239 परमेश्वर विजेताओं के एक समूह के बीच उतरा है
1 कई हज़ार सालों से, मनुष्य ने उद्धारकर्त्ता के आगमन को देखने में सक्षम होने की लालसा की है। मनुष्य ने उद्धारकर्त्ता यीशु को देखने की इच्छा की है जब वह एक सफेद बादल पर सवार होकर स्वयं उन लोगों के बीच उतरता है जिन्होंने हज़ारों सालों से उसकी अभिलाषा की है और उसके लिए लालायित रहे हैं। मनुष्य ने उद्धारकर्त्ता की वापसी और लोगों के साथ उसके फिर से जुड़ने की लालसा की है। और मनुष्य आशा करता है कि वह एक बार फिर से छुटकारे के उस कार्य को करेगा जो उसने यहूदियों के बीच किया था, वह मनुष्य के प्रति करूणामय और प्रेममय होगा, मनुष्य के पापों को क्षमा करेगा, वह मनुष्य के पापों को वहन करेगा, और यहाँ तक कि वह मनुष्य के सभी अपराधों को वहन करेगा और मनुष्य को उसके पापों से मुक्त करेगा।
2 फिर भी उद्धारकर्त्ता यीशु ने ऐसा नहीं किया; उसने मनुष्य की कल्पना के विपरीत किया। वह उन लोगों के बीच में नहीं आया जिन्होंने उसकी वापसी की लालसा की थी, और वह सफेद बादल पर सवार होकर सभी मनुष्यों के सामने प्रकट नहीं हुआ। वह तो पहले से ही आ चुका है, किन्तु मनुष्य उसे नहीं जानता है, और उसके आगमन से अनजान बना हुआ है। मनुष्य केवल निरुद्देश्यता से उसका इन्तज़ार कर रहा है, इस बात से अनभिज्ञ कि वह तो पहले ही "सफेद बादल" (वह बादल जो उसका आत्मा, उसके वचन, उसका सम्पूर्ण स्वभाव और उसका स्वरूप है) पर उतर चुका है, और वह अब उन विजेताओं के समूह के बीच में है जिसे वह अंत के दिनों के दौरान बनाएगा।
3 मनुष्य इसे नहीं जानता हैः यद्यपि पवित्र उद्धारकर्त्ता यीशु मनुष्य के प्रति स्नेह और प्रेम से भरपूर है, फिर भी वह अशुद्ध और अपवित्र आत्माओं से भरे "मन्दिरों" में कैसे कार्य कर सकता है? यद्यपि मनुष्य उसके आगमन का इन्तज़ार करता आ रहा है, फिर भी वह उनके सामने कैसे प्रकट हो सकता है जो अधर्मी का मांस खाते हैं, अधर्मी का रक्त पीते हैं, एवं अधर्मी के वस्त्र पहनते हैं, जो उस पर विश्वास तो करते हैं परन्तु उसे जानते नहीं हैं, और लगातार उससे जबरदस्ती माँगते रहते हैं?
4 मनुष्य केवल यही जानता है कि उद्धारकर्त्ता यीशु प्रेम और करुणा से परिपूर्ण है, और वह एक पाप बलि है जो छुटकारे से भरपूर है। परन्तु मनुष्य को पता नहीं है कि वह स्वयं परमेश्वर भी है, जो धार्मिकता, प्रताप, कोप, और न्याय से लबालब भरा हुआ है, और अधिकार और गौरव से संपन्न है। और इस प्रकार यद्यपि मनुष्य छुटकारा दिलाने वाले की वापसी के लिए लालायित रहता है और अभिलाषा करता है, और यहाँ तक कि मनुष्य की प्रार्थनाओं से स्वर्ग भी द्रवित हो जाता है, फिर भी उद्धारकर्त्ता यीशु उन लोगों के सामने प्रकट नहीं होता है जो उस पर विश्वास तो करते हैं किन्तु उसे जानते नहीं हैं।
— "वचन देह में प्रकट होता है" में "उद्धारकर्त्ता पहले ही एक "सफेद बादल" पर सवार होकर वापस आ चुका है" से रूपांतरित