25 हम गीत गाते, स्तुति करते हैं परमेश्वर की

1

परमेश्वर की वाणी सुन, उनकी ओर पलटते हैं हम,

मेमने के पीछे-पीछे चलते हैं हम।

मसीह के भोज में शामिल होकर पूरे दिन

परमेश्वर के वचन खाते-पीते हैं हम।

उनके वचनों के पोषण, सिंचन में आनंदित होते हैं हम,

हमारी आत्माएं पाती हैं जीवन नया।

पवित्र आत्मा करते हैं प्रबुद्ध हमें ताकि सत्य समझें,

और व्यवाहारिक परमेश्वर को जानें हम।


गीत गाते हैं, स्तुति करते हैं परमेश्वर की।

हाँ, हम गाते हैं और स्तुति करते हैं।

गीत गाते हैं, स्तुति करते हैं परमेश्वर की।

हाँ, हाँ, हम गाते हैं और स्तुति करते हैं।


2

अनुपम, सम्पन्न है राज्य का जीवन,

स्वयं परमेश्वर राह दिखाते, चरवाही करते हैं।

हम सत्य का अभ्यास करते, अपना फ़र्ज़ निभाते हैं,

हमारे दिल शांत और सुखी हैं।

शैतान को त्यागने से, मिले बड़ी आज़ादी,

हम अब परमेश्वर के सामने जी सकते हैं।

यह सब है परमेश्वर की कृपा और उठान,

क्या होगा कोई हम से ज़्यादा धन्य?


गीत गाते हैं, स्तुति करते हैं परमेश्वर की।

हाँ, हम गाते हैं और स्तुति करते हैं।

गीत गाते हैं, स्तुति करते हैं परमेश्वर की।

हाँ, हाँ, हम गाते हैं और स्तुति करते हैं।


3

न्याय, परीक्षण और शुद्धिकरण द्वारा,

हमारे शैतानी स्वभाव शुद्ध हो रहे हैं।

परमेश्वर के धर्मी स्वभाव को जानकर हम,

अपने दिल में उनका भय मानते और बुराई से दूर रहते हैं।

यातना और कठिनाइयों में हमें,

परमेश्वर के वचन राह दिखाते हैं।

हमारी आस्था हो गयी है पूरी,

हम गवाही देते और परमेश्वर का प्रेम देखते हैं।


हमने पाया है परमेश्वर का महान उद्धार,

हम गाते हैं परमेश्वर का स्तुति गीत।

उनके धार्मिक, पवित्र स्वभाव की स्तुति हो,

लोगों के जयजयकार के योग्य है जो।

उनके कामों में उनकी बुद्धि और सर्वशक्तिमत्ता की जय हो,

उन्होंने जीता और हासिल किया है लोगों के एक समूह को।

परमेश्वर के चुने जन, करते हैं उनसे प्रेम और दिल से समर्पण।

युग-युग तक करेंगे हम आराधना उनकी।


गीत गाते हैं, स्तुति करते हैं परमेश्वर की।

हाँ, हम गाते हैं और स्तुति करते हैं।

गीत गाते हैं, स्तुति करते हैं परमेश्वर की।

हाँ, हाँ, हम गाते हैं और स्तुति करते हैं।

पिछला: 24 हे सर्वशक्तिमान परमेश्वर, तुम कितने महिमावान हो

अगला: 26 सर्वशक्तिमान परमेश्वर का गुणगान करो

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें