872 परमेश्वर बहुत बड़े अपमान को सहन करता है
1 दो हजार साल पहले वह कई वर्षों तक पापियों के साथ रहा। वह पाप-मुक्ति के लिए था। आज वह गंदे, नीच लोगों के एक समूह के साथ रह रहा है। यह उद्धार के लिए है।और यदि यह मानव जाति को बचाने के लिए न होता, क्यों वह दूसरी बार देह में लौट आता, इस जगह में पैदा होता जहाँ दुष्ट आत्माएँ इकट्ठी होती हैं, और इन लोगों के साथ रहता जिन्हें शैतान ने गहराई से भष्ट कर रखा है? इन सबका मतलब केवल इतना है कि मानव जाति के लिए परमेश्वर का प्रेम बहुत निस्वार्थ है, जो पीड़ा और अपमान वह सहता है वह अत्यधिक है! क्या तुम लोग यह नहीं जानते कि वह तुम सभी के लिए, और तुम लोगों की नियति के लिए, इतने बड़े अपमान को सहता है?
2 सभी मानव जाति के अस्तित्व को बनाये रखने के लिए वह एक दूषित भूमि में पैदा होना और सभी अपमान को भुगतना पसंद करेगा। परमेश्वर बहुत वास्तविक है—वह कोई मिथ्या कार्य नहीं करता है। क्या उसके कार्य का हर चरण इतने व्यावहारिक रूप से नहीं किया गया है? यद्यपि लोग उसकी निंदा करते हैं और कहते हैं कि वह पापियों के साथ मेज पर बैठता है, भले ही सब लोग उसका मज़ाक उड़ाते हैं और कहते हैं कि वह गन्दगी के पुत्रों के साथ रहता है, सबसे अधम लोगों के साथ, वह अब भी निस्वार्थ रूप से अपने आप को समर्पित करता है, और वह अभी भी मानव जाति के बीच इस तरह तिरस्कृत कर दिया जाता है। इस तरह वह जिस कष्ट को सहन करता है, क्या वह तुम लोगों की अपेक्षा अधिक नहीं? क्या उसका कार्य तुम लोगों के द्वारा भुगतान की गई कीमत से ज्यादा नहीं है?
— "वचन देह में प्रकट होता है" में "मोआब के वंशजों को बचाने का महत्व" से रूपांतरित