परमेश्वर के दैनिक वचन : परमेश्वर को जानना | अंश 119
पाँच प्रकार के लोग मैं परमेश्वर के संबंध में उसके अनुयायियों की समझ और उसके धार्मिक स्वभाव के संबंध में उनकी समझ और अनुभव के अनुसार उनका...
हम परमेश्वर के प्रकटन के लिए बेसब्र सभी साधकों का स्वागत करते हैं!
उस व्यक्ति के लिए उचित दृष्टिकोण और अभ्यास जो परमेश्वर के अधिकार के प्रति समर्पण करने की इच्छा रखता है
किस दृष्टिकोण के साथ अब मनुष्य को परमेश्वर के अधिकार, और मनुष्य के भाग्य पर परमेश्वर की संप्रभुता के तथ्य को जानना और मानना चाहिए? यह एक वास्तविक समस्या है जो हर व्यक्ति के सामने खड़ी है। जीवन की वास्तविक समस्याओं का सामना करते समय, तुम्हें किस प्रकार परमेश्वर के अधिकार और उसकी संप्रभुता को जानना और समझना चाहिए? जब तुम्हारे सामने ये समस्याएँ आती हैं और तुम्हें पता नहीं होता कि किस प्रकार इन समस्याओं को समझें, सँभालें और अनुभव करें, तो तुम्हें समर्पण करने की नीयत, समर्पण करने की तुम्हारी इच्छा, और परमेश्वर की संप्रभुता और उसकी व्यवस्थाओं के प्रति समर्पण करने की तुम्हारी सच्चाई को दर्शाने के लिए तुम्हें किस प्रकार का दृष्टिकोण अपनाना चाहिए? पहले तुम्हें प्रतीक्षा करना सीखना होगा; फिर तुम्हें खोजना सीखना होगा; फिर तुम्हें समर्पण करना सीखना होगा। "प्रतीक्षा" का अर्थ है परमेश्वर के समय की प्रतीक्षा करना, उन लोगों, घटनाओं एवं चीज़ों की प्रतीक्षा करना जो उसने तुम्हारे लिए व्यवस्थित की हैं, और उसकी इच्छा स्वयं को धीरे-धीरे तुम्हारे सामने प्रकट करे, इसकी प्रतीक्षा करना। "खोजने" का अर्थ है परमेश्वर द्वारा निर्धारित लोगों, घटनाओं और चीज़ों के माध्यम से, तुम्हारे लिए परमेश्वर के जो विचारशील इरादें हैं उनका अवलोकन करना और उन्हें समझना, उनके माध्यम से सत्य को समझना, जो मनुष्यों को अवश्य पूरा करना चाहिए, उसे समझना और उन सच्चे मार्गों को समझना जिनका उन्हें पालन अवश्य करना चाहिए, यह समझना कि परमेश्वर मनुष्यों में किन परिणामों को प्राप्त करने का अभिप्राय रखता है और उनमें किन उपलब्धियों को पाना चाहता है। निस्सन्देह, "समर्पण करने", का अर्थ उन लोगों, घटनाओं, और चीज़ों को स्वीकार करना है जो परमेश्वर ने आयोजित की हैं, उसकी संप्रभुता को स्वीकार करना और उसके माध्यम से यह जान लेना है कि किस प्रकार सृजनकर्ता मनुष्य के भाग्य पर नियंत्रण करता है, वह किस प्रकार अपना जीवन मनुष्य को प्रदान करता है, वह किस प्रकार मनुष्यों के भीतर सत्य गढ़ता है। परमेश्वर की व्यवस्थाओं और संप्रभुता के अधीन सभी चीज़ें प्राकृतिक नियमों का पालन करती हैं, और यदि तुम परमेश्वर को अपने लिए सभी चीज़ों की व्यवस्था करने और उन पर नियंत्रण करने देने का संकल्प करते हो, तो तुम्हें प्रतीक्षा करना सीखना चाहिए, तुम्हें खोज करना सीखना चाहिए, और तुम्हें समर्पण करना सीखना चाहिए। हर उस व्यक्ति को जो परमेश्वर में अधिकार के प्रति समर्पण करना चाहता है, यह दृष्टिकोण अवश्य अपनाना चाहिए, और हर वह व्यक्ति जो परमेश्वर की संप्रभुता और उसकी व्यवस्थाओं को स्वीकार करना चाहता है, उसे यह मूलभूत गुण अवश्य रखना चाहिए। इस प्रकार का दृष्टिकोण रखने के लिए, इस प्रकार की योग्यता धारण करने के लिए, तुम लोगों को और अधिक कठिन परिश्रम करना होगा; और सच्ची वास्तविकता में प्रवेश करने का तुम्हारे लिए यही एकमात्र तरीका है।
—वचन, खंड 2, परमेश्वर को जानने के बारे में, स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III
परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2023 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।
पाँच प्रकार के लोग मैं परमेश्वर के संबंध में उसके अनुयायियों की समझ और उसके धार्मिक स्वभाव के संबंध में उनकी समझ और अनुभव के अनुसार उनका...
परमेश्वर ने सभी चीज़ों की रचना की और उनके लिए सीमाएँ निर्धारित कीं; उनके मध्य उसने सभी प्रकार के जीवित प्राणियों का पालन-पोषण किया। इसी...
मनुष्य को भ्रष्ट करने हेतु विज्ञान के उपयोग में, मनुष्य की जिज्ञासा को संतुष्ट करने के लिए शैतान विज्ञान के नाम का उपयोग करता है, विज्ञान...
परमेश्वर जिन्हें स्वीकार नहीं करता कुछ लोगों के विश्वास को परमेश्वर के हृदय ने कभी स्वीकार नहीं किया है। दूसरे शब्दों में, परमेश्वर यह...