परमेश्वर के दैनिक वचन : जीवन में प्रवेश | अंश 466

यद्यपि तुम लोगों का विश्वास बहुत सच्चा है, फिर भी तुम लोगों में से कोई भी मेरा पूर्ण विवरण दे पाने में समर्थ नहीं है, कोई भी उन सारे तथ्यों की पूर्ण गवाही नहीं दे सकता जिन्हें तुम देखते हो। इसके बारे में सोचो : आज तुम लोगों में से ज्यादातर अपने कर्तव्यों में लापरवाह हैं, इसके बजाय वे देह-सुखों का अनुसरण कर रहे हैं, देह को तृप्त कर रहे हैं, और ललचाते हुए देह-सुखों का आनंद ले रहे हैं। तुम्हारे पास सत्य बहुत कम है। तो फिर तुम उस सबकी गवाही कैसे दे सकते हो, जो तुम लोगों ने देखा है? क्या तुम लोग सचमुच आश्वस्त हो कि तुम मेरे गवाह बन सकते हो? अगर कोई ऐसा दिन आता है, जब तुम उस सबकी गवाही देने में असमर्थ होते हो जो तुमने आज देखा है, तो तुम सृजित प्राणी का कार्यकलाप गँवा चुके होगे, और तुम्हारे अस्तित्व का कोई अर्थ नहीं होगा। तुम मनुष्य होने के लायक नहीं होगे। यहाँ तक कहा जा सकता है कि तुम मनुष्य नहीं रहोगे! मैंने तुम लोगों पर अथाह कार्य किया है, लेकिन चूँकि तुम फिलहाल कुछ नहीं सीख रहे, कुछ नहीं जानते, और तुम्हारा परिश्रम अकारथ है, इसलिए जब मेरे पास अपने कार्य का विस्तार करने का समय होगा, तब तुम बस भावशून्य दृष्टि से ताकोगे, तुम्हारे मुँह से आवाज नहीं निकलेगी और तुम बिलकुल बेकार होगे। क्या यह तुम्हें सदा के लिए पापी नहीं बना देगा? जब वह समय आएगा, तो क्या तुम्हें गहरा अफसोस नहीं होगा? क्या तुम उदासी में नहीं डूब जाओगे? आज मेरा सारा कार्य बेकारी और ऊब के कारण नहीं, बल्कि भविष्य के मेरे कार्य की नींव रखने के लिए किया जाता है। ऐसा नहीं है कि मेरे सामने गतिरोध है और मुझे कुछ नया करने की जरूरत है। मैं जो कार्य करता हूँ, उसे तुम्हें समझना चाहिए; यह गली में खेल रहे किसी बच्चे द्वारा की गई कोई चीज नहीं है, बल्कि मेरे पिता के प्रतिनिधित्व में किया जाने वाला कार्य है। तुम लोगों को पता होना चाहिए कि यह सब मैं स्वयं नहीं कर रहा हूँ; बल्कि मैं अपने पिता का प्रतिनिधित्व कर रहा हूँ। इस बीच, तुम लोगों की भूमिका दृढ़ता से अनुसरण करने, पालन करने, बदलने और गवाही देने की है। तुम लोगों को यह समझना चाहिए कि तुम लोगों को मुझमें विश्वास क्यों करना चाहिए; यह सबसे अधिक महत्वपूर्ण प्रश्न है जो तुम लोगों में से प्रत्येक को समझना चाहिए। मेरे पिता ने अपनी महिमा के वास्ते तुम सब लोगों को उसी क्षण से मेरे लिए पूर्वनियत कर दिया था, जिस क्षण उसने इस संसार की सृष्टि की थी। मेरे कार्य और अपनी महिमा के वास्ते उसने तुम लोगों को पूर्वनियत किया था। यह मेरे पिता के कारण ही है कि तुम लोग मुझमें विश्वास करते हो; यह मेरे पिता द्वारा पूर्वनियत करने के कारण ही है कि तुम मेरा अनुसरण करते हो। इसमें से कुछ भी तुम लोगों का अपना चुनाव नहीं है। इससे भी अधिक महत्वपूर्ण यह है कि तुम लोग यह समझो कि तुम वही लोग हो, जिन्हें मेरे लिए गवाही देने के उद्देश्य से मेरे पिता ने मुझे प्रदान किया है। चूँकि उसने तुम लोगों को मुझे दिया है, इसलिए तुम लोगों को उन तरीकों का पालन करना चाहिए, जो मैं तुम लोगों को प्रदान करता हूँ, साथ ही उन तरीकों और वचनों का भी, जो मैं तुम लोगों को सिखाता हूँ, क्योंकि मेरे तरीकों का पालन करना तुम लोगों का कर्तव्य है। यह मुझमें तुम्हारे विश्वास का मूल उद्देश्य है। इसलिए मैं तुम लोगों से कहता हूँ : तुम लोग बस मेरे पिता द्वारा मेरे तरीकों का पालन करने के लिए मुझे प्रदान किए गए लोग हो। हालाँकि तुम लोग सिर्फ मुझमें विश्वास करते हो; लेकिन तुम मेरे नहीं हो, क्योंकि तुम लोग इस्राएली परिवार के नहीं हो, और इसके बजाय प्राचीन साँप जैसे हो। मैं तुम लोगों से सिर्फ इतना करने के लिए कह रहा हूँ कि मेरे लिए गवाही दो, लेकिन आज तुम लोगों को मेरे तौर-तरीकों के अनुसार चलना चाहिए। यह सब भविष्य की गवाही के वास्ते है। अगर तुम लोग केवल उन लोगों की तरह कार्य करते हो जो मेरे तरीकों को सुनते हैं, तो तुम्हारा कोई मूल्य नहीं होगा और मेरे पिता द्वारा तुम लोगों को मुझे प्रदान किए जाने का महत्त्व खो जाएगा। मैं तुम लोगों को यह बताने पर जोर देता हूँ : तुम्हें मेरे तरीकों पर चलना चाहिए।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, परमेश्वर के बारे में तुम्हारी समझ क्या है?

परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।

संबंधित सामग्री

परमेश्वर के दैनिक वचन : परमेश्वर का स्वभाव और स्वरूप | अंश 263

जब सबसे पहले मनुष्य को सामाजिक विज्ञान मिला, तब से मनुष्य का मन विज्ञान और ज्ञान में व्यस्त था। फिर विज्ञान और ज्ञान मानवजाति के शासन के...

WhatsApp पर हमसे संपर्क करें