32 परमेश्वर न्याय संग उतरता है
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बड़े लाल अजगर के देश में उतरते समय,
परमेश्वर का मुख फिरता जगत की ओर, और वो थरथराती।
हे परमेश्वर! हे परमेश्वर!
बड़े लाल अजगर के देश में उतरते समय,
परमेश्वर का मुख फिरता जगत की ओर, और वो थरथराती।
क्या कोई स्थान है जो उसके न्याय से बचा है?
या उसकी भयानक सज़ा से?
जहाँ वो जाता विनाश का बीज है बोता,
पर इसके द्वारा वो उद्धार करता और प्रेम दिखाता।
परमेश्वर चाहता कि सब उसको जानें, और देखें और आदर मानें।
युगों से वो देखा न गया, पर अब वो कितना असल है।
हे परमेश्वर! हे परमेश्वर! हे परमेश्वर!
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बड़े लाल अजगर के देश में उतरते समय,
परमेश्वर का मुख फिरता जगत की ओर, और वो थरथराती।
क्या कोई स्थान है जो उसके न्याय से बचा है?
या उसकी भयानक सज़ा से?
जहाँ वो जाता विनाश का बीज है बोता,
पर इसके द्वारा वो उद्धार करता और प्रेम दिखाता।
परमेश्वर चाहता कि सब उसको जानें, और देखें और आदर मानें।
युगों से वो देखा न गया, पर अब वो कितना असल है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचन, अध्याय 10 से रूपांतरित