Christian Movie | Chronicles of Religious Persecution in China | "ज़ख्म के निशान"

02 नवम्बर, 2020

वर्ष 1949 में मेनलैण्ड चीन में सत्ता में आने के बाद से, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी धार्मिक आस्था का निरंतर उत्पीड़न करने में लगी रही है। इसने पागलों की तरह ईसाइयों को बंदी बनाया है और उनकी हत्या की है, चीन में काम कर रहे मिशनरियों को निष्काषित किया है और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया है, बाइबल की अनगिनत प्रतियां जब्त कर जला दी गयीं हैं, कलीसिया की इमारतों को सीलबंद कर दिया गया है और ढहाया जा चुका है, सभी गृह कलीसिया को जड़ से उखाड़ फैंकने का प्रयास किया जा चुका है। यह वृत्तचित्र एक चीनी ईसाई और सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया की एक अगुआ चेंग रुई की सच्ची कहानी बयाँ करती है, जिसे सीसीपी ने उसकी आस्था के कारण गिरफ़्तार कर जेल में डाल दिया था। सीसीपी द्वारा 2009 में, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया के उन्मादी उत्पीड़न के एक नये दौर में, चेंग रुई की गुप्त निगरानी करके उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है, जिसके बाद उसे अमानवीय, क्रूर यातना और अकल्पनीय अपमान सहते हुए जेल का अंधकारपूर्ण, अन्यायपूर्ण जीवन बिताना पड़ता है।

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