मद सात : वे दुष्ट, धूर्त और कपटी हैं (भाग एक) खंड एक
परिशिष्ट : कनाडा में मसीह-विरोधी घटना से निपटना
कनाडा की कलीसिया में अपने कर्तव्य निर्वहन करने वाले लोगों की अब कैसी स्थिति है? क्या तुम लोगों को मसीह-विरोधी यान के भेद की पहचान है? क्या यान के बोलने और काम करने के तरीके में तुम्हें कोई समस्या दिखती है? (उस समय, मुझे कोई समस्या नहीं दिखी, मुझे बस इतना लगा कि वह काम की खोज-खबर नहीं ले रहा है। मुझे वास्तव में किसी और चीज के बारे में अधिक जानकारी नहीं थी।) अगला व्यक्ति अपनी बात जारी रखे। (मेरा यान से ज्यादा संपर्क नहीं था। दो साल पहले मैंने उसके साथ कुछ सभाओं में भाग लिया था, लेकिन उसके बाद मेरा उससे कोई संपर्क नहीं रहा।) यान तुम्हारी कलीसिया का अगुआ था, फिर ऐसा कैसे हो सकता है कि तुम्हारे किसी भी दल का उससे कोई संपर्क नहीं था? क्या ऐसा इसलिए है क्योंकि अब पता चल चुका है कि उसमें समस्याएँ हैं और तुम लोग अपनी जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश कर रहे हो, या क्या वास्तव में तुम्हारा उससे कोई संपर्क नहीं था? मैंने सुना है कि किसी का यान के साथ अनुचित संबंध था—क्या ऐसा मामला है? (हाँ।) क्या तुम लोगों को यह समझ आया था? (नहीं।) तब तो, तुम लोग बहुत अंधे हो। कोई और कुछ बताए। (यान के साथ मेरा काफी संपर्क था। उस समय, मुझे लगता था कि वह कुछ हद तक अहंकारी और आत्मतुष्ट था, और उसे अपनी बड़ाई करना और दिखावा करना पसंद था। लेकिन मैं कभी यह नहीं पहचान सका कि उसमें एक मसीह-विरोधी का सार था।) उसे महिलाओं को लुभाना पसंद था; क्या तुम यह जानते थे? (नहीं। संगति में वह हमेशा कड़ाई से बोलता था कि पुरुषों और महिलाओं का अनैतिक होना विशेष रूप से बुरा है, और वह अक्सर संगति में कहता था कि हमें इस तरह के आचरण को रोकना होगा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि बंद दरवाजों के पीछे वह खुद ऐसा हो सकता है।) अगला व्यक्ति बताना जारी रख सकता है। (मैं यान के साथ एक साल तक जुड़ा रहा, लेकिन मेरा उसके साथ बहुत अच्छा रिश्ता नहीं था और हमारे बीच सामंजस्यपूर्ण सहयोग नहीं था। केवल काम के बारे में बातचीत करने के दौरान मेरा उससे संपर्क होता था और उसके अलावा मेरा उससे ज्यादा संपर्क नहीं था। इसीलिए मैं उसे अच्छे से पहचान नहीं पाया।) तुम्हें उसकी ठीक से पहचान नहीं हो सकी? क्या ऐसा था कि तुम देख नहीं पा रहे थे कि क्या हो रहा है या तुम उसे पहचान नहीं पाए थे? तुम उसे ठीक से पहचान कैसे नहीं सके? यह परिणाम कैसे आया? (क्योंकि मैं जिस मार्ग पर चला वह गलत था और मैं एक गुणी व्यक्ति की आराधना करता था और उसका आदर करता था। यान बहुत अच्छा वक्ता था, और प्रत्येक संगति में वह परमेश्वर के वचनों और ऊपरवाले के धर्मोपदेशों और संगतियों को उद्धृत करता था। ऐसा लगता था कि वह समस्याओं को हल करना जानता था, और कलीसिया में कोई समस्या होने पर वह हमेशा उसे हल करने की कोशिश करता था।) यदि वह जानता था कि समस्याओं को कैसे हल किया जाए, तो कनाडा की कलीसिया की फिल्म निर्माण टीम के सामने इतनी सारी समस्याएँ कैसे हैं जो अब तक हल नहीं हुई हैं? तुम कहते हो कि वह वास्तव में जानता था कि समस्याओं को कैसे हल किया जाए, लेकिन क्या यह बकवास नहीं है? क्या यह भ्रामक बात नहीं है? (हाँ।) क्या तुम लोग धर्मोपदेश सुनते हो? क्या तुम हर सप्ताह सभा में भाग लेते हो? (हाँ, हम भाग लेते हैं।) तो, क्या जब मैं मसीह विरोधियों को पहचानने के बारे में उपदेश देता हूँ, तो तुम लोग मेरी बात सुनते हो? (हाँ।) मेरी बात सुनने के बाद, क्या तुमको यान के बारे में कुछ समझ आता है? क्या तुम लोगों को यान के काम करने के तरीके में कोई समस्या दिखाई पड़ती है? तुम लोग धर्मोपदेश सुन रहे थे और उसी जगह पर एकत्रित हो रहे थे जहाँ मसीह-विरोधी था, फिर भी तुम इतने स्पष्ट मसीह-विरोधी को नहीं देख पा रहे थे—यहाँ समस्या क्या है? यान दो साल पाँच महीने तक अगुआ था; कौन उसके सबसे अधिक संपर्क में रहता था? उसने किस टीम में सबसे अधिक समय बिताया? उस टीम में कितने लोग उसे पहचान पाए? कितने लोगों को पता चला कि उसमें कोई समस्या है और उन्होंने इसे जाहिर नहीं किया? किसे पता चला कि उसके साथ कोई समस्या है और इस बात को जाहिर करने के लिए आगे आया? क्या तुम लोग इन सवालों के जवाब जानते हो? (कोई भी नहीं पहचान पाया कि वह वास्तव में कैसा था।) तो तुम्हें बाद में कैसे पता चला कि वह मसीह-विरोधी था? (एक बहन, जिसका उसके साथ संबंध था, उसने कहा कि वह बुरी स्थिति में थी, और जब हमने उसकी परिस्थिति के बारे में अधिक जानने की कोशिश की, तो हमें महिलाओं के साथ यान के संबंधों के बारे में समस्या का पता चला।) वह बहन समस्या को प्रकाश में लाई, तो क्या किसी और ने इसकी सूचना दी? (नहीं।)
मसीह-विरोधियों की विभिन्न अभिव्यक्तियों के बारे में संगति और उनके गहन-विश्लेषण के दौरान, क्या तुम लोगों को यान के संबंध में किन्हीं अन्य समस्याओं का पता चला? (मसीह-विरोधियों का भेद पहचानने के विषय पर संगति करके मुझे पता चला है कि यान लोगों के बीच दरार पैदा करने में बहुत तेज था। वह अक्सर मेरे सामने कुछ भाई-बहनों की आलोचना करता था और जिस बहन के साथ मैं सहयोग करता था उसके साथ मेरे रिश्ते में यह कहते हुए फूट के बीज बोता था कि वह बस एक चापलूस है जो सत्य का अभ्यास नहीं करती, वगैरह-वगैरह। इस वजह से मेरे मन में उसके बारे में कुछ राय बन गई और समय के साथ मैं उसके साथ सामंजस्यपूर्ण सहयोग करने में असमर्थ हो गया।) वास्तव में, तुम सभी की यान के बारे में अपनी-अपनी राय थीं, लेकिन किसी ने भी वे बातें औरों को नहीं बताईं, न ही उसकी रिपोर्ट की। तुम सभी लोग खुशामदी हो जो कलीसिया के काम में देरी करना पसंद करते हो और इसकी बिल्कुल भी परवाह नहीं करते। उसने वह काम नहीं किया जो ऊपरवाले ने उसके लिए तय किया था और यह देखकर भी तुम लोगों ने उसकी रिपोर्ट नहीं की, बल्कि इस मसीह-विरोधी को बचाया और उसे बढ़ावा दिया। तुम लोगों ने उसकी रिपोर्ट क्यों नहीं की? क्या तुम उसे नाराज करने से डरते थे या तुम उसकी असलियत नहीं देख पाए? (मैं उसकी असलियत नहीं देख पाई। कभी-कभार मेरे पास कोई मसला होने पर उससे मिलने के अलावा मैं आम तौर पर उसके साथ संपर्क नहीं रखती थी। वह कहता था कि वह काम में व्यस्त है, लेकिन हमें नहीं पता था कि वह सच बोल रहा था या नहीं।) यह जाँचने की कोई जरूरत नहीं थी कि लोगों की नजरों से दूर रह कर वह क्या कर रहा था; वह जो कुछ ठीक तुम्हारे सामने कर रहा था, उसमें से कुछ की असलियत जानने में तो तुम्हें सक्षम होना चाहिए था। मसीह-विरोधी कुछ करते हैं, तो उनकी कुछ निश्चित अभिव्यक्तियाँ होती हैं। वह केवल निगाहों से ओझल हो कर ही काम नहीं कर रहा था; तुम उन अभिव्यक्तियों को व्यक्तिगत रूप से भी पहचान सकते थे। अगर तुम उन अभिव्यक्तियों को नहीं देख पाए, तो क्या तुम लोग अंधे नहीं थे? (हाँ।) तो, अगर अब फिर से ऐसा कोई व्यक्ति हो, तो क्या तुम उसे पहचान लोगे? क्या यान जैसा कोई व्यक्ति वास्तविक कार्य कर सकता है? क्या ऐसा व्यक्ति सत्य पर संगति कर सकता है और समस्याओं का समाधान कर सकता है? (नहीं।) तुमने जवाब में नहीं क्यों कहा? (कार्य के परिणामों के संदर्भ में, कलीसिया में कई समस्याएँ थीं जो लंबे समय तक हल नहीं हुईं, सभी कार्यों की प्रगति अविश्वसनीय रूप से धीमी थी, और हमने जो फिल्में बनाईं, वे परमेश्वर के घर की अपेक्षाओं को पूरा नहीं करती थीं।) यान से निपटे जाने से पहले, क्या तुम लोगों ने देखा था कि यह एक समस्या थी? (नहीं।) तो, धर्मोपदेश सुनने के बाद तुम लोगों ने क्या समझा? तुम लोग ऐसी गंभीर समस्याओं को भी नहीं देख पाते, और फिर हमेशा बहाने ढूँढ़ते हो, कहते हो, “हम उसके संपर्क में नहीं थे। हम कैसे जान पाते कि वह हमारी नजरों से दूर क्या कर रहा था? हम तो बस साधारण विश्वासी हैं, वह अगुआ था। हम हमेशा उसका पीछा नहीं कर सकते थे, इसलिए यह तर्कसंगत है कि हम उसकी असलियत नहीं जान पाए और उसकी रिपोर्ट नहीं की।” क्या तुम्हारा यही मतलब था? (हाँ।) इसकी प्रकृति क्या है? (हम अपनी जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश कर रहे हैं।) तो, क्या तुम लोग यदि भविष्य में इसी तरह के किसी व्यक्ति से मिलते हो, तो इस मामले को फिर से इसी तरह से देखोगे? (नहीं, मैं इस मामले को फिर से ऐसे नहीं देखूँगी। जब मैं उसके बारे में कुछ जान जाऊँगी, तो मैं उसकी रिपोर्ट करूँगी।) मुझे यकीन नहीं है कि तुम ऐसा करोगे। कई कलीसियाओं में ऐसे लोग हैं जो नकली अगुआओं और मसीह-विरोधियों की सूचना देते हैं, लेकिन कनाडा की कलीसिया में ऐसा कोई भी नहीं था। यह मसीह-विरोधी इतने लंबे समय से सक्रिय था, और एक भी आदमी ने उसकी सूचना नहीं दी, किसी ने उसकी रिपोर्ट नहीं की। हाल ही में, अमेरिका में काम कर रही फिल्म निर्माण टीम ने किसी की रिपोर्ट करते हुए एक पत्र भेजा था। वह पत्र सुसंगठित और सुस्थापित तरीके से लिखा गया था, और बहुत विशिष्ट और सटीक भी था, मूलतः तथ्यात्मक आधार पर लिखा गया था। यह दिखाता है कि हर कलीसिया में कुछ ऐसे लोग होते हैं जो नकली अगुआओं और मसीह-विरोधियों को पहचान सकते हैं—यह अच्छी बात है। कभी-कभी नकली अगुआ और मसीह-विरोधी लोग कुछ समय के लिए अच्छा प्रदर्शन करते हैं, और कुछ समस्याओं का खुलासा करते हैं। कुछ लोग केवल यह देख पाते हैं कि समस्याएँ हैं, लेकिन वे इन समस्याओं के सार और सत्य को नहीं समझ पाते और न ही उन्हें हल करना जानते हैं—यह पहचान न कर पाने से भी संबंधित है। ऐसी परिस्थितियों में तुम्हें क्या करना चाहिए? ऐसे समय में, तुम्हें उन्हें पहचानने के लिए किसी ऐसे व्यक्ति को बुलाना चाहिए जो सत्य समझता हो। यदि ऐसी जिम्मेदारी ले सकने वाले कई लोग हों, और सभी लोग मिलकर मामले की खोज, मामले पर संगति और चर्चा करें, तो तुम सभी आम सहमति पर पहुँच सकते हो और समस्या के सार को समझ सकते हो, और तब तुम पहचान सकोगे कि वह व्यक्ति नकली अगुआ और मसीह-विरोधी है या नहीं। नकली अगुआओं और मसीह-विरोधियों की समस्या को हल करना इतना मुश्किल नहीं है; नकली अगुआ लोग वास्तविक कार्य नहीं करते और उनका पता लगाना व उन्हें स्पष्ट रूप से देखना आसान है; मसीह-विरोधी लोग कलीसिया के काम में बाधा डालते हैं, उसे अस्त-व्यस्त कर देते हैं और उन्हें पहचानना और स्पष्ट रूप से देखना भी आसान होता है। ये सारी चीजें परमेश्वर के चुने हुए लोगों को उनके कर्तव्यों का पालन करने में बाधा डालने की समस्या से संबंधित हैं, और तुम्हें ऐसे लोगों की रिपोर्ट करनी चाहिए और उन्हें उजागर करना चाहिए—केवल ऐसा करके ही तुम कलीसिया के काम में देरी होने से रोक सकते हो। नकली अगुआओं और मसीह-विरोधियों के बारे में रिपोर्ट करना और उन्हें उजागर करना महत्वपूर्ण कार्य है जो यह सुनिश्चित करता है कि परमेश्वर के चुने हुए लोग अपने कर्तव्यों को अच्छी तरह से निभा सकते हैं, और परमेश्वर के चुने हुए सभी लोग इस जिम्मेदारी का निर्वाह करते हैं। चाहे वह कोई भी हो, यदि वह नकली अगुआ या मसीह-विरोधी है, तो परमेश्वर के चुने हुए लोगों को उसे उजागर करना चाहिए और प्रकाश में लाना चाहिए, और इस तरह तुम अपनी जिम्मेदारी पूरी करोगे। जब तक रिपोर्ट की गई समस्या सच है और वास्तव में कोई नकली अगुआ है या कोई मसीह-विरोधी घटना हुई है, तब तक परमेश्वर का घर हमेशा समयबद्ध तरीके से और सिद्धांतों के अनुसार उसे सँभालेगा। तो, क्या तुम लोगों ने मसीह-विरोधी यान के साथ जो समस्या थी उसे सार्वजनिक किया? नहीं, तुम लोगों ने ऐसा नहीं किया। तुम इस शैतान द्वारा लंबे समय तक गुमराह होते रहे और उसके हाथों का खिलौना बने रहे, जैसे कि तुम्हें कुछ पता ही न हो। तुम्हारे बगल में इतना स्पष्ट मसीह-विरोधी था और वह इतने समय तक मनमानी करता रहा और तुम लोगों ने उसे बिना किसी चुनौती के यह सब जारी रखने दिया, क्या तुममें वाकई कोई जागरूकता नहीं है? क्या तुम सामान्य रूप से कलीसिया का जीवन जीते हो? क्या तुम पवित्र आत्मा के काम का आनंद ले पाते हो? क्या तुम हर बार किसी सभा में शामिल होने पर लाभान्वित होते हो? तुम्हें ये सब महसूस करने में सक्षम होना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मसीह-विरोधी यान ने कोई वास्तविक काम नहीं किया, उसने फिल्म निर्माण कार्य में देरी करवाई और उसने कलीसिया के काम को पूरी तरह से उलट-पुलट कर दिया। जिसके पास भी दिल हो वह इन चीजों को देख सकता था, लेकिन तुम लोगों में से किसी ने भी इस मसीह-विरोधी के चेहरे से नकाब नहीं उतारा, या इसकी रिपोर्ट नहीं की। ऐसा लगता है कि तुम्हें गंदे शैतानों और दुष्ट आत्माओं के साथ घुलना-मिलना पसंद है और तुम्हें सत्य से बिल्कुल भी प्रेम नहीं है। हो सकता है कि तुम इसे स्वीकार करने को तैयार न हो, लेकिन तथ्य यही है। तुम लोग एक शैतान के साथ घुलमिल गए थे और तब भी तुम सोचते हो कि यह सब बहुत बढ़िया है। तुम सोचते हो कि तुम्हें अब परमेश्वर के वचनों को पढ़ने या सत्य का अनुसरण करने की आवश्यकता नहीं है और तुम बस अपना कर्तव्य निभाने की औपचारिकताएँ करते रह सकते हो; तुम सोचते हो कि तुम्हें अब उद्धार प्राप्त करने, सत्य का अभ्यास करने, परमेश्वर के आयोजनों और व्यवस्थाओं के प्रति समर्पित होने या अपना कर्तव्य अच्छी तरह से निभाने के बारे में परेशान होने की और आवश्यकता नहीं है। तुम्हारा विश्वास है कि तुम वैसे ही बस अपनी देह का आनंद ले सकते हो और बेपरवाह और आजाद पंछी हो सकते हो, जैसे कि अतीत में सदोम के लोग खाते-पीते, मौज-मस्ती करते थे और कुछ भी उचित काम नहीं करते थे, कोई भी व्यक्ति जिम्मेदारी नहीं लेता था, और कोई भी मसीह-विरोधी को उजागर या उसकी रिपोर्ट नहीं करता था। इसके कारण लंबे समय तक कलीसिया पवित्र आत्मा के कार्य से वंचित रही। और तुम लोग परवाह नहीं करते, तुम्हारा पहले ही अधोपतन हो चुका है, और तुम लोग छद्म-विश्वासियों और गैर-विश्वासियों से अलग नहीं हो। तुम लोग वर्षों से धर्मोपदेश सुनते आ रहे हो, और अब भी तुम नकली अगुआओं और मसीह-विरोधियों को नहीं पहचान पाते, इसके बजाय तुम लोग मसीह-विरोधियों के साथ घुलने-मिलने और किसी बात पर गंभीरता से विचार किए बिना दिन भर खाते रहने को तैयार रहते हो। ऐसा व्यवहार यह दिखाने के लिए पर्याप्त है कि तुम लोग परमेश्वर के सच्चे विश्वासी नहीं हो। सबसे पहली बात यह है कि तुम सत्य से प्रेम नहीं करते या सत्य को स्वीकार नहीं करते; दूसरे, तुम लोगों को अपने कर्तव्य के प्रति किसी उत्तरदायित्व का बोध नहीं है, यह तो बिल्कुल नहीं कहा जा सकता कि तुम उसे निष्ठापूर्वक निभाते हो, और तुम बस कलीसिया के काम की अनदेखी करते हो। तुम लोग अपना कर्तव्य निभाते हुए दिखते हो, लेकिन तुम्हें कोई नतीजे नहीं मिलते; तुम बस औपचारिकताएँ कर रहे हो। नकली अगुआ और मसीह-विरोधी लोग कलीसिया के काम को कितना भी बाधित करें और नुकसान पहुँचाएँ, तुम लोग इस बारे में पूरी तरह से अनजान हो, और यह बात तुम्हें बिल्कुल भी परेशान नहीं करती। जब कोई मसीह-विरोधी पूरी तरह से प्रकट हो जाता है, तभी तुम लोग स्वीकार करते हो कि तुम्हें कोई पहचान नहीं है, और जब मैं उसके विवरण पूछता हूँ, तो तुम कहते हो, “मुझे नहीं पता, मैं जिम्मेदार नहीं हूँ!” इस तरह तुम लोग इस मामले से पूरी तरह से हाथ धो लेते हो। क्या तुम लोग सोचते हो कि ऐसा कहने से मामला खत्म हो गया और तुम अपनी जिम्मेदारी से बच जाओगे? क्या परमेश्वर का घर अब इस पर गौर नहीं करेगा? परमेश्वर के घर ने तुम्हें इतने समय तक सींचा है और तुमने बहुत से धर्मोपदेश सुने हैं, और इसका परिणाम क्या रहा? कलीसिया में मसीह-विरोधी का प्रकट होना एक गंभीर समस्या है, लेकिन तुम लोगों को इसकी जानकारी ही नहीं है। यह दिखाता है कि तुम लोग बिल्कुल भी प्रगति नहीं कर पाए हो, कि तुम चेतनाशून्य और मंदबुद्धि हो, और तुम दैहिक भोग-विलास में लगे हो। तुम लोग मरे हुए लोगों का ढेर हो, जिसमें एक भी व्यक्ति जीवित नहीं है, एक भी ऐसा नहीं है जो सत्य का अनुसरण करता हो, ज्यादा से ज्यादा सिर्फ कुछ लोग श्रमिक हैं। काफी समय से परमेश्वर पर विश्वास करने, धर्मोपदेश सुनने के बाद एक मसीह-विरोधी के साथ घुलना-मिलना, उसे उजागर न करना या उसकी रिपोर्ट न करना—तुम लोगों में और उस व्यक्ति में क्या अंतर है जो परमेश्वर पर विश्वास नहीं करता? तुम लोग मसीह-विरोधियों के साथ हो, तुम परमेश्वर के लोग नहीं हो; तुम लोग मसीह-विरोधियों का अनुसरण करते हो, शैतान का अनुसरण करते हो, और परमेश्वर के अनुयायी बिल्कुल नहीं हो। भले ही तुम लोगों ने वे बुरे काम नहीं किए जो इस मसीह-विरोधी ने किए थे, फिर भी तुमने उसका अनुसरण किया और उसका बचाव किया, क्योंकि तुम लोगों ने उसे उजागर नहीं किया या उसकी रिपोर्ट नहीं की और बकबक करते रहे कि तुम लोगों के इस मसीह-विरोधी से ज्यादा संबंध नहीं थे और तुम यह नहीं जानते थे कि वह क्या कर रहा था। ऐसा करके, क्या तुम खुली आँखों से मसीह-विरोधी को नहीं बचा रहे थे? मसीह-विरोधी ने इतने बुरे काम किए और कलीसिया के काम को पंगु बना दिया, कलीसिया के जीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया, और फिर भी तुम लोग कहते हो कि तुम्हें नहीं पता था कि मसीह-विरोधी क्या कर रहा था—इस पर कौन विश्वास करेगा? तुम लोगों ने अपनी आँखों से देखा कि मसीह-विरोधी कलीसिया के काम को बाधित कर रहा था और क्षति पहुँचा रहा था और फिर भी तुम पूरी तरह से उदासीन रहे और जरा भी प्रतिक्रिया नहीं की। किसी ने भी उसे उजागर नहीं किया या उसकी रिपोर्ट नहीं की—तुम सभी इस एक छोटी-सी जिम्मेदारी को भी निभाने में विफल रहे और तुम लोग अंतरात्मा और विवेक से एकदम रहित हो! सभी कलीसियाएँ अक्सर नकली अगुआओं और मसीह विरोधियों की रिपोर्ट करते हुए पत्र भेजती हैं—क्या तुम लोगों ने कभी ऐसा नहीं देखा? केवल कनाडा की कलीसिया ही रुके हुए पानी का ऐसा तालाब है जिसने कभी भी अपनी स्थिति की जानकारी देने के लिए ऊपरवाले से संपर्क नहीं किया है। तुम सब बस मुर्दा लोगों का एक समूह हो, जिसमें कोई भी जीवित नहीं है! परमेश्वर ऐसी कलीसिया को स्वीकार नहीं करेगा, और यदि तुम लोग पश्चात्ताप नहीं करते, तो तुम पूरी तरह से समाप्त हो जाओगे और सभी को हटा दिया जाएगा।
आज 10 जुलाई 2019 है। आज से कनाडा का फिल्म निर्माण दल एक वर्ष के लिए औपचारिक रूप से अलगाव और आत्मचिंतन की अवधि से गुजरेगा। फिल्म निर्माण दल में कितने लोग हैं? (परमेश्वर, फिल्म निर्माण दल में 34 लोग हैं।) और, उनमें कितने अगुआ हैं? (दो।) ठीक है, तो तुम दोनों खड़े हो जाओ ताकि मैं तुम्हें देख सकूँ। फिल्म निर्माण दल के तुम सभी लोग 10 जुलाई का दिन याद रखना। आज से कनाडा के फिल्म निर्माण दल को एक वर्ष की अवधि के लिए औपचारिक रूप से ब समूह में रखा जाएगा। यदि तुम लोग पश्चात्ताप करते हो तो तुम सामान्य कलीसिया में वापस आ सकते हो; हम देखेंगे कि इस एक वर्ष में तुम लोगों का व्यवहार कैसा रहता है—यदि तुम लोग अपना कर्तव्य निभाना जारी रख सकते हो, और पश्चात्ताप दिखाते हो, तो तुम फिर से कलीसियाई जीवन जीना शुरू कर सकते हो। समझे? (हाँ।) इस अवधि के दौरान तुम लोगों के कर्तव्य वही रहेंगे जो पहले थे। यदि तुम में से कुछ लोग बाहर निकाले जाने और निष्कासित होने से बचना चाहते हैं, तो बताओ कि अलगाव और आत्मचिंतन की इस पद्धति को अपनाने के बारे में तुम क्या सोचते हो? क्या तुम इससे संतुष्ट हो? (हाँ।) मैं तुम लोगों को एक वर्ष क्यों दे रहा हूँ? (हमें पश्चात्ताप करने का अवसर देने के लिए।) तुम लोगों को पश्चात्ताप करने का अवसर देने के लिए। यदि एक वर्ष के बाद भी तुम्हारा आचरण शर्मनाक रहता है, तुम्हारी कार्यकुशलता अपेक्षित स्तर पर नहीं पहुँचती है, तुम अब भी अपने पैर घसीटते हुए कर्तव्य का पालन करते हो और तुम्हारा कर्तव्य पहले की तरह ही अव्यवस्थित रहता है, तुम अपने पेशेवर काम और जीवन प्रवेश में कोई प्रगति नहीं करते हो, और कोई परिणाम प्राप्त नहीं करते हो, तो तुम एक और वर्ष की अवधि के लिए अलग-थलग रहोगे, और इस तरह से समयावधि साल-दर-साल बढ़ती जाएगी। जब तुम लोग प्रगति कर लोगे, यानी जब तुम अनुभवात्मक गवाही के कुछ लेख लिख सकोगे और तुम्हारा व्यवहार, समझ और कार्य परिणाम वास्तव में स्वीकार्य स्तर के होंगे, तो तुम फिर से कलीसियाई जीवन जीना शुरू कर सकोगे। कनाडा की कलीसिया में अन्य टीमें कलीसियाई जीवन जारी रख सकती हैं। हम देखेंगे कि भविष्य में अपने कर्तव्य निर्वाह के प्रति तुम लोगों का रवैया कैसा रहता है। यदि तुम्हारा आचरण अभी भी शर्मनाक होगा, तो कनाडा की कलीसिया में हर किसी को एकांतवास में भेज दिया जाएगा। समझ रहे हो? (हाँ।) मामले को सँभालने के इस परिणाम के बारे में तुम्हारा क्या सोचना है? (यह अच्छा है।) क्या तुम्हारा वास्तव में मतलब है कि यह अच्छा है, या तुम बस ऐसे ही कह रहे हो? (यह वास्तव में अच्छा है।) ठीक है, तुम लोग इससे संतुष्ट हो। तो, यह आज का आखिरी धर्मोपदेश है जो तुम लोग सुनोगे। मेरा मूल इरादा तुम लोगों को पूरी तरह से अलग करने और हटाने का था और तुम लोगों को यह धर्मोपदेश नहीं सुनने देने का था। इतने सालों तक तुमने जो धर्मोपदेश सुने हैं, वे व्यर्थ हैं और उनसे तुम्हें कुछ भी हासिल नहीं हुआ है, तो तुम लोग अब भी क्यों सुन रहे हो? तुम लोगों को देखकर मुझे बहुत दुःख होता है! तुम सब कितने चेतनाशून्य और मंदबुद्धि दिखते हो।
पहले जब मैं कनाडा की कलीसिया में एक बहन से बात कर रहा था, तो मैंने सुना कि वहाँ के माहौल में मूर्खतापूर्ण हँसी और अत्यधिक व्यभिचार भरा था, और वहाँ इतना शोर था कि वह टाइप नहीं कर पाती थी, मानो वह किसी शहर के व्यस्त इलाके में हो। तब मुझे इससे घिन आनी शुरू हो गई और मैंने कहा कि कनाडा की कलीसिया के लोग श्रद्धालु नहीं, बल्कि सभी छद्म-विश्वासियों की तरह व्यभिचारी हैं, और वे सत्य का अनुसरण नहीं करते। बाद में, मैंने फिल्म निर्माण के मामलों पर इन लोगों के साथ संगति की और वे पूरी तरह से चेतनाशून्य थे। “चेतनाशून्य” का क्या मतलब है? जब मैं उनसे बात कर रहा था, तो उनके चेहरों पर न कोई प्रतिक्रिया आई, न कोई भाव दिखे, उनकी आँखें एक जगह पर टिकी हुई थीं, जैसे कि वे बुरी आत्माओं के कब्जे में हों—किसी भी चीज के बारे में उनकी कोई प्रतिक्रिया या रवैया नहीं था। क्या यह बहुत घृणात्मक नहीं है? इन लोगों की मानसिक स्थिति और वेश-भूषा को देखते हुए कहा जा सकता है कि कोई भी टीम अच्छी नहीं है, वे सभी अव्यवस्थित हैं, और खास तौर पर फिल्म निर्माण टीम में व्यभिचार की एक घटना हुई, और वे अभी भी कहते हैं कि उन्हें कुछ भी पता नहीं था। क्या वे जो कह रहे हैं वह सही है? क्या यह बात भ्रामक नहीं है? वास्तव में, मसीह-विरोधी यान का यह मामला पहले से ही अगुआओं और कार्यकर्ताओं द्वारा सँभाला जा चुका है, लेकिन क्योंकि यह सब बहुत गंभीर और घृणित है, इसलिए मुझे व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करना पड़ा। मुझे हस्तक्षेप क्यों करना पड़ा? क्योंकि उन्होंने इसे ठीक से नहीं सँभाला। उन्होंने बस कम करके बताने वाली कुछ बातें कहीं, वे किसी समस्या को हल नहीं कर सके, और मामले का गहन-विश्लेषण बिल्कुल नहीं कर सके। तुम लोग आखिर कितने चेतनाशून्य हो? तुम्हारे चेहरे पर सुई चुभाई जाए तो भी खून नहीं निकलेगा; तुम कुछ भी महसूस करने में पूरी तरह से असमर्थ हो। सभी अगुआओं और कार्यकर्ताओं की काट-छाँट की जा चुकी है, लेकिन उसके बाद भी वे वैसे ही रहे, बदले नहीं। इसीलिए मुझे हस्तक्षेप करना पड़ा और तुम्हारे प्रति “व्यवहार” में बदलाव करना पड़ा। इस मामले से तुम लोगों ने क्या सबक सीखा है? तुम लोग अपने दिलों में बेचैनी महसूस करते हो, है न? क्या तुम लोगों को लगता है कि यह उचित है कि मैं चीजों को इस तरह से सँभाल रहा हूँ? (हाँ।) यह कैसे उचित है? मैं साफ-साफ कहना चाहता हूँ कि यदि तुम सही मार्ग का अनुसरण नहीं करते या सत्य का अभ्यास नहीं करते, यदि तुम परमेश्वर में विश्वास का झंडा तो फहराते हो, लेकिन गैर-विश्वासियों की तरह ही जीना चाहते हो और मनमानी करना चाहते हो, तो परमेश्वर में तुम लोगों का विश्वास अर्थहीन है। मैं क्यों कहता हूँ कि यह अर्थहीन है? परमेश्वर में आस्था का अर्थ कहाँ होता है? यह लोगों के चलने के मार्ग, जीवन के प्रति उनके दृष्टिकोण, तथा परमेश्वर में विश्वास रखने के बाद उनके जीवन की दिशा और लक्ष्यों में पूर्ण परिवर्तन में निहित होता है, इन चीजों में परमेश्वर में विश्वास न करने वालों से, सांसारिक लोगों से, तथा शैतानों से पूरी तरह से अलग होने में होता है, तथा विश्वासियों के चलने का मार्ग इन लोगों के बिल्कुल विपरीत होता है। यह विपरीत दिशा क्या है? इसका अर्थ है कि तुम अच्छे व्यक्ति बनना चाहते हो, तथा ऐसा व्यक्ति बनना चाहते हो जो परमेश्वर के प्रति समर्पित हो तथा जिसमें मानवीय सादृश्यता हो। तो, तुम इसे कैसे पा सकते हो? तुम्हें सत्य के लिए निरंतर प्रयासरत होने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, और केवल ऐसा करके ही तुम बदल पाओगे। यदि तुम सत्य का अनुसरण नहीं करते या सत्य का अभ्यास नहीं करते, तो परमेश्वर में तुम्हारी आस्था का कोई अर्थ या मूल्य नहीं है, तुम्हारी आस्था एक खाली खोल है, धोखा देने के लिए बोले गए राक्षसी शब्द, केवल खोखले शब्द हैं जिनका कोई प्रभाव नहीं होता। तुम्हें इस पर विचार करना चाहिए कि मैं यहाँ क्या कह रहा हूँ। ये वचन सबसे सरल और सबसे मौलिक सत्य हैं, और शायद तुमने पहले कभी इन पर विचार न किया हो। क्या ऐसा ही है? यदि तुम कहते हो, “मैं परमेश्वर में विश्वास करता हूँ। मैं वही करूँगा जो मुझे करना चाहिए, मैं वही करूँगा जो मैं चाहता हूँ, और जहाँ तक परमेश्वर के प्रति समर्पण, परमेश्वर के आयोजनों और व्यवस्थाओं के प्रति समर्पण, परमेश्वर के प्रति वफादार होने और मानवता से युक्त व्यक्ति होने की बात है, तो मेरा इन बातों से कोई लेना-देना नहीं है,” तो यदि इन बातों का तुमसे कोई लेना-देना नहीं है, फिर तुम परमेश्वर में विश्वास करके क्या कर रहे हो? तुम परमेश्वर में विश्वास क्यों करते हो? तुम उसमें किस तरह से विश्वास करना चाहते हो? परमेश्वर में विश्वास करके तुम किस तरह के व्यक्ति बनना चाहते हो? यदि इन बातों का तुमसे कोई मतलब नहीं है, तो सीधी बात है कि परमेश्वर में तुम्हारे विश्वास का कोई अर्थ नहीं है। अगर तुम हमेशा अपनी धारणाओं और कल्पनाओं पर भरोसा करते हुए परमेश्वर पर विश्वास करते हो, हमेशा अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार काम करते हो, जो चाहते हो वही करते हो और दैहिक तृप्ति पाने में लगे रहते हो, तब तुम्हारे विचारों और दृष्टिकोण, और तुम्हारे द्वारा किए जाने वाले कामों का सत्य से और परमेश्वर की अपेक्षाओं से कोई लेना-देना नहीं है, तो परमेश्वर पर तुम्हारा विश्वास निरर्थक है और तुम्हें विश्वास करते रहने की कोई जरूरत नहीं है। अगर तुम विश्वास करते भी रहते हो, तो यह प्रयासों की बर्बादी होगी, और परमेश्वर तुम्हें नहीं बचाएगा।
यह विषय बहुत गंभीर है, और तुम सभी इस मामले को सँभालने के तरीके से परेशान महसूस करते हो; यह थोड़ा अप्रत्याशित था। जो भी हो, भविष्य में फिर इस तरह की घटनाएँ होंगी। अब जब हमने इस बार मामले को इस तरह सँभाला है, और अगर भविष्य में इस तरह की बात फिर से होती है, तो इसे इस तरह से नहीं सँभाला जाएगा, बल्कि शायद और अधिक सख्ती से निपटाया जाएगा। मुझे बताओ, क्या यह उचित है? (हाँ।)
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