाश का बीज है बोता,

पर इसके द्वारा वो उद्धार करता और प्रेम दिखाता।

परमेश्वर चाहता कि सब उसको जानें, और देखें और आदर मानें।

युगों से वो देखा न गया, पर अब वो कितना असल है।

हे परमेश्वर! हे परमेश्वर! हे परमेश्वर!


2

बड़े लाल अजगर के देश में उतरते समय,

परमेश्वर का मुख फिरता जगत की ओर, और वो थरथराती।

क्या कोई स्थान है जो उसके न्याय से बचा है?

या उसकी भयानक सज़ा से?

जहाँ वो जाता विनाश का बीज है बोता,

पर इसके द्वारा वो उद्धार करता और प्रेम दिखाता।

परमेश्वर चाहता कि सब उसको जानें, और देखें और आदर मानें।

युगों से वो देखा न गया, पर अब वो कितना असल है।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचन, अध्याय 10 से रूपांतरित

पिछला: 31 सभी राष्ट्रों और लोगों पर परमेश्वर का न्याय

अगला: 33 परमेश्वर का न्याय पूरी तरह से प्रकट होता है

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें