परमेश्वर के दैनिक वचन : जीवन में प्रवेश | अंश 529
19 सितम्बर, 2020
आदम और हव्वा जिन्हें परमेश्वर के द्वारा आदि में बनाया गया था वे पवित्र थे, दूसरे शब्दों में, जब वे अदन की वाटिका में थे तब वे पवित्र थे, और उनमें कोई अशुद्धता नहीं थी। वे यहोवा के प्रति भी निष्ठावान थे, और यहोवा को धोखा देने के विषय में कुछ नहीं जानते थे। ऐसा इसलिए था क्योंकि उन में शैतान के प्रभाव का विघ्न नहीं था, उन में शैतान का ज़हर नहीं था, और वे सभी मानवजाति में सब से अधिक शु़द्ध थे। वे अदन की वाटिका में रहते थे, वे हर प्रकार की गन्दगी से दूर थे, वे देह के कब्ज़े से अलग थे, और वे यहोवा का आदर करते थे। बाद में, जब शैतान के द्वारा उनकी परीक्षा ली गई, तो उनके पास साँप का ज़हर था और यहोवा को धोखा देने की इच्छा थी, और वे शैतान के प्रभाव में जीवन बिताते थे। आदि में, वे पवित्र थे और यहोवा का आदर करते थे; केवल इसी प्रकार वे मानव थे। बाद में, जब शैतान के द्वारा उनकी परीक्षा ली गई, तब उन्होंने भले और बुरे के ज्ञान के वृक्ष का फल खा लिया, और शैतान के प्रभाव के अधीन जीवन बिताने लगे। धीरे धीरे उन्हें शैतान के द्वारा भ्रष्ट किया गया, और उन्होंने मनुष्य के मूल स्वरूप को खो दिया। आदि में, मनुष्य के पास यहोवा की श्वास थी, और वह थोड़ा भी अनाज्ञाकारी नहीं था, और उसके हृदय में कोई बुराई नहीं थी। उस समय, मनुष्य सचमुच में मानव था। शैतान के द्वारा कलुषित किए जाने के बाद, मनुष्य पशु बन गया; उसके विचार बुराई और गन्दगी से भर गए, और उनमें कोई अच्छाई और पवित्रता नहीं थी। क्या यह शैतान नहीं है? तूने परमेश्वर के बहुत से कार्य का अनुभव किया है, फिर भी तू नहीं बदला है और तुझे शुद्ध नहीं किया गया है। तू अभी भी शैतान के प्रभुत्व में जीवन बिताता है, और अभी भी परमेश्वर को समर्पित नहीं होता है। यह एक ऐसा व्यक्ति है जिस पर विजय पाया जा चुका है लेकिन उसे सिद्ध नहीं बनाया गया है। और ऐसा क्यों कहा जाता है कि ऐसे व्यक्ति को सिद्ध नहीं किया गया है? क्योंकि इस व्यक्ति ने जीवन या परमेश्वर के कार्य के ज्ञान का अनुसरण नहीं किया है, और शारीरिक आनन्द और क्षणिक सुखसे अधिक किसी और चीज़ का लालच नहीं करता है। इसके परिणामस्वरूप, उनके जीवन स्वभाव में कोई परिवर्तन नहीं होता है, और उन्होंने मनुष्य के मूल रूप को फिर से प्राप्त नहीं किया है जिसे परमेश्वर के द्वारा सृजा गया था। ऐसे लोग चलती फिरती लाशें हैं, वे मरे हुए लोग हैं जिन में कोई आत्मा नहीं है! वे जो आत्मा में विषयों के ज्ञान का अनुसरण नहीं करते हैं, वे जो पवित्रता का अनुसरण नहीं करते हैं, और वे जो सत्य से जीवन का अनुसरण नहीं करते हैं, वे जो केवल नकारात्मक पहलु पर विजय पा लिए जाने से ही संतुष्ट होते हैं, और वे जो सत्य को जीने और उसे प्रकट करने, और पवित्र लोगों में से एक बनने में असमर्थ होते हैं—वे ऐसे लोग हैं जिन्हें बचाया नहीं गया है। क्योंकि, अगर वह सत्य के बिना है, तो मनुष्य परमेश्वर की परीक्षाओं के मध्य स्थिर खड़े रहने में असमर्थ है; केवल वे लोग जो परमेश्वर की परीक्षाओं के दौरान स्थिर खड़े रह सकते हैं वे ही ऐसे लोग हैं जिन्हें बचाया गया है। मैं ऐसे लोगों को चाहता हूँ जो पतरस के समान हैं, ऐसे लोग जो सिद्ध किए जाने का अनुसरण करते हैं। आज की सच्चाई उन्हें दी जाती है जो उसके लिए लालसा और उसकी खोज करते हैं। यह उद्धार उन्हें दिया जाता है जो परमेश्वर के द्वारा उद्धार पाने की लालसा करते हैं, और यह उद्धार सिर्फ तुम लोगों द्वारा ग्रहण करने के लिए नहीं है, परन्तु यह इसलिए भी है ताकि तुम लोग परमेश्वर के द्वारा ग्रहण किए जाओ। तुम लोग परमेश्वर को ग्रहण करते हो ताकि परमेश्वर भी तुम लोगों को ग्रहण कर सके। आज मैं ने ये वचन तुम लोगों से कहे हैं, और तुम लोगों ने इन्हें सुना है, और तुम लोगों को इन वचनों के अनुसार व्यवहार करना है। अंत में, जब तुम लोग इन वचनों को व्यवहार में लाते हो तो यह तब होगा जब मैं इन वचनों के द्वारा तुम लोगों को ग्रहण कर लूँगा; उस समय, तुम लोगों ने भी इन वचनों को ग्रहण लिया होगा, दूसरे शब्दों में, तुम लोगों ने इस सर्वोच्च उद्धार को ग्रहण कर लिया होगा। तुम लोगों को शुद्ध कर दिए जाने के बाद, तो तुम लोग सच्चे मानव हो जाओगे। यदि तू सच्चाई से जीवन बिताने में असमर्थ हैं, या उस व्यक्ति के समान जीवन बिताने में असमर्थ हैं जिसे सिद्ध किया गया है, तो ऐसा कहा जा सकता है कि तू एक मानव नहीं हैं, तू एक चलती फिरती लाश है, और एक पशु है, क्योंकि तुझमें सच्चाई नहीं है, दूसरे शब्दों में कहें तो तुझमें यहोवा की श्वास नहीं है, और इस प्रकार तू मरा हुआ इंसान है जिस में कोई आत्मा नहीं है! यद्यपि विजय पा लिए जाने के बाद गवाही देना संभव है, परन्तु जो तू प्राप्त करता है वह एक छोटा सा उद्धार है, और तू एक जीवित प्राणी नहीं बन पाया है जिस में आत्मा है। यद्यपि तूने ताड़ना और न्याय का अनुभव किया है, फिर भी उसके परिणामस्वरूप तेरा स्वभाव नहीं बदला है या परिवर्तित नहीं हुआ है; तू अभी पुराना मनुष्य है, तू अभी भी शैतान का है, और तू कोई ऐसा व्यक्ति नहीं हैं जिसे शुद्ध किया गया है। केवल ऐसे लोगों का मोल है जिन्हें सिद्ध किया गया है, और केवल ऐसे ही लोगों ने सच्चे जीवन को प्राप्त किया है।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, पतरस के अनुभव : ताड़ना और न्याय का उसका ज्ञान
आज का सत्य उन्हें दिया जाता है जो उसके लिए लालसा और उसकी खोज करते हैं
1
तुम परमेश्वर के बहुत से कार्य से होकर गुज़रे हो, फिर भी नहीं बदले और ना ही शुद्ध किए गए हो। तुम अभी भी शैतान के अधीन रहते हो और परमेश्वर को समर्पित नहीं होते हो। तुम पर विजय प्राप्त की गई है लेकिन तुम पूर्ण नहीं किये गये हो। तुम जीवन का अनुसरण नहीं करते ना परमेश्वर के कार्य के ज्ञान का, खोजते हो केवल क्षणिक सुख और आराम। इसलिए, तुम्हारा स्वभाव नहीं बदला है। तुमने फिर से प्राप्त नहीं की है वो छवि जिसमें परमेश्वर ने मानव को बनाया था। तुम चलती फिरती लाश हो, बिना आत्मा के। परमेश्वर पतरस के समान लोगों को चाहता है, ऐसे लोग जो पूर्ण बनाए जाने का अनुसरण करते हैं। आज का सत्य उन्हें दिया जाता है जो उसकी लालसा और खोज करते हैं। उद्धार उन्हें दिया जाता है जो बचाए जाना चाहते हैं, ये सिर्फ़ तुम लोगों द्वारा ग्रहण करने के लिए नहीं है, परंतु इसलिए ताकि तुम लोग परमेश्वर द्वारा ग्रहण किए जाओ। तुम लोग परमेश्वर को ग्रहण करते हो ताकि परमेश्वर तुम लोगों को ग्रहण कर सके।
2
वे जो कभी अनुसरण नहीं करते पवित्रता को प्राप्त करने का, जो कभी अनुसरण नहीं करते, आत्मा में विषयों के ज्ञान का, सत्य का अनुसरण नहीं करते, संतुष्ट हैं केवल विजय पा लिए जाने से नकारात्मक पहलू पर, असमर्थ हैं सत्य को जीने में, उसे प्रकट करने में, और पवित्र लोग बनने में, ये वे लोग हैं जिन्हें बचाया नहीं गया है। परमेश्वर पतरस के समान लोगों को चाहता है, ऐसे लोग जो पूर्ण बनाए जाने का अनुसरण करते हैं। आज का सत्य उन्हें दिया जाता है जो उसकी लालसा और खोज करते हैं। उद्धार उन्हें दिया जाता है जो बचाए जाना चाहते हैं, ये सिर्फ़ तुम लोगों द्वारा ग्रहण करने के लिए नहीं है, परंतु इसलिए ताकि तुम लोग परमेश्वर द्वारा ग्रहण किए जाओ। तुम लोग परमेश्वर को ग्रहण करते हो ताकि परमेश्वर तुम लोगों को ग्रहण कर सके।
3
आज, परमेश्वर ने कहे हैं ये सारे वचन तुम लोगों से। तुम लोगों ने सुना है और तुम्हें अभ्यास करना है इनके अनुसार। जब तुम लोग इन्हें जी सकोगे, इन वचनों के द्वारा परमेश्वर तुम लोगों को ग्रहण कर लेगा। उस समय, तुम लोगों ने इन वचनों को ग्रहण कर लिया होगा। दूसरे शब्दों में, तुम लोगों ने सर्वोच्च उद्धार को ग्रहण किया है। तुम्हें शुद्ध कर दिए जाने के बाद, तुम लोग सच्चे मानव हो जाओगे। परमेश्वर पतरस के समान लोगों को चाहता है, ऐसे लोग जो पूर्ण बनाए जाने का अनुसरण करते हैं। आज का सत्य उन्हें दिया जाता है जो उसकी लालसा और खोज करते हैं। उद्धार उन्हें दिया जाता है जो बचाए जाना चाहते हैं, ये सिर्फ़ तुम लोगों द्वारा ग्रहण करने के लिए नहीं है, परंतु इसलिए ताकि तुम लोग परमेश्वर द्वारा ग्रहण किए जाओ। तुम लोग परमेश्वर को ग्रहण करते हो ताकि परमेश्वर तुम लोगों को ग्रहण कर सके।
— 'मेमने का अनुसरण करो और नए गीत गाओ' से
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