207 क्या तुम्हें पता है स्रोत अंनत जीवन का?
1
परमेश्वर है इंसानी जीवन का स्रोत, स्वर्ग और धरती चलते उसकी शक्ति से।
कोई भी जीवित चीज़ मुक्त हो नहीं सकती परमेश्वर के शासन और अधिकार से।
चाहे तुम कोई भी हो, हर किसी को माननी होती है प्रभु की बात,
झुकाना होता है खुद को उसके प्रभुत्व, नियंत्रण और हुक्म के सामने!
हो सकता है तुम हो उत्सुक पाने को जीवन और सत्य,
ढूंढने को वो परमेश्वर जिस पर कर सको विश्वास अनंत जीवन पाने के लिए।
अगर चाहिए तुम्हें अनंत जीवन, ढूंढो उसका स्रोत और परमेश्वर है कहाँ।
परमेश्वर है वो जीवन जो बदलता नहीं, बस उसके पास है जीने की राह।
क्योंकि परमेश्वर है जीने की राह, वो ही है अनंत जीवन की राह।
2
अंतिम दिनों में परमेश्वर का कार्य है नया। ब्रह्मांड का राजा वही है।
वही है मुख्य बिंदु हर दिल का, और वो जीता, साँस लेता है इंसान के बीच।
तब ही वो ला सकता है नया जीवन और ले जा सकता है इंसान को जीवन की राह की ओर।
इंसान के बीच रहने आता है परमेश्वर, ताकि इंसान पा सके जीवन और रह सके जीवित।
अपना प्रबंधन कार्य करने को पूरा परमेश्वर देता है ब्रह्मांड को आज्ञा।
स्वर्ग और इंसान के दिल में ही नहीं, परमेश्वर जीता है इस दुनिया में।
इस सत्य से इंकार नहीं ले जा पाएगा तुम्हें सत्य या जीवन की ओर।
परमेश्वर चलाता है ब्रह्मांड को, जीने की है सिर्फ़ वही एक राह।
परमेश्वर चलाता है ब्रह्मांड को, जीने की है सिर्फ़ वही एक राह।
परमेश्वर है अनंत जीवन की राह, वो ही है अनंत जीवन की राह।
परमेश्वर है अनंत जीवन की राह, वो ही है अनंत जीवन की राह।
— "वचन देह में प्रकट होता है" में 'केवल अंत के दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनंत जीवन का मार्ग दे सकता है' से रूपांतरित