सर्वशक्तिमान परमेश्वर और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया

5 लेख

परमेश्वर के प्रकटन को उसके न्याय और ताड़ना में देखना

प्रभु यीशु मसीह के करोड़ों अनुयायियों के समान हम बाइबल की व्यवस्थाओं और आज्ञाओं का पालन करते हैं, प्रभु यीशु मसीह के विपुल अनुग्रह का आनंद लेते हैं, और प्रभु यीशु मसीह के नाम पर एक साथ इकट्ठे होते हैं, प्रार्थना, प्रशंसा और सेवा करते हैं – और यह सब हम प्रभु की देखभाल और सुरक्षा के अधीन करते हैं। हम कई बार निर्बल, और कई बार बलवान होते हैं। हम विश्वास करते हैं कि हमारे सभी कार्य प्रभु की शिक्षाओं के अनुसार हैं। यह कहने की आवश्यकता नहीं, कि तब, हम स्वयं भी स्वर्ग में पिता की इच्छा के अनुसार आज्ञाकारिता के मार्ग पर चलने में विश्वास करते हैं। हम प्रभु यीशु के लौटने की, प्रभु यीशु के महिमामय आगमन की, पृथ्वी पर हमारे जीवन के अंत की, परमेश्वर के राज्य के प्रकट होने की, और उन सब बातों की अभिलाषा करते हैं जिनकी प्रकाशितवाक्य की पुस्तक में भविष्यवाणी की गई थी: प्रभु आते हैं, आपदा लाते हैं, भलों को पुरस्कार और दुष्टों को दण्ड देते हैं, एवं उन सभी को जो उनका अनुसरण करते हैं और उनकी वापसी का स्वागत करते हैं, प्रभु से मिलने के लिए हवा में ले जाते हैं। हर बार जब हम इस बारे में सोचते हैं, तो हम भावनाओं से अभिभूत हो जाते हैं। हम आभारी हैं कि हम अंतिम दिनों में जन्मे हैं, और प्रभु के आगमन के गवाह बनने के लिए बहुत सौभाग्यशाली हैं। यद्यपि हमने उत्पीड़न सहा है, परन्तु वह "महिमा के अत्यधिक बड़े और शाश्वत गौरव" के बदले में है; यह कितना बढ़िया आशीष है! यह समस्त अभिलाषा और प्रभु द्वारा प्रदान किया गया अनुग्रह, हमें प्रार्थना में अक्सर शांत बनाता है, और अक्सर हमें एक साथ लाता है। शायद अगले वर्ष, शायद कल, या शायद उससे भी पहले, जब लोग उसकी आशा नहीं करते हैं; प्रभु अचानक आएँगे, और लोगों के उस समूह के बीच प्रकट होंगे जो मनोयोग पूर्वक उनकी प्रतीक्षा करता आ रहा है।

11 मई, 2017

चीन में अंतिम दिनों के मसीह के प्रकटन और उनके कार्य की पृष्ठिभूमि के बारे में एक संक्षिप्त परिचय

चीन, महान लाल अजगर के रहने का स्थान है और सम्पूर्ण इतिहास में, यही वह स्थान है जहां परमेश्वर का सबसे अधिक विरोध हुआ और निंदा की गई है। चीन दानवों के एक किले के समान है और शैतान के द्वारा एक अगम्य एवं अभेद्य जेल का नियंत्रण किया जाता है। इसके अलावा, महान लाल अजगर के प्रशासन के सभी स्तरों पर पहरेदारी है और प्रत्येक घर की मोर्चाबंधी की गयी है। परिणामस्वरूप, परमेश्वर के सुसमाचार को फैलाना और उनके कार्य करना इससे अधिक कठिन कहीं भी नहीं है । जब सन् 1949 में चीनी साम्यवादी पार्टी सत्ता में आई, तो चीन की मुख्यभूमि में धार्मिक विश्वास पर प्रतिबंध लगाकर उसे पूरी तरह से दबा दिया गया। लाखों मसीहियों ने सार्वजनिक अपमान,अत्याचार और क़ैद का सामना किया। सभी कलीसियाओं को पूरी तरह से बंद कर उनका सफाया कर दिया गया। यहां तक कि घर की सभाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया। यदि कोई किसी सभा में भाग लेता हुआ पकड़ा जाता तो उसे जेल में डाल दिया जाता और यहां तक कि उसकी गर्दन उड़ा दी जाती । उस समय धार्मिक गतिविधियां बिना सुराग़ के लगभग गायब हो गईं । केवल कुछ ही संख्या में मसीहियों ने निरंतर परमेश्वर पर विश्वास बनाए रखा, परन्तु वे केवल ख़ामोशी से कलीसिया को पुनर्जीवित करने के लिए याचना करते हुए परमेश्वर से प्रार्थना और अपने हृदयों में उसकी आराधना के गीत गा सकते थे। अंततः 1981 में, कलीसिया वास्तव में पुनर्जीवित हुई और चीन में व्यापक पैमाने पर पवित्र आत्मा ने अपना कार्य करना प्रारम्भ कर दिया। कलीसियाएं अब बसंत की बारिश के बाद बांस की शाखाओं के समान फूट कर उभर रही थीं और अधिक से अधिक संख्या में लोगों ने परमेश्वर पर विश्वास करना प्रारम्भ कर दिया । सन् 1983 में, जब कलीसिया का पुनरुद्धार अपने चरमोत्कर्ष पर पहुंच गया, तो चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी ने क्रूर दमन का एक नया दौर प्रारम्भ किया। लाखों लोगों को गिरफ्तार करके हिरासत में ले लिया गया और उन्हें श्रम के माध्यम से शिक्षित किया गया। महान लाल अजगर के प्रशासन ने परमेश्वर के विश्वासियों को केवल सरकार द्वारा गठित तीन-स्व देशभक्त चर्च में शामिल होने की अनुमति प्रदान की। सीसीपी सरकार ने तीन-स्व देशभक्त चर्च का गठन किया, भूमिगत चर्चों को पूरी तरह से हटाने और दृढ़ता से प्रभु में उन विश्वासियों को सरकार के नियंत्रण में लाने के लिए प्रयास किया। ऐसा माना जाता है सरकार कि विश्वास पर प्रतिबंध लगाने और चीन को बिना परमेश्वर का देश बनाने का लक्ष्य प्राप्त करने का यही एक ही रास्ता था। परन्तु पवित्र आत्मा ने घर की कलीसियाओं तथा परमेश्वर पर वास्तव में विश्वास करने वाले लोगों में अपना अत्याधिक कार्य जारी रखा, जिसे रोकने के लिए सीसीपी सरकार के पास कोई रास्ता नहीं बचा था। उस समय, घर की कलीसियाओं में पवित्र आत्मा के कार्य हो रहे थे, अंतिम दिनों के मसीह ने चुपचाप अपना कार्य प्रकट किया, सत्य को व्यक्त करना शुरू किया और परमेश्वर के घर से प्रारम्भ होने वाले न्याय के कार्य करने लगा।

12 मई, 2017

सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की उत्पत्ति और विकास

अनुग्रह के युग में, प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों से वादा किया, "और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूँ, तो फिर आकर तुम्हें अपने...

13 मई, 2017

चीन में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार का प्रसार

1995 में, चीन के मुख्य भूभाग में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के राज्य के सुसमाचार के प्रमाणीकरण का कार्य औपचारिक रूप से शुरु हुआ। परमेश्वर के प्रति हमारे आभार और एक ऐसे प्रेम के साथ जो सच्चा था, हमने विभिन्न दलों और सम्प्रदायों के भाई-बहनों के सामने सर्वशक्तिमान परमेश्वर के स्वरूप और कार्य का प्रमाण प्रस्तुत किया। हमने यह उम्मीद नहीं की थी कि उनके नेताओं से अत्यधिक विरोध और लांछन का सामना करना होगा। हम केवल सर्वशक्तिमान परमेश्वर के सामने आकर निष्ठापूर्वक प्रार्थना कर सकते थे, परमेश्वर से उनके व्यक्तिगत रूप में आने का अनुनय करते हुए। 1997 से आगे, हमने पवित्र आत्मा को एक भव्य स्तर पर कार्य करते हुए देखा। विभिन्न स्थानों पर स्थित कलीसियाएं के सदस्यों की संख्या में तेज बढ़ोतरी हुई। साथ ही, कई शुभ संकेत और चमत्कार हुए, और विभिन्न दलों और सम्प्रदायों के कई लोग सर्वशक्तिमान परमेश्वर के पास लौट आये, उनके प्रकटीकरण और इन शुभ संकेतों और चमत्कारों को देख कर। यदि पवित्र आत्मा ने कार्य नहीं किया होता, तो मनुष्य क्या कर सकता था? इसने हमें यह बोध करा दिया : हालाँकि हमें कुछ सत्य समझ में आ रहे थे, हम केवल अपनी मानवीय ताकत के भरोसे सर्वशक्तिमान परमेश्वर के सामने प्रमाण प्रस्तुत नहीं कर सकते थे। विभिन्न दलों और सम्प्रदायों के इन लोगों के द्वारा सर्वशक्तिमान परमेश्वर को स्वीकार करने के बाद, वे सर्वशक्तिमान परमेश्वर के ही वचनों को खाने-पीने और उनसे आनंदित होकर, क्रमशः अपने दिलों में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के विषय में निश्चयबद्ध हो गए, और कुछ समय के बाद, उनमें एक सच्ची आस्था और आज्ञाकारिता का उदय हुआ। इस तरह हर दल और सम्प्रदाय के लोगों का सिंहासन के सामने उत्थान हुआ, और अब उन्हें प्रतीक्षा नहीं रही थी “परमेश्वर से आसमान में मिलने” की, जैसी कि उन्होंने कल्पना की थी।

14 मई, 2017

हाय उन पर जो परमेश्वर को पुनः क्रूस पर चढ़ाते हैं

अंतिम दिनों में, परमेश्वर ने कार्य करने के लिए चीन में देह धारण किया, और लाखों वचनों को व्यक्त किया, अपने वचनों से लोगों के समूह का दिल जीता, और उन्हें बचाया और परमेश्वर के घर से शुरुआत करके न्याय के नए युग का परिचय करवाया। आज, अंतिम दिनों के परमेश्वर के कार्यों का प्रसार चीन के मुख्य भूभाग में अपने चरमोत्कर्ष पर पहुँच गया है। कैथोलिक चर्च के अधिकांश लोग और सत्य की खोज करने वाले सभी ईसाई संप्रदाय और पंथ परमेश्वर की सत्ता के समक्ष लौट आए हैं। देहधारी परमेश्वर ने बाइबल में की गई भविष्यवाणी “मनुष्य के पुत्र का रहस्यमयी तरीके से आगमन” को पूरा किया और जल्दी ही सार्वजनिक रूप से दुनिया के प्रत्येक देश और स्थान में प्रकट होंगे। प्रत्येक देश और जगह के लोग जिनमें परमेश्वर की उपस्थिति की प्यास है वे परमेश्वर के सार्वजनिक प्रकटन पर नजर रखेंगे। कोई भी शक्ति परमेश्वर के राज्य में बाधक नहीं बन सकती है या उसे नष्ट नहीं कर सकती है और कोई भी जो परमेश्वर का विरोध करता है वह परमेश्वर के क्रोध का दण्ड भुगतेगा, जैसा कि परमेश्वर के वचनों में कहा गया है:“मेरा राज्य सारे विश्व के ऊपर आकार लेने लगा है, और मेरा सिंहासन अरबों खरबों लोगों के हृदयों में कब्जा करने लगा है। स्वर्गदूतों की सहायता से, मेरी महान उपलब्धि को जल्द ही सफलतापूर्वक पूरा कर दिया जाएगा। मेरे पुत्र और मेरे लोगों की सारी भीड़, बेचैनी से मेरी वापसी का इन्तज़ार करते हैं, और मेरे साथ उनके फिर से एक होने, तथा फिर कभी जुदा न होने की कल्पना करते हैं। मेरे राज्य के सारे निवासी, जबकि मैं उनके साथ हूँ, तो एक दूसरे के साथ क्यों उत्सव मनाते हुए यहाँ वहाँ नहीं भाग सकते हैं? क्या यह एक बेशकीमती पुनःमिलन हो सकता है? मैं हर किसी की नज़रों में सम्मानित हूँ, और हर किसी के शब्दों के द्वारा मेरी घोषणा होती है। जब मैं वापस आऊँगा, तब मैं शत्रु की ताकतों पर और भी अधिक विजय पाऊँगा। समय आ गया है! मैं अपने कार्य को वेग से करना चाहता हूँ, मैं मनुष्यों के मध्य सर्वोच्चता से शासन करना चाहता हूँ! मैं वापस आ रहा हूँ! मैं जा रहा हूँ! हर कोई यही कल्पना कर रहा है, वे क्या आशा कर रहे हैं? मैं चाहता हूँ कि हर कोई मेरे दिन के आगमन को देखे और आनन्दपूर्वक मेरे दिन के आगमन का स्वागत करें।”

15 मई, 2017

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