परमेश्वर के दैनिक वचन : जीवन में प्रवेश | अंश 533

अंधकार का प्रभाव क्या है? यह तथाकथित "अंधकार का प्रभाव", शैतान के लोगों को धोखा देने, भ्रष्ट करने, बांधने और नियंत्रित करने का प्रभाव है; शैतान का प्रभाव एक ऐसा प्रभाव है जिसमें मृत्यु का साया है। शैतान के कब्ज़े में रहने वाले सभी लोग नष्ट हो जाने के लिए अभिशप्त हैं।

परमेश्वर में आस्था पाने के बाद, तुम अंधकार के प्रभाव से कैसे बच सकते हो? एक बार जब तुम ईमानदारी से परमेश्वर से प्रार्थना कर लेते हो तो, तुम अपना हृदय पूरी तरह से परमेश्वर की ओर मोड़ देते हो, और उस समय परमेश्वर का आत्मा तुम्हारे हृदय को प्रेरित करता है। तुम पूरी तरह से उसे समर्पित होने को तैयार हो जाते हो, और उस समय, तुम अंधकार के प्रभाव से निकल चुके होगे। यदि इंसान के सारे काम परमेश्वर को प्रसन्न करें और उसकी अपेक्षाओं के अनुरूप हुआ करें, तो वह परमेश्वर के वचनों में और उसकी निगरानी एवं सुरक्षा में रहने वाला बन जाता है। यदि लोग परमेश्वर के वचनों का अभ्यास न कर पाते, अगर वे हमेशा परमेश्वर को मूर्ख बनाने की कोशिश करते हैं, उसके प्रति लापरवाह तरीके से काम करते हैं और उसके अस्तित्व में विश्वास नहीं करते, तो ऐसे सभी लोग अंधकार के प्रभाव में रहते हैं। जिन लोगों ने परमेश्वर द्वारा उद्धार प्राप्त नहीं किया है, वे सभी शैतान के अधिकार-क्षेत्र में जी रहे हैं; अर्थात्, वे सभी अंधकार के प्रभाव में रहते हैं। जो लोग परमेश्वर में विश्वास नहीं रखते, वे शैतान के अधिकार-क्षेत्र में रह रहे हैं। यहाँ तक कि जो लोग परमेश्वर के अस्तित्व में विश्वास रखते हैं, जरूरी नहीं कि वे परमेश्वर के प्रकाश में रह रहे हों, क्योंकि जो लोग परमेश्वर में विश्वास रखते हैं, जरूरी नहीं कि परमेश्वर के वचनों में जी रहे हों, और यह भी जरूरी नहीं कि वे परमेश्वर के प्रति समर्पित करने में समर्थ हों। मनुष्य केवल परमेश्वर में विश्वास रखने तक सीमित है, और चूँकि उसे परमेश्वर का ज्ञान नहीं है, इसलिए वह अभी भी पुराने नियमों और निर्जीव वचनों के बीच जीवनयापन कर रहा है, वो एक ऐसा जीवन जी रहा है जो अंधकारमय और अनिश्चित है, जिसे न तो परमेश्वर द्वारा पूरी तरह से शुद्ध किया गया है, न ही पूरी तरह से परमेश्वर द्वारा प्राप्त किया गया है। इसलिए, कहने की आवश्यकता नहीं कि जो लोग परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते, वे अंधकार के प्रभाव में जी रहे हैं, जो लोग परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, वे भी शायद अभी तक अंधकार के प्रभाव में ही हैं, क्योंकि उनमें पवित्र आत्मा का काम नहीं है। जिन लोगों ने परमेश्वर का अनुग्रह या दया नहीं प्राप्त की है, जो पवित्र आत्मा द्वारा किए गये कार्य को नहीं देख सकते, वे सभी अंधकार के प्रभाव में जी रहे हैं; और अधिकांशत:, ऐसे ही लोग होते हैं जो महज़ परमेश्वर के अनुग्रह का आनंद लेते हैं फिर भी परमेश्वर को नहीं जानते हैं। यदि कोई व्यक्ति परमेश्वर पर विश्वास करता है मगर अपना अधिकांश जीवन अंधकार के प्रभाव में जीते हुए बिताता है, तो उस व्यक्ति का अस्तित्व अपना अर्थ खो चुका होता है, उन लोगों का उल्लेख करने की क्या आवश्यकता है जो परमेश्वर के अस्तित्व में विश्वास ही नहीं रखते?

जो लोग परमेश्वर के काम को स्वीकार नहीं कर सकते हैं या जो परमेश्वर के कार्य को स्वीकार तो करते हैं लेकिन परमेश्वर की अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर पाते, वे लोग अंधकार के प्रभाव में रह रहे हैं। जो लोग सत्य का अनुसरण करते हैं और परमेश्वर की अपेक्षाओं को पूरा करने में सक्षम हैं, वे ही परमेश्वर से आशीर्वाद प्राप्त करेंगे, और वही लोग अंधकार के प्रभाव से बच पाएँगे। जो लोग मुक्त नहीं किए गए हैं, जो हमेशा किसी वस्तु-विशेष के द्वारा नियंत्रित होते हैं, और जो अपना हृदय परमेश्वर को नहीं दे पाते, वे लोग शैतान के बंधन में हैं और वे मौत के साये में जी रहे हैं। जो लोग अपने कर्तव्यों के प्रति वफादार नहीं हैं, जो परमेश्वर के आदेश के प्रति वफादार नहीं हैं, जो कलीसिया में अपना कार्य नहीं कर रहे हैं, वे ऐसे लोग हैं जो अंधकार के प्रभाव में रह रहे हैं। जो जानबूझकर कलीसिया के जीवन में बाधा डालते हैं, जो जानबूझकर अपने भाई-बहनों के बीच झगड़े के बीज बो रहे हैं, या अपने गुट बना रहे हैं, वे अभी भी गहरे अंधकार के प्रभाव में रहते हैं, शैतान के बंधन में रहते हैं। जिनका परमेश्वर के साथ एक असामान्य रिश्ता है, जिनकी हमेशा अनावश्यक अभिलाषाएं होती हैं, जो हमेशा लाभ लेना चाहते हैं, जो कभी अपने स्वभाव में परिवर्तन नहीं लाना चाहते, वे ऐसे लोग होते हैं जो अंधकार के प्रभाव में रहते हैं। जो लोग हमेशा लापरवाह होते हैं, सत्य के अपने अभ्यास में गंभीर नहीं होते, परमेश्वर की इच्छा को पूरा करने के इच्छुक नहीं होते, जो केवल अपने ही शरीर को संतुष्ट करने में लगे रहते हैं, ऐसे लोग भी अंधकार के प्रभाव में जी रहे हैं, और मृत्यु से घिरे हुए हैं। जो लोग परमेश्वर के लिए काम करते समय चालबाजी और धोखा करते हैं, परमेश्वर के साथ लापरवाही से व्यवहार करते हैं, जो परमेश्वर को धोखा देते हैं, हमेशा स्वयं के लिए सोचते रहते हैं, ऐसे लोग अंधकार के प्रभाव में रह रहे हैं। जो लोग ईमानदारी से परमेश्वर से प्यार नहीं कर सकते हैं, जो सत्य का अनुसरण नहीं करते, और जो अपने स्वभाव को बदलने पर ध्यान नहीं देते, वे लोग अंधकार के प्रभाव में रह रहे हैं।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, अंधकार के प्रभाव से बच निकलो और तुम परमेश्वर द्वारा प्राप्त किए जाओगे

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें