परमेश्वर के दैनिक वचन : जीवन में प्रवेश | अंश 523

02 मार्च, 2021

जब उसे परमेश्वर के द्वारा ताड़ना दिया जा रहा था, पतरस ने प्रार्थना की, "हे परमेश्वर! मेरी देह अनाज्ञाकारी है, और तू मुझे ताड़ना देता है और मेरा न्याय करता है। मैं तेरी ताड़ना और न्याय में आनन्दित होता हूँ, और भले ही तू मुझे न चाहें, फिर भी मैं तेरे न्याय में तेरे पवित्र और धर्मी स्वभाव को देखता हूँ। जब तू मेरा न्याय करता है, ताकि अन्य लोग तेरे न्याय में तेरे धर्मी स्वभाव को देख सकें, तो मैं संतुष्टि का एहसास करता हूँ। भले ही यह तेरे स्वभाव को प्रकट कर सकता है, और सभी प्राणियों के द्वारा तेरे धर्मी स्वभाव को देखने देता है, और यदि यह मेरे प्रेम को तेरे प्रति अधिक शुद्ध कर सकता है, ताकि मैं उसके स्वरूप को प्राप्त कर सकूँ जो धर्मी है, तो तेरा न्याय अच्छा है, क्योंकि तेरी अनुग्रहकारी इच्छा ऐसी ही है। मैं जानता हूँ कि अभी भी मेरे भीतर बहुत कुछ ऐसा है जो विद्रोही है, और मैं तेरे सामने आने के लिए अभी भी योग्य नहीं हूँ। मैं तुझसे चाहता हूँ कि तू और भी अधिक मेरा न्याय करें, चाहे क्रूर वातावरण के जरिए या बड़े क्लेश के जरिए; इस से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि तू मेरा न्याय कैसे करता है, क्योंकि यह मेरे लिए बहुमूल्य है। तेरा प्यार कितना गहरा है, और मैं बिना कोई शिकायत किए तेरी दया के आधार पर अपने आपको देने को तैयार हूँ।" यह पतरस का ज्ञान था जब उसने परमेश्वर के कार्य का अनुभव कर लिया था, और यह साथ ही परमेश्वर के प्रति उसके प्रेम की गवाही है। आज, तुम लोगों को पहले से ही जीत लिया गया है—परन्तु यह जीत तुम लोगों में किस प्रकार प्रकट होती है? कुछ लोग कहते हैं, "मेरी जीत परमेश्वर का सर्वोच्च अनुग्रह और उसकी प्रशंसा है। केवल अब मुझे एहसास होता है कि मनुष्य का जीवन खोखला और महत्वहीन है। जीने की कोई वजह नहीं है, इसके बजाय मेरा मर जाना ही बेहतर है। यद्यपि मनुष्य पीढ़ी दर पीढ़ी सन्तानों को उत्पन्न करने और उनकी परवरिश करने, भागदौड़ करते हुए जीवन बिताता है, अंत में मनुष्य को कुछ भी हासिल नहीं होता है। आज, परमेश्वर के द्वारा जीत लिए जाने के बाद ही मैंने देखा कि सिर्फ इस तरह जीने का कोई मूल्य नहीं है; यह वास्तव में एक अर्थविहीन जीवन ही है। मैं भी मर सकता हूँ और इसके साथ समाप्त हो सकता हूँ!" ऐसे लोग जिन पर विजय पायी जा चुकी है क्या उन्हें परमेश्वर के द्वारा ग्रहण किया जा सकता है? क्या वे आदर्श और नमूने बन सकते हैं? ऐसे लोग निष्क्रियता की मिसाल हैं, उनके पास आकांक्षाएँ नहीं हैं, और वे स्वयं की उन्नति के लिए संघर्ष नहीं करते हैं! भले ही अपने आपको वे ऐसा समझते हैं कि उन पर विजय पा ली गयी है, ऐसे निष्क्रिय लोग सिद्ध बनाए जाने के काबिल नहीं हैं। उसके जीवन के अंत के निकट, उसे सिद्ध बना दिए जाने के बाद, पतरस ने कहा "हे परमेश्वर! यदि मैं कुछ और वर्ष जीवित रहता, तो तेरे शुद्ध और गहरे प्रेम को हासिल करने की कामना करता।" जब वह क्रूस पर चढ़ाया ही जाने वाला था, उसने अपने हृदय में प्रार्थना की, "हे परमेश्वर! तेरा समय आ गया है, वह समय जो तूने मेरे लिए तैयार किया था वह आ गया है। मुझे तेरे लिए क्रूस पर चढ़ना होगा, मुझे तेरे लिए इस गवाही को देना होगा, और मैं आशा करता हूँ कि मेरा प्रेम तेरी मांगों को सन्तुष्ट करेगा, और यह और अधिक शुद्ध हो सकता है। आज, तेरे लिए मरने, और तेरे लिए क्रूस पर कीलों से ठोंके जाने के योग्य होना मेरे लिए तसल्ली और आश्वासन की बात है, क्योंकि तेरे लिए क्रूस पर चढ़ने और तेरी इच्छाओं को संतुष्ट करने, और स्वयं को तुझे देने, और स्वयं के जीवन को तेरे लिए अर्पित करने से बढ़कर कोई और बात मुझे तृप्त नहीं कर सकती है। हे परमेश्वर! तू कितना प्यारा है! यदि तू मुझे जीने की अनुमति देगा, तो मैं तुझसे और भी अधिक प्रेम करना चाहूँगा। जब तक मैं ज़िन्दा हूँ, मैं तुझसे प्रेम करूँगा। मैं तुझ से और भी अधिक गहराई से प्रेम करना चाहता हूँ। तू मेरा न्याय करता है, और मेरी ताड़ना करता है, और मेरी परीक्षा लेता है क्योंकि मैं धर्मी नहीं हूँ, क्योंकि मैं ने पाप किया है। और तेरा धर्मी स्वभाव मेरे लिए और अधिक स्पष्ट होता जाता है। यह मेरे लिए एक आशीष है, क्योंकि मैं तुझे और भी अधिक गहराई से प्रेम कर सकता हूँ, मैं तुझ से इस रीति से प्रेम करना चाहता हूँ भले ही तू मुझ से प्रेम नहीं करता है। मैं तेरे धर्मी स्वभाव को देखने की इच्छा करता हूँ, क्योंकि यह मुझे अर्थपूर्ण जीवन जीने के और काबिल बनाता है। मुझे लगता है कि मेरा जीवन और भी अधिक अर्थपूर्ण है, क्योंकि मैं तेरे लिए क्रूस पर चढ़ाया गया हूँ, और तेरे लिए मरना सार्थक है। फिर भी मुझे अब तक संतुष्टि का एहसास नहीं हुआ है, क्योंकि मैं तेरे बारे में बहुत थोड़ा सा ही जानता हूँ, मैं जानता हूँ कि मैं तेरी इच्छाओं को सम्पूर्ण रीति से पूरा नहीं कर सकता हूँ, और मैं ने बदले में तुझे बहुत ही कम अदा किया है। मेरे जीवन में, मैं अपना सब कुछ तुझे वापस लौटाने में असमर्थ रहा हूँ; और मैं उस से बहुत दूर हूँ। इस घड़ी जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ, तो मैं स्वयं को तेरा बहुत आभारी महसूस करता हूँ, और मेरी सभी ग़लतियों को सुधारने और जो प्रेम मैं ने तुझे नहीं दिया उसे अदा करने के लिए मेरे पास यही एक क्षण है।"

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, पतरस के अनुभव : ताड़ना और न्याय का उसका ज्ञान

और देखें

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

Leave a Reply

साझा करें

रद्द करें

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें