927 परमेश्वर का अधिकार स्वर्गिक आदेश है जिसे शैतान कभी नहीं लांघ सकता

1

शैतान ने कभी परमेश्वर के अधिकार को लांघने का साहस नहीं किया है,

और, इसके अलावा, उसने हमेशा परमेश्वर के आदेश

और विशिष्ट आज्ञाएँ ध्यान से सुनी हैं और उनका पालन किया है,

कभी उनका उल्लंघन करने का साहस नहीं किया है, और निश्चित रूप से,

परमेश्वर के किसी भी आदेश को मुक्त रूप से बदलने की हिम्मत नहीं की है।

ऐसी हैं वे सीमाएँ, जो परमेश्वर ने शैतान के लिए निर्धारित की हैं,

और इसलिए शैतान ने कभी इन सीमाओं को लाँघने का साहस नहीं किया है।

आध्यात्मिक क्षेत्र में,

शैतान परमेश्वर की हैसियत और अधिकार को बहुत स्पष्ट रूप से देखता है,

और वह परमेश्वर के अधिकार की शक्ति

और उसके अधिकार प्रयोग के पीछे के सिद्धांतों की गहरी समझ रखता है।

वह उन्हें नजरअंदाज करने की बिलकुल भी हिम्मत नहीं करता,

न ही वह किसी भी तरह से उनका उल्लंघन करने की या ऐसा कुछ करने की हिम्मत करता है,

जो परमेश्वर के अधिकार को लांघता हो,

और वह किसी भी तरह से परमेश्वर के कोप को चुनौती देने का साहस नहीं करता।

हालाँकि शैतान दुष्ट और अहंकारी प्रकृति का है,

लेकिन उसने कभी परमेश्वर द्वारा

उसके लिए निर्धारित हद और सीमाएँ लाँघने का साहस नहीं किया है।


2

लाखों वर्षों से उसने इन सीमाओं का कड़ाई से पालन किया है,

परमेश्वर द्वारा दी गई हर आज्ञा और आदेश का पालन किया है,

और कभी भी हद पार करने की हिम्मत नहीं की है।

हालाँकि शैतान दुर्भावना से भरा है,

लेकिन वह भ्रष्ट मानव-जाति से कहीं ज्यादा बुद्धिमान है;

वह सृष्टिकर्ता की पहचान जानता है,

और अपनी सीमाएँ भी जानता है।

शैतान के "विनम्र" कार्यों से

यह देखा जा सकता है कि परमेश्वर का अधिकार और सामर्थ्य स्वर्गिक आदेश हैं,

जिन्हें शैतान लांघ नहीं सकता,

और यह ठीक परमेश्वर की अद्वितीयता और उसके अधिकार के कारण है

कि सभी चीजें एक व्यवस्थित तरीके से बदलती और बढ़ती हैं,

ताकि मानव-जाति परमेश्वर द्वारा स्थापित क्रम के भीतर रह सके और वंश-वृद्धि कर सके,

कोई भी व्यक्ति या वस्तु इस आदेश को भंग करने में सक्षम नहीं है,

और कोई भी व्यक्ति या वस्तु इस व्यवस्था को बदलने में सक्षम नहीं है—

क्योंकि ये सभी सृष्टिकर्ता के हाथों से और सृष्टिकर्ता के आदेश और अधिकार से आते हैं।


—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I

पिछला: 926 परमेश्वर के अधिकार के तहत शैतान कुछ नहीं बदल सकता

अगला: 928 यद्यपि मनुष्य को शैतान ने धोखा देकर भ्रष्ट कर दिया है

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

775 तुम्हारी पीड़ा जितनी भी हो ज़्यादा, परमेश्वर को प्रेम करने का करो प्रयास

1समझना चाहिये तुम्हें कितना बहुमूल्य है आज कार्य परमेश्वर का।जानते नहीं ये बात ज़्यादातर लोग, सोचते हैं कि पीड़ा है बेकार:अपने विश्वास के...

610 प्रभु यीशु का अनुकरण करो

1पूरा किया परमेश्वर के आदेश को यीशु ने, हर इंसान के छुटकारे के काम को,क्योंकि उसने परमेश्वर की इच्छा की परवाह की,इसमें न उसका स्वार्थ था, न...

परमेश्वर का प्रकटन और कार्य परमेश्वर को जानने के बारे में अंत के दिनों के मसीह के प्रवचन मसीह-विरोधियों को उजागर करना अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ सत्य के अनुसरण के बारे में I सत्य के अनुसरण के बारे में न्याय परमेश्वर के घर से शुरू होता है अंत के दिनों के मसीह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर के अत्यावश्यक वचन परमेश्वर के दैनिक वचन सत्य वास्तविकताएं जिनमें परमेश्वर के विश्वासियों को जरूर प्रवेश करना चाहिए मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ राज्य का सुसमाचार फ़ैलाने के लिए दिशानिर्देश परमेश्वर की भेड़ें परमेश्वर की आवाज को सुनती हैं परमेश्वर की आवाज़ सुनो परमेश्वर के प्रकटन को देखो राज्य के सुसमाचार पर अत्यावश्यक प्रश्न और उत्तर मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 1) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 2) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 3) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 4) मसीह के न्याय के आसन के समक्ष अनुभवात्मक गवाहियाँ (खंड 5) मैं वापस सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास कैसे गया

सेटिंग

  • इबारत
  • कथ्य

ठोस रंग

कथ्य

फ़ॉन्ट

फ़ॉन्ट आकार

लाइन स्पेस

लाइन स्पेस

पृष्ठ की चौड़ाई

विषय-वस्तु

खोज

  • यह पाठ चुनें
  • यह किताब चुनें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें