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परमेश्वर के दैनिक वचन : परमेश्वर को जानना
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर को जानना परमेश्वर का भय मानने और बुराई से दूर रहने का मार्ग है" | अंश 1
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर को जानना परमेश्वर का भय मानने और बुराई से दूर रहने का मार्ग है" | अंश 2
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर को जानना परमेश्वर का भय मानने और बुराई से दूर रहने का मार्ग है" | अंश 3
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर को जानना परमेश्वर का भय मानने और बुराई से दूर रहने का मार्ग है" | अंश 4
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर को जानना परमेश्वर का भय मानने और बुराई से दूर रहने का मार्ग है" | अंश 5
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर के स्वभाव और उसका कार्य जो परिणाम हासिल करेगा, उसे कैसे जानें" | अंश 6
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर के स्वभाव और उसका कार्य जो परिणाम हासिल करेगा, उसे कैसे जानें" | अंश 7
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर के स्वभाव और उसका कार्य जो परिणाम हासिल करेगा, उसे कैसे जानें" | अंश 8
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर के स्वभाव और उसका कार्य जो परिणाम हासिल करेगा, उसे कैसे जानें" | अंश 9
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर के स्वभाव और उसका कार्य जो परिणाम हासिल करेगा, उसे कैसे जानें" | अंश 10
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर के स्वभाव और उसका कार्य जो परिणाम हासिल करेगा, उसे कैसे जानें" | अंश 11
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर के स्वभाव और उसका कार्य जो परिणाम हासिल करेगा, उसे कैसे जानें" | अंश 12
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर के स्वभाव और उसका कार्य जो परिणाम हासिल करेगा, उसे कैसे जानें" | अंश 13
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर के स्वभाव और उसका कार्य जो परिणाम हासिल करेगा, उसे कैसे जानें" | अंश 14
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर के स्वभाव और उसका कार्य जो परिणाम हासिल करेगा, उसे कैसे जानें" | अंश 15
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर के स्वभाव और उसका कार्य जो परिणाम हासिल करेगा, उसे कैसे जानें" | अंश 16
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर के स्वभाव और उसका कार्य जो परिणाम हासिल करेगा, उसे कैसे जानें" | अंश 17
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर के स्वभाव और उसका कार्य जो परिणाम हासिल करेगा, उसे कैसे जानें" | अंश 18
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर के स्वभाव और उसका कार्य जो परिणाम हासिल करेगा, उसे कैसे जानें" | अंश 19
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I" | अंश 20
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I" | अंश 21
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I" | अंश 22
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I" | अंश 23
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I" | अंश 24
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I" | अंश 25
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I" | अंश 26
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I" | अंश 27
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I" | अंश 28
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I" | अंश 29
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर I" | अंश 30
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 31
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 32
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 33
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 34
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 35
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 36
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 37
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 38
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 39
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 40
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 41
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 42
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 43
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 44
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 45
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 46
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 47
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 48
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 49
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 50
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 51
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 52
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 53
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 54
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 55
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 56
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 57
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 58
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 59
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 60
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर II" | अंश 61
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 62
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 63
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 64
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 65
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 66
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 67
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 68
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 69
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 70
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 71
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 72
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 73
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 74
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 75
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 76
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 77
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 78
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 79
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 80
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 81
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "परमेश्वर का कार्य, परमेश्वर का स्वभाव और स्वयं परमेश्वर III" | अंश 82
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 83
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 84
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 85
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 86
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 87
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 88
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 89
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 90
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 91
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 92
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 93
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 94
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 95
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 96
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 97
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 98
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 99
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 100
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 101
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 102
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है I" | अंश 103
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II" | अंश 104
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II" | अंश 105
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II" | अंश 106
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II" | अंश 107
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II" | अंश 108
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II" | अंश 109
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II" | अंश 110
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II" | अंश 111
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II" | अंश 112
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II" | अंश 113
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II" | अंश 114
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II" | अंश 115
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II" | अंश 116
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II" | अंश 117
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II" | अंश 118
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II" | अंश 119
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III" | अंश 120
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III" | अंश 121
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III" | अंश 122
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III" | अंश 123
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III" | अंश 124
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III" | अंश 125
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III" | अंश 126
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III" | अंश 127
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III" | अंश 128
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III" | अंश 129
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III" | अंश 130
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III" | अंश 131
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III" | अंश 132
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III" | अंश 133
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III" | अंश 134
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III" | अंश 135
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III" | अंश 136
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है III" | अंश 137
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IV" | अंश 138
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IV" | अंश 139
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IV" | अंश 140
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IV" | अंश 141
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IV" | अंश 142
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IV" | अंश 143
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है V" | अंश 144
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है V" | अंश 145
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है V" | अंश 146
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है V" | अंश 147
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है V" | अंश 148
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है V" | अंश 149
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है V" | अंश 150
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है V" | अंश 151
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है V" | अंश 152
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है V" | अंश 153
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VI" | अंश 154
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VI" | अंश 155
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VI" | अंश 156
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VI" | अंश 157
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VI" | अंश 158
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VI" | अंश 159
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VI" | अंश 160
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VI" | अंश 161
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VI" | अंश 162
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VI" | अंश 163
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VI" | अंश 164
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VI" | अंश 165
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VII" | अंश 166
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VII" | अंश 167
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VII" | अंश 168
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VII" | अंश 169
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VIII" | अंश 170
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VIII" | अंश 171
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VIII" | अंश 172
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VIII" | अंश 173
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VIII" | अंश 174
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VIII" | अंश 175
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VIII" | अंश 176
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VIII" | अंश 177
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है VIII" | अंश 178
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IX" | अंश 179
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IX" | अंश 180
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IX" | अंश 181
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IX" | अंश 182
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IX" | अंश 183
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IX" | अंश 184
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IX" | अंश 185
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है IX" | अंश 186
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X" | अंश 187
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X" | अंश 188
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X" | अंश 189
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X" | अंश 190
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X" | अंश 191
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X" | अंश 192
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X" | अंश 193
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X" | अंश 194
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X" | अंश 195
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X" | अंश 196
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X" | अंश 197
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X" | अंश 198
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X" | अंश 199
- परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है X" | अंश 200
परमेश्वर के दैनिक वचन | "स्वयं परमेश्वर, जो अद्वितीय है II" | अंश 110
यद्यपि शैतान दयालु, धर्मी और गुणवान प्रतीत होता है, फिर भी वह निर्दयी और सत्व में बुरा है
शैतान जन सामान्य को धोखा देने के जरिए प्रसिद्धि प्राप्त करता है। वह अक्सर स्वयं को एक सेना प्रमुख और धार्मिकता के आदर्श पुरुष के रूप में स्थापित करता है। धार्मिकता के बचाव के झण्डे के तले, वह मनुष्य को हानि पहुंचाता है, उनके प्राणों को निगल जाता है, और मनुष्य को स्तब्ध करने, धोखा देने और भड़काने के लिए हर प्रकार के साधनों का उपयोग करता है। उसका लक्ष्य है कि मनुष्य उसके बुरे आचरण को स्वीकार करे और उसका अनुसरण करे, और मनुष्य परमेश्वर के अधिकार और सर्वोच्च सत्ता का विरोध करने में उसके साथ जुड़ जाए। फिर भी, जब कोई उसकी चालों, षडयन्त्रों और बुरी युक्तियों के प्रति बुद्धिमान हो जाता है और नहीं चाहता कि उसके द्वारा उसे लगातार कुचला जाए और मूर्ख बनाया जाए या निरन्तर उसकी गुलामी करे, या उसके साथ दण्डित एवं नाश हो जाए, तो शैतान अपने असली दुष्ट, दुराचारी, भद्दे और वहशी चेहरे को प्रकट करने के लिए अपने पहले के संत के समान रूप को बदल देता है और अपने झूठे नकाब को फाड़कर फेंक देता है। उसे उन सभों का विनाश करने में कहीं ज़्यादा खुशी मिलेगी जो उसका अनुसरण करने से इंकार करते हैं और उनको जो उसकी बुरी शक्तियों का विरोध करते हैं। इस बिन्दु पर शैतान आगे से एक विश्वास योग्य और सभ्य व्यक्ति का रूप धारण नहीं कर सकता है; उसके बजाए, उसके बुरे और असली शैतानी लक्षण प्रकट हो जाते हैं जो भेड़ की खाल के नीचे हैं। जब एक बार शैतान की युक्तियों को प्रकाश में लाया जाता है, जब एक बार उसके असली लक्षणों का खुलासा हो जाता है, तो वह क्रोध से आगबबूला हो जाएगा और अपने वहशीपन का खुलासा करेगा; लोगों को नुकसान पहुंचाने और निगल जाने की उसकी इच्छा और भी तीव्र हो जाएगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि वह मनुष्य के जागृत हो जाने से क्रोधित हो गया है; स्वतन्त्रता और प्रकाश की लालसा और अपनी कैद को तोड़कर आज़ाद होने की उनकी आकांक्षा के कारण उसने मनुष्य के प्रति बदले की एक प्रबल भावना को विकसित किया है। उसके क्रोध का अभिप्राय उसकी बुराई का समर्थन करना है, और साथ ही यह उसके जंगली स्वभाव का एक असली प्रकाशन भी है।
हर एक मामले में, शैतान का आचरण उसके बुरे स्वभाव का खुलासा करता है। उन सभी बुरे कार्यों से जिन्हें शैतान ने मनुष्यों पर क्रियान्वित किया है—उसके आरम्भ के प्रयासों से लेकर उसका अनुसरण करने के लिए मनुष्यों को बहकाने तक, और उसके द्वारा मनुष्य के शोषण तक, जिसके अंतर्गत वह मनुष्य को अपने बुरे कार्यों में खींचता है, और उसके असली लक्षणों का खुलासा कर दिए जाने और मनुष्य द्वारा उसे पहचानने और उसे छोड़ देने के पश्चात् मनुष्य के प्रति शैतान की बदले की भावना तक—कोई भी शैतान की बुरी हस्ती का खुलासा करने से नहीं चूकता है; कोई भी उस तथ्य को प्रमाणित करने से नहीं चूकता है कि शैतान का सकारात्मक चीज़ों से कोई नाता नहीं है; कोई भी यह प्रमाणित करने से नहीं चूकता है कि शैतान ही समस्त बुरी चीज़ों का स्रोत है। उसका हर एक कार्य उसकी बुराई का बचाव करता है, उसके बुरे कार्यों की निरन्तरता को बनाए रखता है, धर्मी और सकारात्मक चीज़ों के विरुद्ध जाता है, और मानवता के सामान्य अस्तित्व के नियमों और विधियों को बर्बाद कर देता है। वे परमेश्वर के विरोधी हैं, और वे ऐसे हैं जिन्हें परमेश्वर का क्रोध नष्ट कर देगा। यद्यपि शैतान के पास उसका अपना क्रोध है, फिर भी उसका क्रोध उसके बुरे स्वभाव को प्रकट करने का एक माध्यम है। शैतान क्यों भड़का हुआ और क्रोधित है उसका कारण यह है: उसकी अकथनीय युक्तियों का खुलासा कर दिया गया है; उसके षडयन्त्र आसानी से दूर नहीं होते हैं; परमेश्वर का स्थान लेने और परमेश्वर के समान कार्य करने की उसकी वहशी महत्वाकांक्षा और लालसा पर प्रहार किया गया है और उसे रोका गया है; समूची मानवता को नियन्त्रित करने का उसका उद्देश्य निष्फल हो गया है और उसे कभी हासिल नहीं किया जा सकता है। यह परमेश्वर का बार बार उत्तेजित होनेवाला उसका क्रोध है जिसने शैतान के षडयन्त्रों को सफल होने से रोक दिया है और शैतान की दुष्टता के फैलाव और हिंसात्मक आचरण का पहले से अंत कर दिया है; इसलिए, शैतान परमेश्वर के क्रोध से नफरत करता है और डरता है। परमेश्वर के क्रोध का प्रत्येक इस्तेमाल न केवल शैतान के असली बुरे रूप को बेनकाब करता है; बल्कि वह शैतान की बुरी इच्छाओं को ज्योति में प्रकट भी करता है। उसी समय, मानवता के विरुद्ध शैतान के क्रोध की वज़हों का पूरी तरह से खुलासा किया गया है। शैतान के क्रोध का भड़काना उसके बुरे स्वभाव का असली प्रकाशन है, और उसकी युक्तियों का खुलासा है। हाँ वास्तव में, हर बार जब शैतान क्रोधित होता है, तो यह बुरी चीज़ों के विनाश की घोषणा करता है, यह सकारात्मक चीज़ों की सुरक्षा और उनकी निरन्तरता की घोषणा करता है, और यह परमेश्वर के क्रोध के स्वभाव की घोषणा करता है—एक ऐसा स्वभाव जिसे ठेस नहीं पहुंचाया जा सकता है।
— 'वचन देह में प्रकट होता है' से उद्धृत