व्यक्तिगत प्रतिशोध के लिए शक्ति के दुरूपयोग का सार
कुछ समय पहले हमे अपने क्षेत्र में ज़िलों का चयन करना पड़ता था, और अगुआओं को चुनने के लिए हमारे सिद्धांतों के आधार पर एक भाई होता था जो तुलनात्मक तौर पर एक उपयुक्त उम्मीदवारहोता था। मैंने उसे ज़िले का अगुआ चुनने की तैयारी कर ली। एक दिन मैं जब इस भाई के साथ बातचीत कर रही थी; उसने उल्लेख किया कि वह ऐसा महसूस करता था कि मै अपने काम में अत्यधिक व्यस्त हो गयी थी, बहुत अधिक, और मेरे साथ बैठने में कुछ आनंद नहीं आ रहा था...। जब मैंने यह सुना, मुझे लगा कि मैं बहुत घटिया हूँ। मुझे बहुत बुरा लगा; मैंने तुरंत ही इस भाई के लिए एक धारणा विकसित कर ली, और उसके बाद मैंने उसे ज़िला के अगुआ के रूप में चुनने की कोई योजना नहीं बनाई।
जब मैं अपने मेजबान परिवार के पास लौटी, मैं तब भी परेशान थी और शांत नहीं हो पाईथी। उस समय मैंने एक उपदेश के एक अंश के बारे में सोचा: "अगुआ के तौर पर कार्य करने वाले लोग उन भाइयों और बहनों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं जो उनके साथ सहमत नहीं होते, जो उनका विरोध करते हैं, और जो उनके विचारों से बिल्कुल भिन्न विचार रखते हैं, यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है और इससे सावधानी से निपटना चाहिए। अगर वे इस मुद्दे के सत्य में प्रवेश नहीं करते, तो वे निश्चित तौर पर भेदभाव करेंगे और जब वे इस प्रकार के मुद्दे का सामना करेंगे तो वे इस प्रकार के लोगों की निंदा करेंगे। इस प्रकार की हरकत, सटीकता से महान लाल ड्रैगन की प्रकृति की एक अभिव्यक्ति है, जो परमेश्वर का विरोध और विश्वासघात करती है। अगर अगुआ के तौर पर कार्य करने वाले सत्य का अनुसरण करें और उनके पास ज़मीर हो, और विवेक हो, वे सत्य खोजेंगे और इस मामले का सही प्रकार से प्रबंधन करेंगे। ...बतौर जनता, हमें न्यायप्रिय और उचित होने की आवश्यकता है। बतौर अगुआ, हमें परमेश्वर के वचनोंके अनुसार इनका प्रबंधन करना चाहिए ताकि हम उसके साक्षी बन सकें। अगर हम सभी कुछ अपनी इच्छासे करें, जिसमें हम अपनी भ्रष्टप्रवृत्ति को खुला छोड़ दें, तो वह एक भयंकर विफलता होगी" (ऊपर से संगति)। अपने उस भाई के साथ बातचीत के पहले और बाद में अपने दो बिल्कुल भिन्न रवैये की तुलना करने से रोक नहीं पाई। पहले तो मैं उसे ज़िला का अगुआ चुनने को तैयार थी, परंतु जब मैंने उससे बात की तो उसने कुछ ऐसी बातें कहीं जिसके कारण मेरा मुँह उतर गया, इसलिए उसके प्रति मैंने तुरंत अपना विचार बदल लिया और उसे चुनने की योजना को त्याग दिया। क्या यह स्थिति मेरी बदला लेने की ताकत का शोषण नहीं कर रही थी? इसमें और महान लाल ड्रैगन के बीच क्या अन्तर है, जो असहमत होने पर भेदभाव करता है और उन पर वार करता है? क्या इस प्रकार की कार्रवाईघिनौनी नहीं है? क्याकलीसिया एकसमाज की तरह ही नहीं है। कलीसिया में प्रत्येक स्तर के अगुआ मानवता से भरे लोग होने चाहिए, जो सत्य से प्रेम करते हों, और जो सत्य को स्वीकार कर सकें। उसे ऐसे व्यक्तियों की कोई आवश्यकता नहीं है जो चापलूस हों, जिनमें सच की वास्तविकता नहीं होती है। परंतु मैं जो कुछ भी कर रही थी वह परमेश्वर की इच्छाके विपरीत था। एक उम्मीदवार का चयन करते समय मैंने केवल अपनी रुचि के बारे में सोचा और जैसे ही दूसरे व्यक्ति ने मेरा समर्थन नहीं किया,जब उसने कुछ ऐसा कहा जो मुझे मंज़ूर नहीं था, मैंने उसके साथ भेदभाव किया और उसे नापसंद किया। क्या मेरा इस प्रकार का व्यवहार सहीमायने में महान लाल ड्रैगन की प्रतिरोधी और परमेश्वर को धोखा देने वाली प्रकृति का खुलासानहीं कर रहा था? क्या यह सटीक तौर परशैतान के स्वभाव का खुलासा नहींकर रहा था, "मुझे समर्पित हो जाओ या मिट जाओ"? इस प्रकार का व्यवहार करना शैतान का नौकर होने जैसा नहीं था, परमेश्वरके काम में रुकावट पैदा करना और उसका शत्रु बन जाना? क्या मेरा हृदय इतना क्रूर है? कलीसिया किसी कोएक पद के लिए चुनने वाला था, और वह भाई ज़िले का अगुआ बनने के लिए एक उपयुक्त उम्मीदवार था। मेरे बारे में उसका आकलन मुझे स्वीकार नहीं था; मुझे इस मामले में सच्चाई को जानना चाहिए था और उसके विचार को स्वीकार कर लेना चाहिए था। मुझे स्वयं की जाँच कर लेनी चाहिए थी और स्वयं को जान लेना चाहिए था, और अपने काम में अपनी कमियों को दूर करना चाहिए था। यद्यपि, मैंने अपने भीतर के कारणोंको नहीं देखा, परंतु मैंने अपने अंदर के शैतान के स्वभाव को उसके साथ भेदभाव करने और उससे बदला लेने की खुली छूट दे दी। मैं इतनी घमंडी, मानवतारहित हूँ! मेरी यह प्रवृत्तिपरमेश्वर के लिए इतनी घिनौनी थी! अगर मैं इस प्रकार की खुली छूट अपनी भ्रष्ट प्रकृति को देना जारी रखती, तो मैं शैतान का एक घमंडी नौकर बन जाती जिसने परमेश्वरसे मुंहमोड़ा हुआ है और नष्ट हो जाती। मैं सच में संकट में थी। उस समय मैं और कुछ नहीं कर सकती थी, बस अपने विचारों और कार्यवाहियों के प्रति काँप सकती थी, स्वयं को महान लाल ड्रैगन के विष से भरा हुआ देख रही थी, और जो कुछ भी दिख रहा था वह परमेश्वरके विरुद्ध शत्रुता थी। परमेश्वर सच में इससे घृणा करता है और इस से चिढ़ता है।
हे परमेश्वर, मेरे शीघ्रप्रबुद्धता के लिए, जो आपने मुझे भेदभाव वाले स्वभाव से रोका, मुझे शैतान के रूप में आपके शत्रु के रूप में दिखाने के लिए आपका धन्यवाद। इस दिन के बाद से मैं अपने स्वभाव में बदलाव लाने के लिए इच्छुक हूँ, और जबमैं उन लोगों का सामना करुँगी, जो लोग या वस्तुएं मुझे स्वीकार नहीं होंगी, मैं स्वयं को किनारे कर के,शरीर को बचाने के लिए, और कलीसिया के हितों को सुरक्षित करने के लिए अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए अथक प्रयास करुँगी।
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