अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ (28) खंड चार
ड. जटिल पृष्ठभूमि होना
चलो, हम अगली अभिव्यक्ति पर एक नजर डालें : जटिल पृष्ठभूमि होना। तुम लोग क्या सोचते हो कि जटिल पृष्ठभूमि किस तरह के लोगों की होती है? (कुछ लोग आपराधिक अंडरवर्ल्ड और कानूनी मंडलियों दोनों में शामिल होते हैं और उनकी सामाजिक पृष्ठभूमि अपेक्षाकृत जटिल होती हैं—क्या वे इस श्रेणी में आते हैं?) जब हम जटिल पृष्ठभूमि की बात करते हैं तब निश्चित तौर पर सांसारिक रूप से बुद्धिमान लोगों की तरफ इशारा कर रहे होते हैं। सांसारिक रूप से बुद्धिमान लोगों का विशिष्ट तरीका क्या है? यह कि वे पैर पर पैर रखकर बैठ जाते हैं और लगातार बातें करते रहते हैं; वे दुनिया की हर चीज के बारे में बेसिर-पैर की बातें करते हैं, वे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय मसलों पर काफी देर बकबक कर सकते हैं, लेकिन वे जो भी कहते हैं उसमें एक शब्द भी सच्चा नहीं होता है—यह सब शेखी बघारना होता है, जो मनगढ़ंत या कल्पित होता है। जरूरी नहीं है कि शेखीबाज लोग वही हों, जिनकी सामाजिक पृष्ठभूमि जटिल होती है। शेखीबाज सिर्फ लफंगे भी हो सकते हैं और साधारण लोग भी—जहाँ वे भी जाते हैं, लोगों को गुमराह करने और दूसरों को अपने बारे में ऊँचा सोचने को मजबूर करने के लिए डींग मारते हैं, बड़ी-बड़ी और अवास्तविक बातें करते हैं और इससे उनकी इज्जत खराब होने में ज्यादा समय नहीं लगता है। किस तरह के लोगों की जटिल पृष्ठभूमि होती है? मिसाल के तौर पर, समाज में कुछ लोग एक राजनीतिक दल से जुड़ते हैं, लेकिन कई सालों तक कोशिश करने के बाद भी उन्हें कोई पद नहीं मिलता। तब वे दूसरे दल से जुड़ जाते हैं और आखिरकार एक छोटे अगुआ या छोटे अधिकारी का पद पाने में सफल हो जाते हैं। उनके सामाजिक संबंध खास तौर पर उलझे हुए होते हैं। कोई भी निश्चित तौर पर यह नहीं कह सकता कि जिन लोगों से उनका मेल-जोल है वे उनके दोस्त हैं या दुश्मन—यहाँ तक कि उनके परिवार को भी नहीं पता होता, सिर्फ वे खुद ही जानते हैं। क्या ऐसे लोगों की पृष्ठभूमि जटिल नहीं है? (हाँ।) ऐसे लोगों की राजनीतिक पृष्ठभूमि जटिल होती है। आज वे इस दल का समर्थन करते हैं, कल वे किसी दूसरे का समर्थन करते हैं; आज वे चुनाव के लिए एक व्यक्ति का समर्थन करते हैं और कल वे किसी दूसरे का समर्थन करते हैं। संक्षेप में, कोई नहीं जानता कि वे सच में क्या सोचते हैं। वे आम लोगों को यह ठीक-ठीक नहीं बताते हैं कि वे किसका समर्थन करते हैं, वास्तव में उनके राजनीतिक रुख या राजनीतिक लक्ष्य क्या हैं; वे इन बातों को खासतौर पर गुप्त रखते हैं और आम लोग—यहाँ तक कि उनके अपने परिवार के लोग भी—उनके बारे में ये बातें नहीं जानते हैं। लेकिन वे राजनीति के बारे में विशेष रूप से जुनूनी होते हैं, उनकी कुछ जान-पहचान होती है और वे राजनीतिक मंच पर कुछ लोगों को जानते हैं; बात बस इतनी है कि फिलहाल उनकी महत्वाकांक्षाएँ पूरी नहीं हुई हैं। इस तरह के व्यक्ति कलीसिया में प्रवेश करने के बाद देखते हैं कि भाई-बहन बस आम लोग हैं, जिन्हें राजनीति की समझ नहीं है और न ही वे इसमें संलग्न होते हैं; अपने दिल में वे वास्तव में परमेश्वर में यकीन करने वालों को तुच्छ समझते हैं। फिर भी वे हमेशा धार्मिक दुनिया और समाज में कलीसिया की प्रसिद्धि का फायदा उठाना चाहते हैं या कलीसिया के प्रभाव का फायदा उठाकर अपनी मनचाही चीजें करना चाहते हैं, अपनी ढेर सारी इच्छाओं को संतुष्ट करना चाहते हैं या अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करना चाहते हैं—यानी वे कलीसिया के भीतर छिपना चाहते हैं और सही मौके का इंतजार करना चाहते हैं ताकि वे कलीसियाई समुदाय या कलीसिया के भीतर कुछ लोगों, घटनाओं और चीजों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक लक्ष्यों को पूरा करने के लिए कर सकें। क्या इस तरह के व्यक्ति को जटिल पृष्ठभूमि वाला माना जा सकता है? (हाँ।) राजनीति में शामिल लोगों के विचार, मामलों से निपटने के उनके सिद्धांत, अलग-अलग दाँव-पेच और बोलने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रणनीतियां और तरीके ऐसी चीजें हैं, जिनकी असलियत आम लोग देख नहीं पाते हैं। खास तौर पर युवा लोग या बिना सामाजिक अनुभव वाले लोग उनकी असलियत बिल्कुल भी नहीं देख पाते हैं। राजनीतिक रूप से जटिल पृष्ठभूमि वाले इन लोगों के लिए बिना राजनीतिक समझ वाले लोग हाथों का खिलौना हैं और वे ऐसे लोगों को नीची नजरों से बिल्कुल देखते हैं। एक अस्पष्ट उदाहरण देता हूँ, जानवरों के साम्राज्य में सबसे चालाक जीव साँप, लोमड़ी और बाघ हैं। उनके परिप्रेक्ष्य से भेड़, खरगोश, हिरण और कुत्ते जैसे जानवर मूर्ख हैं। राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले लोग ज्यादातर भाई-बहनों को उसी तरह देखते हैं जिस तरह चालाक जानवर जैसे लोमड़ी और साँप, भोले-भाले जानवरों जैसे भेड़, हिरण और कुत्तों को देखते हैं। वे भाई-बहनों को साफ तौर पर समझते हैं, लेकिन भाई-बहन उनकी असलियत नहीं देख पाते हैं। तो हम राजनीतिक रूप से जटिल पृष्ठभूमि वाले लोगों का भेद कैसे पहचान सकते हैं? जो लोग राजनीति में शामिल हैं, उनके दिल राजनीति और सत्ता में लगे होते हैं। अगर उन्हें सत्ता और राजनीति में शामिल होना पसंद है, वे देर-सवेर राजनीति में भाग लेंगे; वे हमेशा के लिए कलीसिया में छिपे नहीं रह सकते। जब वे खुद को उजागर करेंगे, तब तुम समझोगे : “तो इसका मतलब यह है कि वे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए परमेश्वर में विश्वास करते हैं! उनकी एक राजनीतिक पृष्ठभूमि है और वे ईमानदारी से परमेश्वर में विश्वास नहीं करते हैं। परमेश्वर में विश्वास रखने का उनका एक और ही एजेंडा है!” जब वे लोग पहली बार कलीसिया में प्रवेश करते हैं तो खुद को बहुत अच्छी तरह से छिपाते हैं, सभाओं में भाग लेते हैं और सामान्य रूप से अपना कर्तव्य निभाते हैं। लेकिन जब सही समय आएगा तो वे जो चाहते हैं उसे करने के लिए कलीसिया का उपयोग करने की कोशिश करेंगे और उनकी अत्यधिक इच्छाएँ और असली चेहरे स्वाभाविक रूप से उजागर हो जाएँगे। तभी भाई-बहन देख पाएँगे कि वे छद्म-विश्वासी हैं। जब वे उजागर होते हैं तो उनका भेद पहचानना बहुत आसान हो जाता है। मिसाल के तौर पर, जब एक भेड़िया भेड़ की खाल में छिपा होता है और झुंड के साथ घुल-मिल जाता है तो तुम शायद यह भेद नहीं पहचान पाओगे कि यह भेड़िया है या भेड़, लेकिन जब वह भेड़ को खाना शुरू कर देता है तो तुम पहचान जाओगे कि यह एक भेड़िया है। जो लोग राजनीति में सक्रिय हैं वे सभी छद्म-विश्वासी हैं और जिन्होंने कलीसिया में घुसपैठ की है। जब ये लोग भाई-बहनों को किसी राजनीतिक दल में शामिल होने और उनके साथ राजनीति में भाग लेने के लिए गुमराह करने और आकर्षित करने की कोशिश करते हैं तो तुम देखोगे कि परमेश्वर में उनका विश्वास झूठा है और उनका असली लक्ष्य राजनीति में शामिल होना है—चाहे उनकी पृष्ठभूमि कितनी भी जटिल हो, इसकी असलियत सामने आएगी और उजागर हो जाएगी। इस बिंदु पर लोग उनका भेद पहचानने के काबिल हो जाएँगे। यह एक प्रकार का व्यक्ति है, जिसकी जटिल पृष्ठभूमि है—वह राजनीतिक रूप से जटिल पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति है।
एक अन्य प्रकार का व्यक्ति है, जो जटिल पृष्ठभूमि वाले लोगों की श्रेणी में आता है। समाज में कुछ लोग अपने लिए जो स्थान उपयुक्त है, वहाँ रहकर सभ्य जीवन नहीं जीते हैं, बल्कि संदिग्ध व्यक्तियों के साथ रहना पसंद करते हैं। मिसाल के तौर पर, इन व्यक्तियों में जालसाजी और धोखाधड़ी करने वाले या आपराधिक अंडरवर्ल्ड के सदस्य शामिल होते हैं; जिनके पास समाज में रुतबा, प्रसिद्धि और प्रतिष्ठा होती है, जो ऊपरी तौर पर सरकारी अधिकारी या व्यवसायी होते हैं, लेकिन पर्दे के पीछे हमेशा अवैध, आपराधिक गतिविधियों में संलग्न होते हैं, कुछ अधिकारियों या आपराधिक अंडरवर्ल्ड के सदस्यों के साथ मिलकर हथियारों, नशीली दवाओं या राज्य द्वारा प्रतिबंधित अन्य वस्तुओं की तस्करी करते हैं; साथ ही वे लोग जिन्हें कई बार दोषी ठहराया गया है और जेल में डाला गया है और जिन्होंने कुछ बुरे कर्म किए हैं, जैसे गंभीर लूट-पाट, बलात्कार, यौन उत्पीड़न या यहाँ तक कि मानवों के अवैध व्यापारी या मानव तस्कर भी हैं। इस प्रकार के लोग जिनकी जटिल पृष्ठभूमि होती है, वे इस प्रकार के व्यक्तियों के साथ जुड़ते हैं और उनके साथ खासतौर पर उनके घनिष्ठ संबंध भी होते हैं—वे एक-दूसरे को “भाई” कहते हैं, एक-दूसरे का इस्तेमाल करते हैं और एक-दूसरे के लिए काम करते हैं। ऊपरी तौर पर ये लोग कोई स्पष्टतः बुरा कर्म नहीं करते हैं; वे चोरी, डकैती, हत्या या आगजनी नहीं करते हैं, लेकिन जिन समूहों के साथ वे जुड़ते हैं और जिन मंडलियों में घूमते हैं, वे सभी ऐसे असभ्य लोगों से बनी होती हैं। क्या इस तरह का व्यक्ति काफी डरावना नहीं है? (हाँ।) वे व्यवसाय में निवेश करने के लिए इन व्यक्तियों के साथ साझेदारी करते हैं और जब उनका साथी कुछ अवैध करता है और उसे उनकी मदद की जरूरत होती है तो वे सहायता की पेशकश करते हैं। चाहे वे मुख्य अपराधी नहीं होते, लेकिन वे अपराध में सहयोगी हैं। तुम कह सकते हो कि इस तरह के लोग अक्सर कानून की सीमाओं को लाँघते हैं। “कानून की सीमाओं को लाँघने” का क्या मतलब है? (इसका मतलब है कि वे अक्सर ऐसी गतिविधियों में शामिल होते हैं, जो संभावित रूप से कानून का उल्लंघन कर सकती हैं।) यह एक पहलू है। इसके अलावा वे अक्सर कानूनी खामियों का फायदा उठाते हैं और जिन चीजों में शामिल होते हैं, वे सभी बड़े मामले होते हैं। अगर वे कभी पकड़े भी जाते हैं तो एक सहयोगी के रूप में उन्हें भी 10 या 20 साल की सजा हो सकती है या भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। क्या तुम नहीं कहोगे कि इस तरह के लोग मुसीबत पैदा करने वाले होते हैं? (हाँ।) तुमने उन्हें कभी साफ तौर पर कोई बुरा कर्म करते नहीं देखा है और तुमने उन्हें लोगों को मारते, आगजनी करते या किसी को धोखा देते या फँसाते नहीं देखा है, लेकिन जब वे लोग जो अवैध रूप से अपनी जेबें भरते हैं और आपराधिक अंडरवर्ल्ड और वैध हलकों दोनों में कानून तोड़ते हैं, भारी मुनाफा कमाने के लिए गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होते हैं तो इस तरह के लोग लूट में भी भाग लेते हैं और फायदे में भी एक हिस्सा पाते हैं। क्या तुम लोग कहोगे कि इस तरह के व्यक्ति को जटिल पृष्ठभूमि वाला माना जाता है? (हाँ।) क्या ऐसे लोगों के लिए परमेश्वर के घर में रहना अच्छी बात होगी? (नहीं।) वे आपराधिक अंडरवर्ल्ड और वैध हलकों दोनों से जुड़ते हैं; इतना ही नहीं, वे अवैध गतिविधियों में भी शामिल होते हैं—यह एक जटिल पृष्ठभूमि है। अगर वे कुछ सरकारी अधिकारियों के साथ जुड़ते हैं और उनके साथ सामान्य तरीके से मिलते-जुलते और बातचीत करते हैं तो यह स्वीकार्य है। लेकिन जिन लोगों के साथ वे जुड़ते हैं, अगर वे विभिन्न अवैध और आपराधिक गतिविधियों में शामिल नकारात्मक चरित्र वाले हैं तो यह बहुत मुसीबत भरा है और देर-सवेर कुछ न कुछ गलत होगा। इस तरह के व्यक्ति उन लोगों के साथ मेलजोल पसंद करते हैं; वे उनकी उँगली पकड़ कर चलते हैं, पैसा बनाने, अमीर बनने और अच्छा जीवन जीने के लिए उनके प्रभाव पर भरोसा करते हैं। तो क्या उन्हें अच्छा व्यक्ति माना जा सकता है? (नहीं।) लोग अक्सर कहते हैं, “चोर-चोर मौसेरे भाई”—वे आपराधिक अंडरवर्ल्ड और वैध हलकों दोनों के सदस्यों के साथ जुड़ सकते हैं; क्या तुम्हें लगता है कि वे सभ्य व्यक्ति हैं, जो अपने उपयुक्त स्थान पर रहते हैं? (नहीं।) निश्चित रूप से नहीं। एक तरह से देखें तो वे उन व्यक्तियों के साथ जुड़ते हैं क्योंकि वे शायद उन लोगों के लिए उपयोगी हैं—वे उन लोगों के लिए कुछ खास काम कर सकते हैं, जिनके साथ वे जुड़ते हैं। दूसरी तरह से ऐसा इसलिए है क्योंकि वे उन लोगों को पसंद करते हैं, जिनके साथ वे आपराधिक अंडरवर्ल्ड और वैध दोनों ही हलकों से जुड़ते हैं—उन लोगों के कौशल, योग्यताएँ और प्रभाव और वे जो फायदा उन्हें देते हैं, वे सभी चीजें हैं जिनकी उन्हें जरूरत है और वे जिनका आनंद लेते हैं। तो वे किस तरह के व्यक्ति हैं? (वे सभ्य व्यक्ति नहीं हैं।) हम इसे सिर्फ इस तरह से कह सकते हैं। वे उन्हीं लोगों की बिरादरी के हैं जिनके साथ वे जुड़े हुए हैं—वे सभी एक दूसरे का इस्तेमाल करते हैं। इस दुनिया में ऐसे बहुत से लोग नहीं हैं, जो तुम्हारे लिए कुछ कर सकें या तुम्हारे सामने अपना दिल खोलकर रख सकें और तुम्हारे दोस्त बन सकें, लेकिन वे मौजूद हैं—ऐसे लोगों के साथ जुड़ने की कोई जरूरत नहीं है। एक तरह से इस तरह के लोग उनके साथ जुड़ते, क्योंकि दोनों की बुराइयाँ एक जैसी होने के कारण एक दूसरे के साथ उनकी अच्छी पटती है और वे एक ही थैली के चट्टे-बट्टे हैं। दूसरी तरह देखें तो ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसे व्यक्ति अपने हितों और सांसारिक दुनिया में अपने अस्तित्व के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं और जब लोगों के साथ जुड़ने की बात आती है तो उनके पास कोई सिद्धांत नहीं होता है, न ही उनकी की हुई किसी भी चीज में कोई सिद्धांत होता है। अविश्वासी लोग यहाँ तक कहते हैं, “एक सज्जन व्यक्ति धन से प्यार करता है, लेकिन इसे सही तरीके से अर्जित करता है” और इसे न्यूनतम मानक मानते हैं। भले ही वे इस न्यूनतम मानक पर खरे उतरें या नहीं, मामला चाहे कोई भी हो, यह मानवजाति के बीच अस्तित्व में बने रहने के लिए अपेक्षाकृत अच्छे फलसफे के रूप में गिना जाता है। इस तरह के लोग जिनकी पृष्ठभूमि जटिल होती है, वे अपने हितों और फायदों की खातिर लोगों के साथ जुड़ने के मामले में बेशर्म और अविवेकी होते हैं—जब तक वे इससे फायदे प्राप्त कर सकेंगे, तब तक वे किसी के भी साथ जुड़ जाएँगे। यही नहीं, वे उन लोगों के साथ जुड़ने में सक्षम होने पर बहुत गर्व महसूस करते हैं और सोचते हैं कि लोगों के साथ जुड़ने में वे खुद जो तरीके अपनाते हैं, वे बहुत अच्छे हैं। तो हमें इस तरह के व्यक्ति को कैसे देखना चाहिए? वे आपराधिक अंडरवर्ल्ड और वैध हलकों दोनों में शामिल हैं—यह एक जटिल पृष्ठभूमि है। इस तरह के लोग कितने डरावने होते हैं! क्या वे जो चेहरा दिखाते हैं, वह असली है? नहीं, वे हमेशा मुखौटा पहने रहते हैं। तुम कभी भी उनकी असलियत नहीं देख सकते या यह नहीं जान सकते कि वे अंदर क्या सोच रहे हैं। जब वे तुम्हारे साथ जुड़ते हैं तो वे मुखौटा पहनते हैं और यहाँ तक कि परमेश्वर में विश्वास रखने वालों के बीच छिप जाते हैं। यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे कोई दानव लोगों की भीड़ में घुल-मिल जाता है या लोमड़ी या भेड़िया भेड़ों के झुंड में घुस जाता है। क्या यह तुम्हें सुरक्षित महसूस कराता है? (नहीं।) तुम ऐसा क्यों कहते हो? इसका आधार उनकी चालाक, शातिर और दुष्ट प्रकृति है; वे लगातार तुम्हारे विरुद्ध षड्यंत्र रच रहे हैं—यह कुछ ऐसा है जैसे हमेशा कुछ चालाक, दुष्ट आँखें तुम्हारे पीछे लगी रहती हैं, जो तुम्हारी हर हरकत पर नजर रखती हैं—और वे बस तुम्हें नष्ट करने और निगल जाने के मौके का इंतजार कर रहे होते हैं। क्या यह डरावना नहीं है? (हाँ।) इस प्रकार के लोग तुम्हें कभी भी सुरक्षा की भावना नहीं देते हैं क्योंकि उनकी प्रकृति और पृष्ठभूमि तुम्हें हमेशा महसूस कराती है कि वे तुम्हारे लिए खतरा हैं। किस तरह का खतरा? ऐसा है कि जब वे आस-पास होते हैं तो तुम्हें हमेशा लगता है कि वे तुम्हारे खिलाफ साजिश रच सकते हैं, तुम्हारे साथ खिलवाड़ कर सकते हैं, कभी भी और कहीं भी तुम्हारे लिए जाल बिछा सकते हैं और तुम्हें नहीं पता कि कब वे तुम्हारा इस्तेमाल कर सकते हैं या तुम्हें नुकसान पहुँचा सकते हैं और तुम उनके हाथों मारे जा सकते हो या उनके द्वारा बर्बाद किए जा सकते हो। इसलिए ऐसे लोगों को बिल्कुल भी अपने करीब नहीं रखना चाहिए। मुझे बताओ, क्या चीजें ऐसी ही नहीं हैं? (हाँ, बिल्कुल हैं।) मिसाल के तौर पर, भेड़ों के झुंड में भेड़िये को रखने से भेड़ों की रक्षा होगी या उनकी बर्बादी? (यह उन्हें बर्बाद कर देगा।) भेड़िये की प्रकृति के अनुसार, वह कभी भी भेड़ों के साथ नहीं रहेगा और उनकी सुरक्षा नहीं करेगा क्योंकि उसके मन में भेड़ें ही उसका भोजन हैं और जब भी या जहाँ भी उसे भूख लगेगी, वह उन्हें खा जाएगा; उसे भेड़ों पर कोई दया नहीं आएगी और वह उन्हें नहीं छोड़ेगा। भेड़िये में कुत्ते जैसी खूबियाँ नहीं होती हैं। अगर कुत्ता भेड़ों के साथ बड़ा होता है तो वह भेड़ों को बचाने की चीज समझता है और जब भेड़िया भेड़ों पर हमला करने या उन्हें खाने के लिए आता है तो कुत्ता भेड़ों की रक्षा करने की जिम्मेदारी को अपना कर्तव्य मानकर लड़ने के लिए आगे आएगा—कुत्तों में यह गुण जन्मजात होता है। लेकिन भेड़िये अलग होते हैं; भेड़ों को खाने की चाहत भेड़ियों का जन्मजात गुण है। जब इस तरह का कोई व्यक्ति जिसकी पृष्ठभूमि जटिल होती है, कलीसिया में घुसपैठ करता है तो यह भेड़िये का भेड़ों के झुंड में घुसपैठ करने जैसा ही है—जब भेड़िया भूखा नहीं होता तो वह भेड़ों के लिए खतरा पैदा नहीं करता, लेकिन जब उसे भूख लगती है, तो भेड़ें ही उसका भोजन बन जाती हैं और कोई भी इस सच्चाई को नहीं बदल सकता। यह उसकी प्रकृति से निर्धारित होता है। भेड़िये द्वारा भेड़ों को खाने की समस्या को हल करने के लिए तुम्हें जल्दी से भेड़िये की पहचान करनी चाहिए। एक बार जब तुम पहचान लेते हो कि भेड़ की खाल में भेड़िया कौन है तो तुम्हें तुरंत उससे छुटकारा पाना चाहिए—संकोच मत करो और उस पर कोई दया मत दिखाओ। जटिल पृष्ठभूमि वाले इस प्रकार के लोगों के साथ सावधानी से पेश आना चाहिए। अगर तुम्हें पता चलता है कि वे कुछ बुरा कर रहे हैं और कलीसिया में बाधा डाल रहे हैं तो तुम्हें उनके साथ बिल्कुल भी शिष्टता का आचरण नहीं करना चाहिए। तुम्हें उनसे कहना चाहिए : “तुम सांसारिक रूप से बुद्धिमान व्यक्ति हो और तुम परमेश्वर में विश्वास रखने के लिए उपयुक्त नहीं हो। तुमने परमेश्वर के घर आकर गलत जगह चुनी है; यह जगह तुम्हारे लिए ठीक नहीं है। तुम्हें समाज में अपनी संभावनाओं को तलाशना चाहिए। परमेश्वर में विश्वास रखने वाले सिर्फ परमेश्वर के वचनों को पढ़ते हैं, सत्य पर संगति करते हैं और परमेश्वर को संतुष्ट करने के लिए अपना कर्तव्य निभाते हैं; वे षड्यंत्रों और साजिशों में शामिल नहीं होते या राजनीति में भाग नहीं लेते। यहाँ तुम ज्यादा ऊपर नहीं उठ सकते या अमीर नहीं बन सकते या ऐसा जीवन नहीं जी सकते जो दूसरों से बेहतर हो। चाहे तुम यहाँ कितनी भी देर तक रहो, उससे सिर्फ समय की बर्बादी होगी।” इस तरह उन्हें छोड़कर जाने के लिए राजी किया जाएगा, है न? (हाँ।) जरूरी नहीं है कि जटिल सामाजिक संबंधों वाले कुछ लोग बुरे ही हों या उन्होंने कोई बहुत बड़ी बुराई की हो, लेकिन वे सत्य को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करते और वे दरअसल छद्म-विश्वासियों की श्रेणी में आते हैं। ऐसे लोगों को वास्तव में परमेश्वर में विश्वास दिलाने और सत्य का अनुसरण करने के लिए प्रेरित करना भेड़िये को भेड़ में बदलने की कोशिश करने जैसा है—यह असंभव है। भेड़िया चाहे कितने भी लंबे समय तक भेड़ की खाल में रहे, वह भेड़िया ही रहेगा; वह कभी भेड़ नहीं बन सकेगा। चीजें ऐसी ही है। तो ऐसे लोगों का परमेश्वर पर विश्वास करना बस एक मजाक है; उन्होंने परमेश्वर पर विश्वास करके गलत रास्ते का चुनाव किया है!
एक अन्य प्रकार का व्यक्ति है जिसकी पृष्ठभूमि जटिल है। वैसे तो वे परमेश्वर में विश्वास रखते हैं, फिर भी उनके कुछ धार्मिक अगुआओं, अधिकारियों या विभिन्न संप्रदायों के रुतबे वाले लोगों के साथ घनिष्ठ संबंध होते हैं। वे इन लोगों के साथ जुड़ना पसंद करते हैं और अक्सर विभिन्न संप्रदायों की धार्मिक गतिविधियों में भाग लेते हैं; वे इन लोगों के साथ संबंध बनाते हैं और मित्रता करते हैं; वे एक-दूसरे का उपयोग करते हैं और एक-दूसरे के लिए काम करते हैं। समय-समय पर, चाहे जानबूझकर या फिर अनजाने में, वे इन व्यक्तियों के सामने कलीसिया के कुछ सामान्य मामलों के कार्य या कर्मियों के आंतरिक कार्य का खुलासा भी करते हैं। यह बहुत मुसीबत पैदा करने वाला मसला है। अगर तुम सिर्फ धार्मिक लोगों से बातचीत करते हो या उन धार्मिक स्थलों से खुद को अलग करना तुम्हें नामुमकिन लगता है और तुम्हें विभिन्न धार्मिक उत्सव वाली गतिविधियों और विभिन्न धार्मिक समारोहों में भाग लेना भी पसंद है, तो यह स्वीकार्य है। लेकिन, तुम्हें इन परिस्थितियों में कलीसिया के कार्य या भाई-बहनों के बारे में जानकारी का खुलासा नहीं करना चाहिए। मिसाल के तौर पर, तुम्हें ऐसी बातों का खुलासा नहीं करना चाहिए जैसे कि किसी व्यक्ति ने “चमकती पूर्वी बिजली” स्वीकार कर ली है, सर्वशक्तिमान परमेश्वर की कलीसिया में वह क्या कर्तव्य करता है, वह कहाँ रहता है और वह आमतौर पर किसके साथ-जुड़ता है—अगर तुम इन बातों का खुलासा करते हो, तो यह दर्शाता है कि तुम बहुत अनैतिक हो। अगर कोई यह जानकारी सरकार को दे देता है, तो परिणाम अकल्पनीय होंगे। अगर तुम धर्म के लोगों के बहुत करीब हो या उनके साथ तुम्हारे कुछ हित जुड़े हुए हैं या तुमने एक दूसरे की मदद की है, तो ज्यादा-से-ज्यादा, इसे तुम्हारी जटिल पृष्ठभूमि माना जा सकता है। लेकिन, अगर तुम गुप्त रूप से कुछ अन्य कार्य करते हो, जैसे कि परमेश्वर के घर की कार्य व्यवस्थाओं का खुलासा करना या परमेश्वर के घर के आंतरिक मामलों या भाई-बहनों की व्यक्तिगत जानकारी का खुलासा करना, तो इसकी प्रकृति विश्वासघात की हो जाती है और इसकी निंदा की जाती है। विशेष रूप से, कुछ भाई-बहन नहीं चाहते कि अन्य लोग उनकी स्थिति के बारे में जानें या उसका खुलासा करें, क्योंकि उन्हें पहले गिरफ्तार किया जा चुका है या वे वर्तमान में वांछित सूची में हैं, फिर भी जटिल पृष्ठभूमि वाले इस प्रकार के व्यक्ति इस जानकारी को कुछ लाभों के बदले में प्राप्त होने वाली चीज के रूप में देखते हैं या इसे महत्वहीन मानते हैं और वे इसका खुलासा कर देते हैं, जिससे उन भाई-बहनों के लिए मुसीबत खड़ी होती है। अगर परमेश्वर के घर को ऐसे मामलों का पता चलता है, तो वह उस व्यक्ति को बिल्कुल भी हल्के में नहीं छोड़ेगा; ऐसे लोगों को तुरंत दूर कर देना चाहिए। सामाजिक संदर्भ में, जहाँ लोगों को परमेश्वर पर विश्वास रखने के कारण सताया जाता है, विश्वासियों के लिए कर्तव्य निभाने का अवसर प्राप्त करना भी मुश्किल होता है और प्रत्येक व्यक्ति वास्तव में इस अवसर को सँजोता है। कोई भी नहीं चाहता कि दूसरों के कारण या अपनी किसी मूर्खता के कारण उसके कर्तव्य के निर्वहन में कोई संभावित जोखिम आए। इसलिए, अगर कोई भाई-बहनों के कर्तव्यों के पालन या व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए संभावित जोखिम का कारण बनता है या अगर कोई दूसरों के परमेश्वर में विश्वास रखने के मार्ग में बाधा डालता है, तो परमेश्वर का घर उन्हें आसानी से नहीं छोड़ेगा। एक बार जब परमेश्वर का घर उसे खोज लेता है, तो वह उस व्यक्ति को तुरंत बाहर निकाल देगा या निष्कासित कर देगा, वह बिल्कुल भी पीछे नहीं हटेगा! अगर वह अपना बचाव करते हुए तर्क देता है और ऐसे बहाने बनाता है, “यह बस एक क्षणिक चूक थी कि मेरी जबान फिसल गई क्योंकि मैं ध्यान नहीं दे रहा था,” तो तुम्हें इस पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं करना चाहिए—ऐसे बहाने में कोई दम नहीं होता। उसने अपने पारिवारिक मामलों के बारे में लोगों को क्यों नहीं बताया? इसके बजाय, उसने भाई-बहनों के मामलों के बारे में क्यों बात की? उसके इरादे साफ तौर पर बुरे हैं। उसने कलीसिया के कार्य और भाई-बहनों के बारे में जानकारी का खुलासा किया; अगर इससे भाई-बहनों के लिए मुसीबत खड़ी होती है, तो ऐसे लोगों को कोसा जाना चाहिए! क्या ऐसे लोगों को कोसा नहीं जाना चाहिए? (हाँ।) कलीसिया द्वारा अपने सुसमाचार कार्य को फैलाने के दौरान, यह अपरिहार्य है कि इस तरह के कुछ लोग कलीसिया में शामिल होंगे। उन्हें कलीसिया से गद्दारी करने, भाई-बहनों से गद्दारी करने और यहाँ तक कि परमेश्वर के घर के हितों के साथ विश्वासघात करने में कोई संकोच नहीं है। वे निजी तौर पर सभी तरह के लोगों के साथ जुड़ते हैं और उनके साथ जुड़ने का उनका उद्देश्य ठीक नहीं होता है। उन लोगों के साथ बातचीत करते समय, वे बेधड़क कुछ भी बोलते हैं, उन्हें कलीसिया की सारी आंतरिक जानकारी दे देते हैं, कुछ भी अनकहा नहीं छोड़ते, इससे अंततः भाई-बहनों और कलीसिया के लिए मुसीबत खड़ी होती है। इसके लिए दोष उन लोगों पर होना चाहिए जो बेधड़क सारी बातें बता डालते हैं। उनमें से कुछ लोग कह सकते हैं कि उन्होंने ऐसा जानबूझकर नहीं किया, लेकिन अगर यह जानबूझकर नहीं किया गया था, तो भी यह स्वीकार्य नहीं है। अगर यह जानबूझकर नहीं किया गया था, तो तुमने खुद को नुकसान क्यों नहीं पहुँचाया? तुमने खास तौर पर दूसरों को ही क्यों नुकसान पहुँचाया? तुमने कलीसिया और भाई-बहनों के लिए मुसीबत खड़ी की है, यह एक निर्धारित तथ्य है। इसलिए, दोष तुम पर ही आना चाहिए। अगर तुमने किसी को मारने के बाद यह कहा, “मैंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया; मेरा उसे मारने का कभी कोई इरादा नहीं था—मेरे मन में ऐसा कोई विचार नहीं था,” तो क्या कानून तुम्हें उस बयान के कारण निर्दोष मानेगा? (नहीं।) भले ही तुम सच बोल रहे हो, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं होगा। तथ्य यह है कि तुमने किसी की हत्या की है और कानूनी तौर पर इसके निर्णायक सबूत मौजूद हैं, इसलिए तुम्हें तथ्यों के आधार पर दोषी करार दिया जाना चाहिए। तुमने हत्या का अपराध किया है, इसलिए तुम हत्यारे हो और तुम अपनी कितनी भी सफाई दो वह तुम्हारी मदद नहीं करेगी। कुछ लोग अक्सर अपने कार्यों के माध्यम से कलीसिया में मुसीबत लाते हैं और कभी-कभी यह मुसीबत बहुत बड़ी होती है, जिसके परिणामस्वरूप न सिर्फ भाई-बहनों की गिरफ्तारी होती है और उन्हें जेल जाना पड़ता है, बल्कि कलीसिया के कार्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। परमेश्वर का घर ऐसे लोगों को बिल्कुल भी नहीं छोड़ेगा; वह जिन लोगों को पकड़ेगा, उन्हें निष्कासित कर देगा और उन्हें कोसेगा—परमेश्वर का घर बिल्कुल भी पीछे नहीं हटेगा! अगर ये चीजें व्यवस्था के युग में हुई होतीं, तो कुकर्मियों को घसीटकर बाहर निकाला जाता और डंडों से पीट-पीटकर मार डाला जाता या पत्थरों से मार डाला जाता; ऐसे मामलों को ऐसे ही निपटाया जाता था। अब, चूँकि यह परमेश्वर के घर के प्रशासनिक आदेशों का हिस्सा नहीं है, इसलिए उन्हें निष्कासित कर दिया जाएगा और भाई-बहन सामूहिक रूप से उन्हें कोसेंगे। उन्हें आशीष या उद्धार मिलने की कोई संभावना नहीं है—उन्हें नरक में भेज दिया जाना चाहिए और दंडित किया जाना चाहिए!
एक और प्रकार का जटिल पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति होता है; वे कलीसिया में विशेष मिशन पूरे करने के लिए आते हैं। इस प्रकार के कुछ व्यक्तियों को सरकारों द्वारा भेजा जाता है, जबकि अन्य को कुछ धार्मिक या सामाजिक समूहों द्वारा मिशन सौंपे जाते हैं। मिसाल के तौर पर, ऐसे मिशन में भाई-बहनों की निगरानी करना, कलीसिया की निगरानी करना या कलीसिया के विभिन्न कार्यों और विभिन्न अवधियों के दौरान इसकी कार्य व्यवस्थाओं में ताक-झाँक करना शामिल हो सकता है। चाहे उनका मिशन कुछ भी हो, किसी भी तरह से, हमारे परिप्रेक्ष्य से इस प्रकार के व्यक्ति की पृष्ठभूमि जटिल होती है। जटिल पृष्ठभूमि वाले इन लोगों में से ज्यादातर छद्म-विश्वासी हैं; ये वे लोग हैं जो सत्य को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करते हैं। वे उन लोगों से अलग हैं जिनमें कम आस्था, कम काबिलियत या बहुत सारी धारणाएँ होती हैं—वे लोग वास्तव में विश्वास करते हैं, जबकि जटिल पृष्ठभूमि वाले इन लोगों के साथ एक गंभीर समस्या है। सबसे पहले, आओ विचार करें : ऐसे लोगों में किस तरह की मानवता होती है? (उनमें बुरी मानवता होती है, वे दुष्ट होते हैं, और वे शैतान के गिरोह के सदस्य हैं।) तो वे किस तरह के लोग हैं? (वे शैतान हैं।) यह सही है, तुमने बिल्कुल ठीक कहा है—वे शैतान हैं जो कलीसिया में घुसपैठ करते हैं। वे ऐसे लोग हैं जो कलीसिया में घुसपैठ करते हैं और छिपे हुए रहकर मन में विभिन्न साजिशों और उद्देश्यों के बारे में सोचते रहते हैं। ऐसे लोग शैतान होते हैं। शुरू से ही जब ये लोग कलीसिया में प्रवेश करते हैं तो उनके इरादे अच्छे नहीं होते हैं। इस बात की परवाह किए बगैर कि उन्हें किसने नियुक्त किया—कुछ को शायद सरकार या कुछ समूहों ने नियुक्त किया होगा, जबकि अन्य को शायद किसी ने नियुक्त नहीं किया होगा और वे बस अपने दम पर कलीसिया में घुसपैठ करना चाहते हों—ऐसे लोग पूरी तरह से सांसारिक रूप से बुद्धिमान व्यक्ति होते हैं। वे कई तरह के लोगों से जुड़ते हैं और उनके जटिल पारस्परिक संबंध और सामाजिक संपर्क होते हैं—उनकी पृष्ठभूमि जटिल होती है। “जटिल पृष्ठभूमि” का मतलब है कि उनके सामाजिक संपर्क, पारस्परिक संबंध और जीवन परिवेश विशेष रूप से अशुद्ध और सरल से बहुत दूर होता है; वे आम लोगों की तरह नहीं हैं जो सिर्फ पैसा कमाने और एक अच्छा जीवन जीने की कोशिश कर रहे हैं। समाज में ये लोग जो भूमिकाएँ निभाते हैं, वे विभिन्न मंडलियों और समूहों के भीतर अनूठे लोग, अगुआ या अपेक्षाकृत असाधारण हस्ती होने की भूमिका निभाते हैं—वे ऐसे लोग हैं जिन्हें गैर-विश्वासी लोग “सक्षम व्यक्ति” या “गुरु” कहते हैं। वे जहाँ कहीं भी हों, वे ऐसे लोग नहीं हैं जो अपने लिए उपयुक्त स्थान पर रहते हैं और वे सभ्य लोग नहीं हैं। वे चाहे व्यक्तिगत फायदे या सत्ता या विभिन्न समूहों और मंडलियों के भीतर दूसरों पर नियंत्रण हासिल करने के अवसर तलाशते हों, यही उनका उद्देश्य है और यह उनके अस्तित्व का लक्ष्य भी है। चाहे वे किसी भी कलीसिया में हों, उनकी मानसिकता शैतान की तरह होती है, वे हमेशा आगे बढ़ने के लिए उत्सुक रहते हैं, परिस्थितियों को नियंत्रित करना, लोगों को नियंत्रित करना, धन को नियंत्रित करना, प्रभाव डालना और ताकत का उपयोग करना चाहते हैं। ये इस तरह के व्यक्ति की अभिव्यक्तियाँ हैं। इसलिए, इस बात की परवाह किए बगैर कि ऐसे लोगों के पास कोई मिशन हो या नहीं, या उन्हें सरकार या किसी सामाजिक समूह द्वारा नियुक्त किया गया हो, वे कलीसिया में आने के बाद अपने उचित स्थान पर नहीं रह सकते हैं। भले ही उनका कोई मिशन न हो और भले ही कलीसिया या भाई-बहन उनके शोषण का लक्ष्य न हों, वे ऐसे लोग नहीं हैं जो वास्तव में परमेश्वर में विश्वास रखना चाहते हैं और वे निश्चित रूप से ऐसे लोग नहीं हैं जो परमेश्वर के अस्तित्व में विश्वास करते हैं। कलीसिया में शामिल होने का उनका उद्देश्य भी शुद्ध नहीं है—कम से कम, एक बात उनके लिए सच्चाई के बहुत करीब है, यह कि “कलीसिया की उँगली पकड़ कर चलना” और अपने एजेंडे को पूरा करने के अवसर की प्रतीक्षा करना। अगर वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में विफल रहते हैं और उनकी इच्छाएँ धराशायी हो जाती हैं, तो वे किसी भी समय कलीसिया छोड़ सकते हैं। वे अवसर की तलाश में रहते हैं और सही समय का इंतज़ार करते हैं—अगर कोई ऐसा व्यक्ति है जिसका वे फायदा उठा सकते हैं या कोई उपयुक्त क्षण आता है जो उन्हें अपने लक्ष्यों, महत्वाकांक्षाओं या आकांक्षाओं को साकार करने की अनुमति दे सकता है, तो वे उस व्यक्ति या उस क्षण को बिल्कुल भी जाने नहीं देंगे। अगर वे लगातार अवसर पाने में विफल रहते हैं, तो वे हतोत्साहित और निराश हो जाते हैं और वे कलीसिया छोड़ना चाहते हैं। इसलिए, इस तरह का व्यक्ति कलीसिया के भीतर एक प्रकार का खतरनाक व्यक्ति भी है और उसका भेद पहचान कर उनसे दूरी बनाए रखनी चाहिए। एक और ज्यादा महत्वपूर्ण सिद्धांत यह है कि अगर तुम इस बारे में अनिश्चित हो कि किसी व्यक्ति की पृष्ठभूमि क्या है या तुम्हें अस्पष्ट रूप से लगता है कि उसकी पृष्ठभूमि बहुत जटिल है, तो एक अगुआ या कार्यकर्ता के रूप में तुम्हें कम से कम यह पता होना चाहिए कि इस व्यक्ति को महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त नहीं किया जा सकता है या उसे रुतबा या ताकत नहीं दी जा सकती है या कलीसिया के भीतर कोई महत्वपूर्ण कार्य करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। अगर तुम उसकी असलियत नहीं देख पाते हो, तो कम-से-कम तुम उसकी जाँच-परख कर सकते हो, लेकिन तुम्हें बिल्कुल भी उतावलापन या जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहिए। अगर तुम उसकी असलियत देख लेने से पहले ही उसे रुतबा दे देते हो या किसी महत्वपूर्ण कार्य को पूरा करने की जिम्मेदारी देते हो, तो तुम बेहद मूर्ख हो! तुम उसकी असलियत जितना कम देख पाते हो, उतना ही कम तुम्हें उसे कोई महत्वपूर्ण कार्य सौंपना चाहिए, तुम्हें उतना ही ज्यादा सतर्क रहना चाहिए और उतना ही ज्यादा तुम्हें उस पर कड़ी नजर रखनी चाहिए और उसकी सख्ती से निगरानी करनी चाहिए। दरअसल, चाहे कोई मिशन हो या नहीं हो, इस प्रकार के लोग जिनकी पृष्ठभूमि जटिल होती है, अंततः कलीसिया में ज्यादा समय तक नहीं टिक पाते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि अपने दिलों में, ऐसे छद्म-विश्वासी लोगों को आस्था के मामले घिनौने लगते हैं। नास्तिक यह नहीं मानते कि परमेश्वर का अस्तित्व है और उन्हें परमेश्वर, परमेश्वर के कार्य या परमेश्वर द्वारा सत्य की अभिव्यक्ति से संबंधित किसी भी चीज में कोई दिलचस्पी नहीं होती है। वे लगातार छानबीन करते हैं : “क्या परमेश्वर में विश्वास रखने से कोई फायदा हो सकता है? क्या मैं इससे बहुत पैसा कमा सकता हूँ और अमीर बन सकता हूँ? क्या मैं यहाँ अपनी साजिशों और चालों का इस्तेमाल कर सकता हूँ जैसे मैं दुनिया में करता हूँ?” यह देखकर कि परमेश्वर का घर इन चीजों को बढ़ावा नहीं देता है, बल्कि हमेशा एक ईमानदार व्यक्ति होने की बात करता है और जो कोई भी अपने कर्तव्य को करने में लापरवाह होता है या आधे-अधूरे मन से कार्य करता है, उसकी अक्सर काट-छाँट की जाती है, इन बातों से उनका मन हट जाता है और वे परमेश्वर के घर में दुखी और पराधीन महसूस करते हैं और हमेशा वहाँ से निकल जाने का मौका ढूँढ़ते रहते हैं। अगर कोई वास्तव में परमेश्वर की भेड़ों में से एक है, परमेश्वर द्वारा चुने गए लोगों में से एक है, तो वह उन सत्यों को सुनने से नहीं थकेगा जिन पर परमेश्वर पर विश्वास रखने के दौरान अक्सर चर्चा की जाती है, भले ही उन पर 20 या 30 वर्षों तक चर्चा की जाती रही हो; वह उन्हें जीवन भर सुन सकता है और फिर भी वे उसे तरोताजा लगेंगे। ऐसे लोग जितना ज्यादा सुनते हैं, ये सत्य उनके लिए उतने ही ज्यादा स्पष्ट हो जाते हैं; जितना ज्यादा वे सुनते हैं, उतना ही ज्यादा उनके दिल का पोषण होता है; वे जितना ज्यादा सुनते हैं, उतना ही ज्यादा वे सत्य की चाह करते हैं। भले ही वे हर दिन इन वचनों को सुनें, वे ऐसा करने के लिए तैयार होंगे। विशेष रूप से, जब वे अनुभवजन्य गवाहियाँ सुनते हैं जो उनके लिए सहायक होते हैं, तो वे आनंदित और तृप्त महसूस करते हैं मानो कि उन्होंने एक शानदार दावत का आनंद लिया हो—वे सोने का एक टुकड़ा पा लेने से भी ज्यादा खुश होते हैं। जहाँ तक इन छद्म-विश्वासियों, इन दानवों की बात है—विशेष रूप से जटिल पृष्ठभूमि वाले इन लोगों की—वे जितना ज्यादा सत्य के बारे में संगति सुनते हैं, उतनी ही ज्यादा चिढ़ महसूस करते हैं; जितना ज्यादा वे सुनते हैं, उतना ही ज्यादा अंदर से व्यथित और विरक्त महसूस करते हैं। जब वे ये शब्द सुनते हैं, तो उन्हें ये उबाऊ, नीरस और थकाऊ लगते हैं। अगर तुम उन्हें बैठाकर धर्मोपदेश सुनने के लिए कहो, तो उन्हें ऐसा लगेगा जैसे उन्हें यातना दी जा रही हो। वे कहते हैं, “ऐसा कैसे है कि तुम सभी को ये शब्द सुनने में इतना आनंद आता है, मानो तुमने कोई बढ़िया दावत खा ली हो? जब मैं इन्हें सुनता हूँ, तो मुझे इतनी विरक्ति क्यों महसूस होती है?” लंबे समय तक सुनने के बाद, वे शांत बैठने में असमर्थ हो जाते हैं। अगर वे अगुआ नहीं बन सकते हैं, तो वे अपना कर्तव्य करने या कठिनाई सहने के लिए तैयार नहीं होते हैं और समय के साथ, उन्हें यह सब व्यर्थ लगने लगता है; अपनी आस्था त्यागने के विचार जोर मारने लगते हैं। इस तरह से छद्म-विश्वासियों का खुलासा होता है। जहाँ तक जटिल पृष्ठभूमि वाले इन लोगों का सवाल है, अगर उनकी जाँच-परख के दौरान तुम्हें पता चलता है कि वे संदिग्ध मूल और जटिल पृष्ठभूमि वाले लोग हैं, तो उन्हें कलीसिया छोड़ने के लिए राजी करने का मौका खोजने का हर संभव प्रयास करो। ऐसे लोगों के लिए जो सत्य को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं करते, थोड़ी बुद्धिमानी से काम लेना जरूरी है। तुम उनसे कह सकते हो, “तुम अमीर बनना चाहते हो और तुम अधिकारी बनने का सपना देखते हो—अगर तुम अपनी पूरी जिंदगी अधिकारी बने बिना गुजारते हो, तो तुम वाकई बहुत कुछ खो रहे होगे! तुम्हें अधिकारी बनना चाहिए, अमीर बनना चाहिए और दुनिया में सफलता हासिल करनी चाहिए—असली फायदे वहीं मिलते हैं। तुम्हारे पास व्यवसाय करने के लिए दिमाग है और तुम अधिकारी बनने के लिए बने हो—अगर तुम दुनिया में जाते हो, तो तुम निश्चित रूप से अमीर बन सकते हो और अधिकारी बन सकते हो।” जब वे यह सुनेंगे, तो उन्हें लगेगा कि उन्हें कोई अपना कोई हितैषी मिल गया है और वे कहेंगे : “तुम बिल्कुल सही कह रहे हो! मुझे ऐसा लग रहा है कि परमेश्वर में विश्वास रखने का कोई मतलब नहीं है—तुमने जो कहा, वह वास्तव में मुझे प्रभावित करता है। आस्था का वास्तव में सिर्फ मनोवैज्ञानिक प्रभाव होता है; इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि तुम्हारे पास यह है या नहीं। जीवन छोटा है—बस कुछ दशक जो पलक झपकते ही बीत जाते हैं। हमेशा परमेश्वर में विश्वास करने वाले लोगों के साथ अपना समय यहाँ बर्बाद करने से मुझे कुछ भी नहीं मिला है और मैं हमेशा असंतुष्ट महसूस करता हूँ। क्या मैं ऐसा करके अपने साथ अन्याय नहीं कर रहा हूँ? बाहर जाकर बहुत सारा पैसा कमाना ही वास्तव में मायने रखता है!” वे तुम्हारी कही गई बातों से सहमत होंगे। एक बार जब वे सहमत हो जाते हैं, तो शायद एक दिन वे खुद ही कलीसिया छोड़ देंगे क्योंकि उन्हें लगता है कि कलीसिया में रहना व्यर्थ है और क्योंकि इन सबसे बढ़कर, उनके लिए कुछ चीजें गलत हो जाती हैं या उन्हें कुछ असफलताओं और नाकामियों का सामना करना पड़ता है और कुछ काट-छाँट झेलनी पड़ती है। क्या यह बढ़िया नहीं है? (हाँ। यह एक बुद्धिमानी वाला रास्ता है।) दानवों को कलीसिया से बाहर जाने के लिए राजी करना आसान है : एक बार जब तुम उनकी मानसिकता को समझ लेते हो, अगर कोई ऐसी चीज है जो वे चाहते हैं, तो उन्हें उसे पाने के लिए प्रोत्साहित करो। इस तरह, तुम उन्हें कलीसिया छोड़ने के लिए राजी कर सकते हो। उन्हें बाहर निकालने का रास्ता दिखाने के लिए धारा के साथ चलो। इस तरह के छद्म-विश्वासी से निपटने का यही तरीका है।
अगर कलीसिया में ऐसी जटिल पृष्ठभूमि वाले लोग पाए जाते हैं, तो तुरंत उन्हें चले जाने के लिए राजी करना चाहिए या बाहर निकाल देना चाहिए; उन्हें रुकने के लिए आग्रह करने की कोशिश नहीं करो। क्यों नहीं? एक बात तो यह है कि वे कलीसिया में कोई अच्छी भूमिका नहीं निभाते हैं; दूसरी बात यह है कि वे बिल्कुल भी परमेश्वर द्वारा चुने गए लोगों में से नहीं हैं। इसके अलावा, भले ही वे कलीसिया में बने रहें, अंत में, उद्धार पाने के लिए परमेश्वर के वचनों, परमेश्वर के कार्य या परमेश्वर की ताड़ना और न्याय को स्वीकारना उनके लिए असंभव होगा। अगर वे कलीसिया में बने रहेंगे, तो यह कलीसिया के कार्य के लिए हानिकारक होगा और वे छोटे आध्यात्मिक कद वाले कुछ भाई-बहनों को गुमराह और प्रभावित कर सकते हैं। परमेश्वर के घर के लोग उन्हें नापसंद करते हैं, और बदले में, वे परमेश्वर के घर के भाई-बहनों को भी उतनी ही नापसंदगी से देखते हैं। अपने दिलों में, वे हमेशा परमेश्वर के घर, कलीसिया और भाई-बहनों के प्रति वैर-भाव रखते हैं। तो मुझे बताओ, अगर कलीसिया में ऐसा कोई दुश्मन, ऐसा कोई विरोधी हो, तो क्या तुम लोग बाधित महसूस करोगे? (हाँ।) इसलिए, ऐसे लोगों से रुकने का आग्रह नहीं करना सबसे अच्छा है। एक बार जब उनका पता चल जाए, तो तुरंत उन्हें यहाँ से चले जाने के लिए राजी करो, उन्हें बाहर निकाल दो या निष्कासित कर दो। अगर सुसमाचार प्रचार की प्रक्रिया के दौरान ऐसे लोगों का सामना हो जाए तो उनसे कैसे निपटा जाना चाहिए? (बस उनसे दूर रहो और उन्हें अनदेखा करो।) जब तुम्हारा सामना इस प्रकार के व्यक्ति से होता है, तो तुम्हें उसे सुसमाचार प्रचार नहीं करना चाहिए। ऐसे लोग बहुत ही फिजूल, बेबुनियाद तरीके से बोलते हैं और काफी बातूनी होते हैं, लेकिन वास्तव में उनके पास कोई प्रतिभा नहीं होती है। परमेश्वर के घर को ऐसी जटिल पृष्ठभूमि वाले लोगों की जरूरत नहीं है; वे परमेश्वर द्वारा चुने गए लोगों में से नहीं हैं। भले ही वे अभी परिवर्तित हो जाएँ, लेकिन देर-सवेर, उन्हें अभी भी दूर किए जाने की जरूरत होगी। इसलिए, जब सुसमाचार का प्रचार करने वाले लोग ऐसे लोगों का सामना करते हैं, तो उन्हें उनसे बातचीत बिल्कुल बंद कर देनी चाहिए। परमेश्वर का घर न तो ऐसे लोगों को चाहता है और न ही उनका स्वागत करता है। जटिल पृष्ठभूमि वाले लोगों से निपटने का यही तरीका है और यही सिद्धांत है। बेशक, इस मुद्दे से निपटने में, चीजों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की कोई जरूरत नहीं है; तुम्हें यह स्पष्ट रूप से समझना चाहिए कि क्या कोई व्यक्ति जटिल पृष्ठभूमि वाले लोगों की श्रेणी में आता है या नहीं। अगर उसकी अभिव्यक्तियाँ इस प्रकार के व्यक्ति से मेल खाती हैं, तो उसे इस समूह की श्रेणी में रखा जाना चाहिए। हालाँकि, अगर कोई कभी-कभार ही शेखी बघारता है या बकवास करता है और उसके अत्यधिक शेखी बघारने के कारण उसे गलती से एक जटिल पृष्ठभूमि वाला मान लिया जाता है, लेकिन वास्तव में, परमेश्वर में उसका विश्वास सच्चा है और वह इस श्रेणी में नहीं आता है, तो इस स्थिति में एक अच्छे व्यक्ति पर गलत आरोप लगाने से बचने के लिए अलग तरह के व्यवहार की जरूरत होती है।
III. अपने कर्तव्य निर्वहन के समय व्यक्ति के रवैये के आधार पर
हमने लोगों की मानवता के आधार पर उनका भेद पहचानने की कसौटी पर संगति कमोवेश पूरी कर ली है। एक और कसौटी है—अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय व्यक्ति के रवैये के आधार पर लोगों का भेद पहचानना। हमने पिछले धर्मोपदेशों में इस कसौटी के बारे में काफी बात की है, इसलिए इसके बारे में और कुछ कहने की जरूरत नहीं है।
बहुत बढ़िया। आज की हमारी संगति यहीं समाप्त होती है। अलविदा!
6 जुलाई 2024
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