परमेश्वर के दैनिक वचन : परमेश्वर के कार्य को जानना | अंश 219

23 अप्रैल, 2021

अब वह समय है जब मेरा आत्मा बड़ी चीजें कर रहा है, और वह समय है जब मैं अन्यजाति देशों के बीच कार्य आरंभ कर रहा हूँ। इससे भी अधिक, यह वह समय है जब मैं सभी सृजित प्राणियों को वर्गीकृत कर रहा हूँ और प्रत्येक को उसकी संबंधित श्रेणी में रख रहा हूँ, ताकि मेरा कार्य अधिक स्फूर्ति से और प्रभावशाली ढंग से आगे बढ़ सके। और इसलिए, जो मैं तुम लोगों से माँग करता हूँ वह अभी भी है कि तुम लोग मेरे सम्पूर्ण कार्य के लिए अपने पूरे अस्तित्व को अर्पित करो; और, इसके अतिरिक्त, कि तुम्हें उस सम्पूर्ण कार्य को स्पष्ट रूप से जान लेना चाहिए और उसके प्रति निश्चित हो जाना चाहिए जो मैंने तुम लोगों में किया है, और मेरे कार्य में अपनी पूरी ताक़त लगा देनी चाहिए ताकि यह और अधिक प्रभावी हो सके। इसे ही तुम लोगों को अवश्य समझ लेना चाहिए। बहुत पीछे तक ढूँढते हुए, या दैहिक सुख की खोज करते हुए, स्वयं से लड़ना बंद करो, जो मेरे कार्य में विलंब करवाएगा और तुम्हारे बेहतरीन भविष्य को ख़राब कर देगा। ऐसा करना, तुम लोगों को सुरक्षा देने में समर्थ होने से दूर यह केवल तुम लोगों पर बर्बादी लाएगा। क्या यह तुम लोगों की मूर्खता नहीं होगी? जिसका तुम लोग आज लालच के साथ आनन्द उठा रहे हो यही वह चीज़ है जो तुम लोगों के भविष्य को बर्बाद कर रही है, जबकि वह दर्द जिसे तुम लोग आज सह रहे हो यही वह चीज़ है जो तुम लोगों की सुरक्षा कर रहा है। तुम लोगों को इन चीज़ों के प्रति स्पष्ट रूप से जागरूक अवश्य हो जाना चाहिए ताकि उन प्रलोभनों से दूर रहा जाए और जिससे बाहर निकलने के लिए तुम्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी और उस घने कोहरे में प्रवेश करने से बचा जाए जो धूप को रोक देता है। जब घना कोहरा छँटेगा, तो तुम लोग अपने आपको महान दिन के न्याय में पाओगे। उस समय तक, मेरा दिन मनुष्य तक पहुँच चुका होगा? तुम लोग मेरे न्याय से कैसे बच निकलोगे? तुम सूर्य की झुलसा देनेवाली गर्मी को सहन करने में कैसे समर्थ होगे? जब मैं मनुष्य पर अपनी विपुलता प्रदान करता हूँ, तो वह उसे अपने आँचल में नहीं सँजोता है, बल्कि उसके बजाए उसे ऐसी जगहों में फेंक देता है जहाँ इस पर कोई ध्यान नहीं देता है। जब मेरा दिन मनुष्य पर उतरेगा, तो वह मेरी विपुलता को खोज पाने या उस सच्चाई के कड़वे वचनों का पता लगाने में अब और समर्थ नहीं होगा जो मैंने उसे बहुत पहले बोले थे। वह बिलखेगा और रोएगा, क्योंकि उसने प्रकाश की चमक को खो दिया है और अंधकार में गिर गया है। आज जो तुम लोग देखते हो वह मात्र मेरे मुँह की तीखी तलवार है। तुम लोगों ने मेरे हाथ में छड़ी या उस ज्वाला को नहीं देखा है जिससे मैं मनुष्य को जलाता हूँ, और इसीलिए तुम लोग अभी भी मेरी उपस्थिति में अभिमानी और असंयमी हो। इसीलिए तुम लोग उस बात पर मानव जिह्वा के साथ विवाद करते हुए जो मैंने तुम लोगों से कही थी, अभी भी मेरे घर में मेरे साथ लड़ते हो। मनुष्य मुझसे नहीं डरता है, यद्यपि आज तक मेरे साथ शत्रुता जारी रख रहा है, उसे तब भी बिल्कुल भी कोई भय नहीं है। तुम लोगों के मुँह में अधर्मी जिह्वा और दाँत हैं। तुम लोगों के वचन और कार्य उस साँप के समान हैं जिसने हव्वा को पाप करने के लिए प्रलोभित किया था। तुम लोग एक दूसरे से आँख के बदले आँख और दाँत के बदले दाँत की माँग करते हो, और तुम लोग अपने लिए पद, प्रतिष्ठा और लाभ को झपटने के लिए मेरी उपस्थिति में संघर्ष करते हो, फिर भी तुम लोग नहीं जानते हो कि मैं गुप्त रूप से तुम लोगों के वचनों एवं कर्मों को देख रहा हूँ। यहाँ तक कि इस से पहले कि तुम लोग मेरी उपस्थिति में भी आओ, मैंने तुम लोगों के हृदयों की ठीक तली की ही थाह ले ली है। मनुष्य हमेशा मेरे हाथ की पकड़ से बच निकलना और मेरी आँखों के निरीक्षण से बचना चाहता है, किन्तु मैं कभी भी उसके वचनों या कर्मों से कतराया नहीं हूँ। इसके बजाए, मैं उद्देश्यपूर्ण ढंग से उन वचनों और कर्मों को अपनी नज़रों में प्रवेश करने की अनुमति देता हूँ ताकि मैं उनकी अधार्मिकता को ताड़ना दे सकूँ, और उसके विद्रोह पर न्याय निष्पादित कर सकूँ। इस प्रकार, मनुष्य के गोपनीय वचन और कर्म हमेशा मेरे न्याय के आसन के सामने रहते हैं, और मेरे न्याय के आसन ने मनुष्य को कभी नहीं छोड़ा है, क्योंकि उसका विद्रोह बहुत ज़्यादा है। मेरा कार्य मनुष्य के उन सभी वचनों और कर्मों को जला कर शुद्ध करना है जो मेरी आत्मा की उपस्थिति में कहे और किए गए थे। इस तरह से, जब मैं पृथ्वी से चला जाऊँगा, तो मनुष्य तब भी मेरे प्रति वफादारी को बनाए रखने में समर्थ होगा, और पृथ्वी पर मेरे कार्य को उस दिन तक निरन्तर होने देते हुए जब तक कि वह पूरा न हो जाए, तब भी मेरी सेवा उसी तरह से करेगा जैसे मेरे पवित्र सेवक मेरे कार्य में करते हैं।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, सुसमाचार को फैलाने का कार्य मनुष्य को बचाने का कार्य भी है

परमेश्वर के कार्य के लिए पूरी तरह समर्पित हो जाओ

1

परमेश्वर का आत्मा कर रहा है महान काम अभी। अन्य जातियों के बीच हो चुका है शुरू काम उसका। तेज़ी से और प्रभावी ढंग से काम करने के लिए, वो सभी सृजित प्राणियों को वर्गों में है बांटता। अपना पूरा अस्तित्व समर्पित कर दो उसके काम के लिए। समझो और जानो वो सब कुछ किया जो उसने तुम्हारे लिए। अपनी सारी ताक़त लगा दो, उसका काम बनाओ प्रभावी। यही है जो तुम्हें है समझना।

2

लड़ो नहीं, बाहर निकलने की राह खोजो नहीं, विलासिता की लालसा करो नहीं। यह देरी करता है परमेश्वर के काम में, बिगाड़ता है तुम्हारा उत्कृष्ट भविष्य, सुरक्षा के बजाय लाता है विनाश। तो, क्या यह तुम्हारी मूर्खता नहीं होगी? आज लालची बन जिन चीज़ों का तुम लेते हो मज़ा, वही हैं जो कर रही हैं तुम्हारा भविष्य बर्बाद। लेकिन जो दर्द तुम सह रहे हो आज वही कर रहा है तुम्हारी सुरक्षा, रख रहा है तुम्हें सकुशल। अपना पूरा अस्तित्व समर्पित कर दो उसके काम के लिए। समझो और जानो वो सब कुछ किया जो उसने तुम्हारे लिए। अपनी सारी ताक़त लगा दो, उसका काम बनाओ प्रभावी। यही है जो तुम्हें है समझना।

3

ध्यान दो और इन सभी चीज़ों के बारे में स्पष्ट रहो, ताकि तुम फंसो न प्रलोभन में, जिससे निकलना है बहुत ही मुश्किल, या फंस न बैठो घने कोहरे में तुम, और देख न पाओ सूरज दोबारा। जब धुंध होगी साफ़, तो तुम रहोगे महान दिन के न्याय में। अपना पूरा अस्तित्व समर्पित कर दो उसके काम के लिए। समझो और जानो वो सब कुछ किया जो उसने तुम्हारे लिए। अपनी सारी ताक़त लगा दो, उसका काम बनाओ प्रभावी। यही है जो तुम्हें है समझना।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, सुसमाचार को फैलाने का कार्य मनुष्य को बचाने का कार्य भी है से रूपांतरित

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