परमेश्वर के दैनिक वचन : जीवन में प्रवेश | अंश 454
यीशु परमेश्वर के आदेश—समस्त मानवजाति के छुटकारे के कार्य—को पूरा करने में समर्थ था क्योंकि उसने अपनी व्यक्तिगत योजनाओं एवं विचारों के बिना...
हम परमेश्वर के प्रकटन के लिए बेसब्र सभी साधकों का स्वागत करते हैं!
समूचे विश्व में लोग मेरे दिन के आगमन का उत्सव मनाते हैं, और स्वर्गदूत जनसमूह के बीच चलते-फिरते हैं। जब शैतान परेशानियाँ पैदा करता है, तो स्वर्गदूत, स्वर्ग में अपनी सेवाओं की वजह से, सदैव मेरे लोगों की सहायता करते हैं। वे मानवीय कमज़ोरियों के कारण शैतान के द्वारा धोखा नहीं खाते हैं, बल्कि अंधकार की शक्तियों के आक्रमण के परिणाम स्वरूप मनुष्य के कोहरे में लिपटे हुए जीवन का कहीं ज़्यादा अनुभव प्राप्त करते हैं। सभी लोग मेरे नाम के नीचे समर्पण करते हैं, और कोई भी खुलकर मेरा विरोध करने के लिए कभी भी खड़ा नहीं होता है। स्वर्गदूतों के परिश्रम की वजह से, मनुष्य मेरे नाम को स्वीकार करता है और सभी मेरे कार्य के प्रवाह के बीच में आ जाते हैं। संसार का पतन हो रहा है! बेबीलोन गतिहीनता में है! धार्मिक संसार—कैसे इसे पृथ्वी पर मेरी सामर्थ्य द्वारा नष्ट नहीं किया जा सकता था? कौन अभी भी मेरी अवज्ञा और मेरा विरोध करने का साहस करता है? धर्म शास्त्र? सभी धार्मिक अधिकारी? पृथ्वी के शासक और अधिकारी? स्वर्गदूत? कौन मेरे शरीर की सिद्धता और परिपूर्णता का उत्सव नहीं मनाता है? सभी लोगों में से, कौन बिना रूके मेरी स्तुति नहीं गाता है, कौन बिना नागा किए प्रसन्न नहीं है? मैं बड़े लाल अजगर की माँद के देश में रहता हूँ, फिर भी मैं इसके कारण डर कर थरथराता या भागता नहीं हूँ, क्योंकि उसके सभी लोगों ने पहले से ही उससे घृणा करना प्रारम्भ कर दिया है। उस अजगर के सामने किसी भी चीज़ के "कर्तव्य" को कभी नहीं किया गया है; इसके बजाए, सभी चीज़ें अपने तरीके से काम करती हैं और उस मार्ग को चुनती हैं जो उनके लिए सबसे अनुकूल है। पृथ्वी के राष्ट्रों का विनाश कैसे नहीं हो सकता है? पृथ्वी के राष्ट्रों का पतन कैसे नहीं हो सकता है? मेरे लोग आनंदित कैसे नहीं हो सकते हैं? वे खुशी से गीत कैसे नहीं गा सकते हैं? क्या यह मनुष्य का कार्य है? क्या यह मनुष्य के हाथों किया गया कार्य है? मैंने मनुष्य को उसके अस्तित्व का मूल दिया है और उसे भौतिक वस्तुएँ प्रदान की हैं, फिर भी मनुष्य अपनी वर्तमान परिस्थितियों से असंतुष्ट है और मेरे राज्य में प्रवेश करने के लिए कहता है। किन्तु वह इतनी आसानी से, बिना कोई कीमत चुकाए, और अपनी निःस्वार्थ भक्ति को अर्पित करने के लिए तैयार हुए बिना, मेरे राज्य में प्रवेश कैसे कर सकता है? मनुष्य से कुछ वसूल करने के बजाए, मैं उससे अपेक्षाएँ करता हूँ, ताकि पृथ्वी पर मेरा राज्य महिमा से भर जाए। मनुष्य वर्तमान युग में मेरे द्वारा निर्देशित किया गया है तथा वह इस अवस्था में विद्यमान है, और वह मेरे प्रकाश के मार्गदर्शन के बीच रहता है। यदि ऐसा न हुआ होता, तो पृथ्वी पर लोगों में ऐसा कौन होता जो अपने भविष्य के बारे में जान पाता? कौन मेरी इच्छा को समझ पाता? मैं अपने प्रावधानों को मनुष्य से की गई अपेक्षाओं के साथ जोड़ देता हूँ; क्या यह प्रकृति के नियमों के अनुसार नहीं है?
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, संपूर्ण ब्रह्मांड के लिए परमेश्वर के वचन, अध्याय 22
परमेश्वर का आशीष आपके पास आएगा! हमसे संपर्क करने के लिए बटन पर क्लिक करके, आपको प्रभु की वापसी का शुभ समाचार मिलेगा, और 2024 में उनका स्वागत करने का अवसर मिलेगा।
यीशु परमेश्वर के आदेश—समस्त मानवजाति के छुटकारे के कार्य—को पूरा करने में समर्थ था क्योंकि उसने अपनी व्यक्तिगत योजनाओं एवं विचारों के बिना...
उन लोगों के प्रति परमेश्वर की प्रवृत्ति जो उसके कार्य के दौरान भाग जाते हैं ऐसे लोग हर जगह होते हैं : परमेश्वर के मार्ग के बारे में...
चाहे तुम अमेरिकी हो, ब्रिटिश या फिर किसी अन्य देश के, तुम्हें अपनी राष्ट्रीयता की सीमाओं से बाहर कदम रखना चाहिए, अपनी अस्मिता के पार जाना...
तुम कहते हो कि तुम देहधारी परमेश्वर को स्वीकार करते हो, और तुम स्वीकार करते हो कि वचन देह में प्रकट हुआ है, फिर भी उसकी पीठ पीछे तुम कुछ...