परमेश्वर के दैनिक वचन : परमेश्वर का प्रकटन और कार्य | अंश 46

19 मार्च, 2021

स्तुति सिय्योन तक आ गई है और परमेश्वर का निवास स्थान-प्रकट हो गया है। सभी लोगों द्वारा प्रशंसित, महिमामंडित पवित्र नाम फैल रहा है। आह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर! ब्रह्मांड का मुखिया, अंत के दिनों का मसीह—वह जगमगाता सूर्य है, जो पूरे ब्रह्मांड में प्रताप और वैभव में ऊँचे पर्वत सिय्योन पर उदित हुआ है ...

सर्वशक्तिमान परमेश्वर! हम हर्षोल्लास में तुझे पुकारते हैं; हम नाचते और गाते हैं। तू वास्तव में हमारा उद्धारकर्ता, ब्रह्मांड का महान सम्राट है! तूने विजेताओं का एक समूह बनाया है और परमेश्वर की प्रबंधन-योजना पूरी की है। सभी लोग इस पर्वत की ओर बढ़ेंगे। सभी लोग सिंहासन के सामने घुटने टेकेंगे! तू एकमेव सच्चा परमेश्वर है और तू ही महिमा और सम्मान के योग्य है। समस्त महिमा, स्तुति और अधिकार सिंहासन का हो! जीवन का झरना सिंहासन से प्रवाहित होता है, जो बड़ी संख्या में परमेश्वर के लोगों को सींचता और पोषित करता है। जीवन प्रतिदिन बदलता है; नई रोशनी और नए प्रकटन हमारा अनुसरण करते हैं, जो लगातार परमेश्वर के बारे में अंतर्दृष्टियाँ देते हैं। अनुभवों के बीच हम परमेश्वर के बारे में पूर्ण निश्चितता पर पहुँचते हैं। उसके वचन लगातार प्रकट किए जाते हैं, उनके भीतर प्रकट किए जाते हैं, जो सही हैं। हम सचमुच बहुत धन्य हैं! परमेश्वर से रोज़ाना आमने-सामने मिल रहे हैं, सभी बातों में परमेश्वर के साथ संवाद कर रहे हैं, और हर बात में परमेश्वर को संप्रभुता दे रहे हैं। हम सावधानीपूर्वक परमेश्वर के वचन पर विचार करते हैं, हमारे हृदय परमेश्वर में शांति पाते हैं, और इस प्रकार हम परमेश्वर के सामने आते हैं, जहाँ हमें उसका प्रकाश मिलता है। रोज़ाना अपने जीवन, कार्यों, वचनों, विचारों और धारणाओं में हम परमेश्वर के वचन के भीतर जीते हैं, और हम हमेशा पहचान करने में सक्षम होते हैं। परमेश्वर का वचन सुई में धागा पिरोता है; अप्रत्याशित ढंग से हमारे भीतर छिपी हुई चीज़ें एक-एक करके प्रकाश में आती हैं। परमेश्वर के साथ संगति देर सहन नहीं करती; हमारे विचार और धारणाएँ परमेश्वर द्वारा उघाड़कर रख दी जाती हैं। हर पल हम मसीह के आसन के सामने जी रहे हैं, जहाँ हम न्याय से गुज़रते हैं। हमारे शरीर के भीतर हर जगह पर शैतान का कब्ज़ा है। आज, परमेश्वर की संप्रभुता पुन: प्राप्त करने के लिए, उसके मंदिर को स्वच्छ करना होगा। पूरी तरह से परमेश्वर के अधीन होने के लिए हमें जीवन-मरण के संघर्ष में संलग्न होना होगा। केवल हमारी पुरानी अस्मिता को सलीब पर चढ़ाए जाने के बाद ही मसीह का पुनरुत्थित जीवन संप्रभुता में शासन कर सकता है।

अब पवित्र आत्मा हमारे उद्धार की लड़ाई लड़ने के लिए हमारे हर कोने में धावा बोलता है! जब तक हम अपने आपको नकारने और परमेश्वर के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं, तब तक परमेश्वर निश्चित रूप से हमें हर समय भीतर से रोशन और शुद्ध करेगा, और उसे नए सिरे से प्राप्त करेगा, जिस पर शैतान ने कब्ज़ा कर रखा है, ताकि हम परमेश्वर द्वारा शीघ्रातिशीघ्र पूर्ण किए जा सकें। समय बरबाद मत करो—और हर क्षण परमेश्वर के वचन के भीतर रहो। संतों के साथ बढ़ो, राज्य में लाए जाओ, और परमेश्वर के साथ महिमा में प्रवेश करो।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 1

आओ सिय्योन में लेकर यशगान

1

आओ सिय्योन में लेकर यशगान। पहले ही प्रकट हो चुका है परमेश्वर का धाम। आओ सिय्योन में लेकर यशगान। करते उसके पवित्र नाम का सब गुणगान; ये फैल रहा है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर! सारे जहाँ का मालिक, आख़िरी मसीह, चमकता-दमकता सूरज हमारा, उदित हुआ सबसे भव्य पर्वत सिय्योन पर। सर्वशक्तिमान परमेश्वर! आओ सिय्योन में लेकर यशगान। नाचें-गाएं और करें हम सब तुम्हारी जयजयकार। हम सबके उद्धारक हो तुम, कायनात के मालिक हो तुम।

2

विजेताओं का समूह बनाया तुमने, परमेश्वर की प्रबंधन योजना पूरी की तुमने। लौट के आना होगा सबको इस पर्वत पर, प्रार्थना करनी होगी तुम्हारे सिंहासन के सम्मुख झुककर! एकमात्र सच्चे परमेश्वर तुम हो, महिमामय, माननीय तुम हो। सारी महिमा, सारा यश, सारा अधिकार, तुम्हारे सिंहासन का है। जीवन-स्रोत प्रवाहित होता सिंहासन से, सींचे, पोषित करे तुम्हारे लोगों को ये, हर दिन जीवन बदल रहा है हम सबका। नव-प्रकाश प्रबुद्ध करे, हमारा अनुसरण करे, परमेश्वर के बारे में प्रकाशित नई बात करे।

3

सच्चे परमेश्वर की, अनुभव से पुष्टि करो। परमेश्वर के वचन प्रकट होते, सही इंसानों में। सचमुच धन्य हुए हैं हम! रूबरू होते हर दिन हम परमेश्वर से, हर बात पर संवाद करते परमेश्वर से। सबकुछ तय करने दो परमेश्वर को। परमेश्वर के वचनों पर सोच-विचार करो। हृदय हमारे ख़ामोश हैं अंतर में परमेश्वर के। इस तरह हम सम्मुख आते परमेश्वर के, पाते हम उसका प्रकाश सम्मुख परमेश्वर के। जीवन, कर्म, वचन, विचार का हैं आधार, वचन परमेश्वर के। अच्छे-बुरे में सदा बताएं अंतर हम को।

4

परमेश्वर के वचन ज्यूँ सुई धागा खींचे। अंतर्मन में दबा है जो कुछ, बाहर आएगा एक-एक करके। विलम्ब नहीं, संवाद करो तुम परमेश्वर से। चिंतन और विचार उजागर होते परमेश्वर से। हर पल जीते, न्याय का अनुभव करते, सम्मुख मसीह के सिंहासन के। अब भी है शैतान का कब्ज़ा, हमारे अंग‌-अंग पर। हो बहाल अधिकार ईश्वर का, करना होगा अब निर्मल हम को उसका मंदिर। हो जाएं हम परमेश्वर के पूरी तरह, लड़ना होगा युद्ध हमें जीवन-मृत्यु का, चढ़ जाएगा सूली जब निज रूप हमारा, पुनर्जीवित मसीह के जीवन का तब शासन होगा। पवित्र आत्मा बोल रहा है धावा, हमारे हर हिस्से पर, रण छेड़ रहा है! होंगे जब तैयार त्याग करने की ख़ातिर, और करें सहयोग परमेश्वर को, तब परमेश्वर जगमगाएगा ज्योति अपनी, करने शुद्ध हमारे अंतर्मन को, लेगा वो वापस जो है शैतान के कब्ज़े में, ताकि बनाए पूर्ण परमेश्वर हमको। करो न ज़ाया वक्त, रहो परमेश्वर के वचनों के अंतर में। साथ बढ़ो संतों के तुम, आओ राज्य में उसके तुम, और संग परमेश्वर के करो प्रवेश महिमा में तुम। आओ सिय्योन में लेकर यशगान। पहले ही प्रकट हो चुका है परमेश्वर का धाम। आओ सिय्योन में लेकर यशगान। करते उसके पवित्र नाम का सब गुणगान; ये फैल रहा है। सर्वशक्तिमान परमेश्वर! सारे जहाँ का मालिक, आख़िरी मसीह, चमकता-दमकता सूरज हमारा, उदित हुआ सबसे भव्य पर्वत सिय्योन पर। सर्वशक्तिमान परमेश्वर! आओ सिय्योन में लेकर यशगान। नाचें-गाएं और करें हम सब तुम्हारी जयजयकार। हम सबके उद्धारक हो तुम, कायनात के मालिक हो तुम।

— 'मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ' से

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