Hindi Christian Skit | गांव के महापौर की सीमाएं | Why Are Christians Forced to Flee Their Homes?
26 अक्टूबर, 2018
लघु-नाटिका – 'गांव के महापौर की सीमाएं' एक ईसाई पति-पत्नी की सत्यकथा है जिन्हें सीपीपी सरकार की यातनाएँ गाँव छोड़कर भागने पर मजबूर कर देती हैं।
परमेश्वर में विश्वास रखने के कारण, सीपीपी ईसाई लियू मिंगेन को सात साल के लिये जेल में डाल देती है। जेल से रिहाई के बाद भी सीपीपी मिंगेन पर नज़र रखती है। गाँव का महापौर पाँच घरों की साझा ज़िम्मेदारी प्रणाली, सुरक्षा कैमरे, घर के चक्कर लगाने और दूसरे तरीकों से लियू मिंगेन को परमेश्वर में आस्था रखने से रोकता है, लेकिन ये सारी चीज़ें बेअसर साबित होती हैं। एक बार फिर महापौर के पास केंद्रीय पार्टी की अहम सरकारी सूचना आती है, उसके बाद लियू और उनकी पत्नी को परमेश्वर में आस्था रखने से रोकने वाले बयान पर दस्तख़त करने के लिये वह तरह-तरह के हथकंडे अपनाता है। लेकिन जब उसका कोई हथकंडा कामयाब नहीं होता, तो पुलिस उन पति-पत्नी को गिरफ्तार करने के लिये आती है। गिरफ्तारी से बचने और परमेश्वर में आस्था बनाए रखने के लिये, लियू मिंगेन और उनकी पत्नी घर छोड़ने को मजबूर हो जाते हैं।
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