124 परमेश्वर देता आशीष उन्हें, जो करते प्रेम उसे

1

करते जो प्रेम परमेश्वर को,

सदा उसके सामने जीते हैं।

उसके वचनों की अगुआई में,

वो लोग शांति, ख़ुशी पाते हैं।

ईश्वर-प्रेमी सच्चे होते,

सत्य को समझते और अमल करते।

ईश-इच्छा को वो दिल में बिठाते,

उसे संतुष्ट करने को फ़र्ज़ निभाते।

परमेश्वर से प्रेम करने वाले सिद्धांतों पर चलते,

करते सत्य इस्तेमाल अपनी सोच में, कर्मों में।

नहीं है कोई नियम, न कोई बंधन,

वे सत्य समझते हैं, आज़ाद किये गए हाँ।


जो प्रेम करें ईश्वर से, आशीष पाएँ उससे,

उसका न्याय और ताड़ना

सदा उनके साथ ही रहते।

वे सत्य खोजते, पाते रोशनी,

उनकी भ्रष्टता साफ़ हो जाती।

परमेश्वर उन्हें आशीष देता,

वे सदा ही खुश रहते।

न्याय से वे उद्धार पाते।

परमेश्वर का वचन, बनता उनका जीवन,

उसका मुखड़ा उन पर चमकता।


2

परमेश्वर को प्रेम करने वाले,

करते स्वीकार उसका अवलोकन।

समरसता में परमेश्वर की करते सेवा,

वास्तविकता को जीते, गवाही देते हैं।

ईश्वर-प्रेमी हैं वफ़ादार उसके,

परीक्षा में अटल रहता उनका विश्वास।

उन्हें चिंता है न भाग्य की, न कल की,

वे करते सर्वशक्तिमान परमेश्वर से ही प्रेम।

परमेश्वर से प्रेम करते जो, सत्य धारण करते हैं,

उसकी गवाही देते, उसको महिमा देते हैं।

वे पूजते हैं उसे,

करते स्तुति उसकी धर्मिता, पवित्रता की।


जो प्रेम करें ईश्वर से, आशीष पाएँ उससे,

उसका न्याय और ताड़ना

सदा उनके साथ ही रहते।

वे सत्य खोजते, पाते रोशनी,

उनकी भ्रष्टता साफ़ हो जाती।

परमेश्वर उन्हें आशीष देता,

वे सदा ही खुश रहते।

न्याय से वे उद्धार पाते।

परमेश्वर का वचन, बनता उनका जीवन,

उसका मुखड़ा उन पर चमकता।

पिछला: 123 कितने धन्य हैं वे, जो परमेश्वर से प्रेम करते हैं

अगला: 125 मैंने देखा है प्रेम परमेश्वर का

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें