44 परमेश्वर के कर्म व्याप्त हैं ब्रह्मांड के विशाल विस्तार में

1

परमेश्वर देखता है सब कुछ ऊपर से,

और सभी चीज़ों पर प्रभुत्व रखता ऊपर से।

साथ ही, पृथ्वी पर भेजा है अपना उद्धार परमेश्वर ने।

हर समय परमेश्वर देख रहा है अपने गुप्त स्थान से,

इंसान की हर चाल और उसकी कथनी-करनी को।

खुली किताब की तरह परमेश्वर जाने इंसान को।

वो गुप्त स्थान है परमेश्वर का निवास,

नभ-मंडल है वो बिस्तर जिस पर वो लेटे।

शैतान की शक्ति पहुँच न सके परमेश्वर तक,

क्योंकि प्रताप, धार्मिकता और न्याय से भरपूर है वो।


2

जो कुछ है परमेश्वर उस पर कदम रख चुका है,

पूरे ब्रह्मांड पर नज़र डाल चुका है।

परमेश्वर चला है इंसान के बीच,

चखे हैं कड़वे-मीठे सभी स्वाद इंसानी दुनिया के;

लेकिन इंसान कभी उसे सही में पहचान न पाया,

देखा नहीं उसने जब परमेश्वर चल रहा था विदेश में।

क्योंकि परमेश्वर ख़ामोश था,

कुछ अलौकिक न करता था,

इसलिए किसी ने कभी उसे देखा नहीं।

चीज़ें अब वैसी नहीं जैसी पहले थीं:

परमेश्वर करेगा ऐसी चीज़ें,

जो किसी युग में देखी नहीं गईं,

परमेश्वर कहेगा ऐसे वचन,

जो युगों में कभी सुने नहीं गए,

क्योंकि वो चाहे इंसान जाने देहधारी परमेश्वर को।


—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचन, अध्याय 5 से रूपांतरित

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