132 एक भावुकतापूर्ण जुदाई
1
उस समय की यादें जो हमने परमेश्वर के साथ बिताया है:
हंसी के ठहाके और दर्द के आंसू थे।
परमेश्वर के साथ हमारे दिन कितने खुशनुमा थे।
उन यादों को हम कभी नहीं भूलेंगे।
हे परमेश्वर! इतने बरसों के मेलजोल में,
तेरे सत्यों ने हमारी भ्रष्टता दूर कर दी।
अब जबकि हम सत्य को समझ गए, हम बदलकर नए इंसान बन गए।
तेरा निर्मल प्रेम, हमारे दिल की गहराइयों में बस गया।
तेरे वचन हमारी आस्था, हमारा प्रेम बन गए।
तेरे लिए हमारी भावनाएँ बहुत गहरी हैं, हम तेरी जुदाई सह नहीं सकते।
लेकिन आज तू जल्दी ही हमें छोड़कर जाने वाला है।
हम बेचैन कैसे न होंगे?
2
तू रात-दिन हमारे साथ रहा।
हमें सींचने के लिए तूने हर दिन सत्य व्यक्त किया।
हमने अपनी कितनी भ्रष्टता उजागर की, और तुझे आहत किया।
सहनशील और धैर्यवान बनकर, तू हमारी अगुवाई करता रहा।
हे परमेश्वर! तूने हमें बचाने के लिए कितनी पीड़ा सहन की।
तूने देखा हमारे कद कितने अपरिपक्व हैं, तू बेचैन और परेशान हो गया।
तूने धैर्यपूर्वक सत्य के बारे में सहभागिता की, हमें समर्थन और पोषण दिया।
परीक्षणों और प्रतिकूलताओं में तू हमारे साथ रहा।
तूने हमें सत्य को समझने और अपनी गवाही देने के लिए हमें प्रेरित किया।
हमारा न्याय और शुद्धिकरण पूरी तरह से तेरा अनुग्रह था।
तेरे प्रेम का इतना आनंद लेने के बाद, हम तुझसे प्रेम कैसे न करें?
तेरा प्रेम हमें उत्साह देता है; हम तुझसे प्रेम करके कभी पश्चाताप नहीं करेंगे।
3
तेरा काम पूरा हो गया, तू जल्द ही सिय्योन लौट जाएगा।
हम तेरी जुदाई बर्दाश्त नहीं कर सकते।
हमने उन बरसों को याद किया, जब तूने कदम-ब-कदम हमारी अगुवाई की।
अतीत के दृश्य हमारी आंखों के सामने उभर आए।
तूने हमारा न्याय किया, हमारी भ्रष्टता दूर की।
तूने हमें बचाया, हमें बड़े लाल अजगर के उत्पीड़न से बचाया।
तेरे वचनों ने हमारा मार्गदर्शन किया, जिससे कि हम अपनी गवाही में दृढ़ रह सके।
कष्टों और परीक्षणों को सहकर, हमारा जीवन आगे बढ़ा।
तेरा प्रेम बहुत महान है, तेरी मनोहरता कितनी असीम है।
तू इंसान की स्तुति और आराधना के योग्य है।
तेरे उद्धार का अनुग्रह मेरे दिल पर नक्श है।
मैंने अपना कर्तव्य निभाने, सुंदर और शानदार गवाही देने का संकल्प लिया है।
तेरा प्रेम सदा मेरे दिल में बना रहेगा, मैं सदा तुझ से प्रेम करूँगा और तुझे संजोकर रखूँगा।