अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ (21) खंड तीन

मसीह-विरोधियों द्वारा बाधाएँ उत्पन्न किए जाने पर नकली अगुआओं द्वारा प्रदर्शित की जाने वाली अभिव्यक्तियाँ

हमने अगुआओं और कार्यकर्ताओं की तेरहवीं जिम्मेदारी पर संगति पूरी कर ली है : “परमेश्वर के चुने हुए लोगों को मसीह-विरोधियों द्वारा बाधित किए जाने, गुमराह किए जाने, नियंत्रित किए जाने और गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाए जाने से बचाओ, और उन्हें मसीह-विरोधियों को पहचानने और अपने दिलों से त्यागने में सक्षम बनाओ।” अब, हम ऐसे लोगों की अभिव्यक्तियों का गहन-विश्लेषण करेंगे और उन्हें उजागर करेंगे जो अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ पूरी नहीं कर सकते—जो नकली अगुआ हैं—हम उन कार्यों से उनकी तुलना करेंगे जो अगुआओं और कार्यकर्ताओं को पूरे करने चाहिए। इस कार्य को करते समय, अगुआओं और कार्यकर्ताओं को बहुत से कार्य करने होते हैं, जिसके लिए उनसे विशेष काबिलियत रखने, सचेत रहने, सतर्क रहने, ईमानदारी दिखाने, जिम्मेदार बनने, परमेश्वर के दायित्व के प्रति विचारशील रहने, परमेश्वर के चुने हुए लोगों की रक्षा करनेवाला प्रेमपूर्ण हृदय रखने और इसी तरह के अन्य गुणों की अपेक्षा की जाती है। केवल इन गुणों के साथ ही वे अपनी जिम्मेदारियाँ और दायित्व निभा सकते हैं। हालाँकि, नकली अगुआ इसके पूरी तरह विपरीत होते हैं; उनकी मानवता में इन गुणों की कमी होती है। उनके पास विशेष काबिलियत हो सकती है, जिससे वे सत्य को समझ सकते हैं और मसीह-विरोधियों का भेद पहचान सकते हैं, या उनकी काबिलियत थोड़ी कम हो सकती है, कम से कम अनेक बुरे कर्म करने वाले कुछ स्पष्ट मसीह-विरोधियों का भेद आसानी से पहचानने में सक्षम होते हैं, भले ही वे मसीह-विरोधियों के प्रकृति सार का भेद पूरी तरह से नहीं पहचान पाते हों; या फिर, उनकी काबिलियत इतनी खराब हो सकती है कि वे मसीह-विरोधियों के सार और मसीह-विरोधियों के स्वभाव वाले लोगों के बीच अंतर के भेद को नहीं पहचान पाते या उसकी असलियत नहीं जान पाते हैं। किसी भी स्थिति में, नकली अगुआओं में ये दो अभिव्यक्तियाँ प्रदर्शित होती हैं : एक तो यह है कि वे वास्तविक काम नहीं करते; दूसरा यह है कि वे केवल सतही, सामान्य मामलों के काम में ही व्यस्त रहते हैं, जबकि वे वास्तविक समस्याओं को हल करने या वास्तविक काम करने में पूरी तरह असमर्थ होते हैं। तेरहवीं जिम्मेदारी से संबंधित कार्य में, नकली अगुआओं में ये दो विशिष्ट अभिव्यक्तियाँ प्रमुख रूप से पाई जाती हैं। अब हम इस बात पर संगति करेंगे कि उनके पास विशेष रूप से कौन-सी अभिव्यक्तियाँ होती हैं।

I. मसीह-विरोधियों को नाराज करने के भय के कारण उन्हें उजागर नहीं करना और उनसे नहीं निपटना

जब मसीह-विरोधी परमेश्वर के चुने हुए लोगों को बाधित, गुमराह और नियंत्रित करते हैं या उन्हें गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाते हैं, तो नकली अगुआओं की पहली अभिव्यक्ति निष्क्रियता होती है। निष्क्रियता का क्या मतलब है? इसका मतलब है वास्तविक कार्य न करना। वास्तविक कार्य न करने के पीछे कारण होते हैं, जो मुख्य रूप से लोगों को नाराज करने का भय और सिद्धांतों को कायम रखने के साहस की कमी है। अगुआ बनने के बाद, ये लोग यह सोचते हुए अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने लगते हैं, “अब मेरे पास रुतबा है और मैं कलीसिया का एक अधिकारी हूँ। मुझे भाई-बहनों के भोजन, वस्त्र, आवास और परिवहन का प्रबंधन करना पड़ता है; मुझे यह भेद पहचानना होता है कि जो कुछ भी भाई-बहन कह रहे हैं, क्या वह सत्य से मेल खाता है और संतों के शिष्टाचार के अनुरूप है या नहीं। मुझे देखना होता है कि वे परमेश्वर के प्रति ईमानदार हैं या नहीं, क्या उनका आत्मिक जीवन सामान्य है, क्या वे सुबह और शाम को प्रार्थना करते हैं, क्या उनकी नियमित सभाएँ सामान्य रूप से होती हैं—मुझे इन सब चीजों का प्रबंधन करना पड़ता है।” नकली अगुआ केवल इन मुद्दों की चिंता करते हैं। औपचारिक रूप से, वे अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए दिखाई देते हैं, लेकिन जब सिद्धांतों के अनिवार्य मुद्दे उठते हैं या यहाँ तक कि जब मसीह-विरोधी दिखाई देते हैं, तो नकली अगुआ बिना अपनी शक्ल दिखाए परदे के पीछे छिप जाते हैं, जहाँ वे चुप रहते हैं और किसी भी चीज से बेखबर होने और ध्यान देने में असमर्थ होने का नाटक करते हैं। चाहे मसीह-विरोधी जो भी भ्रांतियाँ फैला रहे हों, वे इसे न सुनने का नाटक करते हैं। जब मसीह-विरोधी परमेश्वर के चुने हुए लोगों को बाधित, गुमराह और नियंत्रित करते हैं, तब भी वे बेखबर होने का नाटक करते हैं, जैसे यह सारी जानकारी उनके पास पहुँचते ही गायब हो जाती है। वे उन मसीह-विरोधियों का भेद पहचानने में असमर्थ होने का नाटक करते हैं जिनका भेद साधारण भाई-बहन भी पहचान सकते हैं और कहते हैं, “मैं उनकी असलियत नहीं जान पा रहा हूँ। क्या होगा अगर मैंने गलत व्यक्ति को निष्कासित कर दिया? क्या होगा अगर मैंने भाई-बहनों को गलत समझ लिया? और फिर, परमेश्वर के घर को अभी भी सेवा प्रदान करने के लिए लोगों की आवश्यकता है!” वे अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियों से बचने के लिए सभी प्रकार के बहानों का इस्तेमाल करते हैं, मसीह-विरोधियों से निपटने से बचते हैं और भाई-बहनों को मसीह-विरोधियों द्वारा नुकसान पहुँचाए जाने से नहीं बचाते हैं। कुछ नकली अगुआ यह भी कहते हैं, “अगर मैं हमेशा मसीह-विरोधियों को उजागर करता रहूँ, तो क्या होगा अगर वे भाई-बहनों को मुझ पर हमला करने के लिए उकसा देंगे? फिर अगले चुनाव में कोई भी मेरे पक्ष में मतदान नहीं करेगा और मैं फिर से अगुआ नहीं बन सकूँगा। मेरा प्रभाव उतना मजबूत नहीं है जितना उनका है!” अपने रुतबे और व्यक्तिगत सुरक्षा को बचाने के लिए, नकली अगुआ परमेश्वर के चुने हुए लोगों की रक्षा करने की अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से नहीं निभाते हैं, और न ही वे मसीह-विरोधियों को अधिकतम संभव सीमा तक भाई-बहनों को नुकसान पहुँचाने से रोकते हैं। वे लोगों को खुश करने वाले और अपने काम से काम रखने वाले दोनों तरह के व्यक्ति की भूमिका निभाते हैं, साथ ही वे स्वार्थी और नीच व्यक्ति होते हैं। वे भाई-बहनों की रक्षा नहीं करते, लेकिन अपने आपको बचाने के बारे में बहुत सोचते हैं। जब मसीह-विरोधियों से निपटने या उनकी काट-छाँट करने और उन्हें उजागर करने की बात आती है ताकि भाई-बहनों को समझ हासिल हो सके, तो वे डर से बुरी तरह कांपने लगते हैं, अपना रुतबा खोने के डर से चिंतित रहते हैं, और यह महसूस करते हैं कि ऐसा करना उनके लिए हानिकारक है। वे परमेश्वर के चुने हुए लोगों के हितों को पूरी तरह से नजरअंदाज करते हैं, केवल अपने हितों, प्रतिष्ठा, व्यक्तिगत सुरक्षा और अपने परिवार की सुरक्षा के बारे में सोचते हैं, वे डरते हैं कि कहीं गलती से मसीह-विरोधियों को नाराज कर दिया, तो वे निर्दयतापूर्वक शत्रुता दिखा सकते हैं और प्रतिशोध ले सकते हैं। इस प्रकार के नकली अगुआ में दरअसल कुछ काबिलियत होती है। अपनी काबिलियत और अंतर्दृष्टि से, वे पूरी तरह जानते हैं कि मसीह-विरोधी कौन हैं, लेकिन समस्या यह है कि उन्हें भय होता है कि कहीं मसीह-विरोधी नाराज न हो जाएँ। मसीह-विरोधियों के शातिर स्वभाव को देखते हुए, वे उन्हें नाराज करने की हिम्मत नहीं करते। हालाँकि, खुद को बचाने के लिए, वे परमेश्वर के घर और परमेश्वर के चुने हुए लोगों के हितों की बलि चढ़ाने में कोई संकोच नहीं करते; वे उदासीनता से देखते हैं कि कैसे भाई-बहनों को मसीह-विरोधियों के हवाले कर दिया जाता है, और मसीह-विरोधियों को अपनी मनमर्जी से उन्हें गुमराह करने, नियंत्रित करने और गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाने देते हैं। नकली अगुआ केवल कभी-कभी पर्दे के पीछे कुछ अपेक्षाकृत सरल और अच्छे मानव स्वभाव वाले लोगों से, जिनसे उन्हें कोई खतरा नहीं होता, कहते हैं, “वह व्यक्ति मसीह-विरोधी है। वह दूसरों को गुमराह करता है। वह अच्छा व्यक्ति नहीं है।” लेकिन, सभी भाई-बहनों के सामने और मसीह-विरोधियों के सामने, वे कभी भी मसीह-विरोधियों को “ना” कहने की हिम्मत नहीं करते। वे कभी भी मसीह-विरोधियों के किसी भी बुरे कर्म या उनके सार को उजागर करने का साहस नहीं करते। यहाँ तक कि सभाओं के दौरान, जब मसीह-विरोधी एक या दो घंटे तक एकतरफा बोलते रहते हैं, वे एक शब्द भी बोलने का साहस नहीं कर पाते। अगर मसीह-विरोधी धम्म से मेज पीटते हैं और लोगों को घूरते हैं, तो वे जोर से साँस भी नहीं ले पाते। अपने काम के दायरे में, छोटे आध्या‍त्मिक कद वाले, डरपोक मानवता वाले और जो सत्य का अनुसरण करना चाहते हैं लेकिन जिन्हें अभी तक समझ हासिल नहीं हुई है, ऐसे लोगों से उन्हें परेशानी होती है क्योंकि ऐसा कोई अगुआ या कार्यकर्ता नहीं है जो मसीह-विरोधियों के बुरे कर्मों को उजागर करने और उनका भेद पहचानने के लिए सामने आए। वे मुकाबला करने के किसी भी साधन के बिना असहाय होकर मसीह-विरोधियों को मनमाने ढंग से लापरवाही से काम करते और कलीसियाई जीवन को बाधित करते हुए कलीसिया में अत्याचार करते हुए देखते हैं। इस बीच, नकली अगुआ न तो कोई वास्तविक काम करते हैं और न ही परमेश्वर के चुने हुए लोगों के लिए वास्तविक समस्याओं का समाधान करते हैं। जब भाई-बहन कठिनाइयों में होते हैं, तो नकली अगुआ न केवल मसीह-विरोधियों के बुरे कर्मों को उजागर करने और उन्हें प्रतिबंधित करने में विफल रहते हैं, बल्कि वे निष्पक्षता की एक भी बात कहने की हिम्मत नहीं करते हैं। भले ही उनका जमीर कुछ महसूस करता हो और उन्हें थोड़ा दोषी ठहराता हो और वे बंद दरवाजों के पीछे परमेश्वर के सामने कुछ आँसू बहाते हों, मगर अगले दिन सभा के दौरान, जब वे मसीह-विरोधियों को परमेश्वर के घर के काम के बारे में गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियाँ करते हुए और मनमाने ढंग से उसकी आलोचना करते हुए और परमेश्वर के बारे में धारणाएँ फैलाते हुए देखते हैं तो यह पता होने के बावजूद कि यह गलत है, वे इसके बारे में कुछ भी नहीं करते। यहाँ तक कि जब वे मसीह-विरोधियों को चढ़ावे की बरबादी करते हुए देखते हैं, तो भी वे इसे नजरअंदाज करने का रवैया अपनाते हैं। वे मसीह-विरोधियों को न तो उजागर करते हैं और न ही प्रतिबंधित करते हैं, और फिर भी उनके दिलों में थोड़ी-सी भी ग्लानि नहीं होती—यह अत्यंत गैर-जिम्मेदाराना है! कोई भी व्यक्ति जिसमें थोड़ा भी जमीर है, भले ही उसे लगता है कि उसकी ताकत बेहद कमजोर है, उसे उन भाई-बहनों के साथ मिलकर इस मुद्दे पर संगति करनी चाहिए जिनके पास थोड़ा आध्यात्मिक कद और समझ है; साथ ही यह चर्चा करनी चाहिए कि मसीह-विरोधियों से कैसे निपटा जाए। लेकिन नकली अगुआओं में ऐसी दृढ़ता और साहस की कमी होती है, और इससे भी अधिक, उन्हें जिम्मेदारी का कोई एहसास नहीं होता। वे भाई-बहनों से यह भी कहते हैं, “मसीह-विरोधी बहुत शातिर हैं। अगर हम उन्हें नाराज करेंगे, तो वे हमारे बारे में सरकार को रिपोर्ट कर देंगे, और फिर हम में से कोई भी परमेश्वर में विश्वास नहीं रख पाएगा। मसीह-विरोधी कलीसिया की सभाओं के स्थान जानते हैं, इसलिए हम उन्हें भड़का नहीं सकते।” यह पूरी तरह से मसीह-विरोधियों के सामने हथियार डालने और आत्मसमर्पण करने का घिनौना रूप है, यह शैतान के साथ समझौता करने और उससे रहम की भीख माँगने जैसा है।

अपने आपको बचाने के अलावा, नकली अगुआ ऐसा कोई भी काम नहीं करते जो अगुआओं और कार्यकर्ताओं को करना चाहिए, जैसे कि परमेश्वर के चुने हुए लोगों की रक्षा करना और मसीह-विरोधियों के प्रति समझ प्राप्त करने में उनकी मदद करना; वे किसी भी जिम्मेदारी को बिल्कुल भी पूरा नहीं करते, फिर भी वे लगातार यही चाहते हैं कि भाई-बहन उन्हें अगुआ के रूप में चुनें। एक कार्यकाल समाप्त करने के बाद, वे अगले कार्यकाल के लिए फिर से निर्वाचित होना चाहते हैं। क्या यह शर्मनाक और कभी न सुधरने लायक नहीं है? क्या ऐसे लोग अगुआ बनने के लायक हैं? (नहीं।) परमेश्वर का घर झुंड का जिम्मा तुम्हें सौंपता है, लेकिन जब जंगली जानवर आते हैं, तो ऐसे महत्वपूर्ण क्षण में तुम केवल खुद को बचाते हो और झुंड को जंगली जानवरों के हवाले कर देते हो। तुम एक सहमे हुए कछुए की तरह व्यवहार करते हो, एक आश्रय, एक सुरक्षित स्थान ढूँढ़ते हो, ताकि खुद को छिपा सको। नतीजतन, झुंड को नुकसान होता है—कुछ भेड़ें मार दी जाती हैं और कुछ खो जाती हैं। मान लो कि कोई अगुआ यह देखता है कि मसीह-विरोधी बेहिचक कलीसिया के काम को बाधित कर रहे हैं और परमेश्वर के चुने हुए लोगों को गुमराह और नियंत्रित कर रहे हैं, और फिर भी वह अपनी इज्जत, रुतबे और आजीविका को बचाने के लिए इसे नजरअंदाज करने का रवैया अपनाता है ताकि अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सके। इसके परिणामस्वरूप परमेश्वर के चुने हुए अधिकांश लोग गुमराह हो जाते हैं, असहाय महसूस करते हैं, और नकारात्मक और कमजोर हो जाते हैं; कुछ मसीह-विरोधियों द्वारा पकड़ भी लिए जाते हैं, और कुछ लोग अपना कर्तव्य निभाने के अनिच्छुक होते हैं। और फिर भी इस अगुआ को मसीह-विरोधियों द्वारा उत्पन्न की गई बाधाओं को देखकर कुछ भी महसूस नहीं होता; उनके जमीर को कोई ग्लानि महसूस नहीं होती। क्या इस तरह का अगुआ या कार्यकर्ता कोई मानवता रखता है? अपने आत्म-रक्षण के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए, उसे परमेश्वर के चुने हुए लोगों को मसीह-विरोधियों के हवाले करने में कोई संकोच नहीं होता और वह मसीह-विरोधियों को उन्हें गुमराह करने, गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाने और तबाह करने देता है। यह किस प्रकार का अगुआ है? (एक नकली अगुआ।) क्या यह शैतान का सहयोगी नहीं है? वह असल में किस ओर है? भले ही उसे नकली अगुआ के रूप में चित्रित किया जाता है, इस समस्या का सार शायद एक नकली अगुआ होने से भी अधिक गंभीर हो सकता है। इसकी प्रकृति भाई-बहनों को उसके हाथों बेच देने की है, यह ठीक उन लोगों की तरह है जो पकड़े जाते हैं और जब उन्हें यातनाएँ दी जाती हैं तो वे यहूदा बन जाते हैं, अपने भाई-बहनों को बड़े लाल अजगर के हवाले कर देते हैं ताकि उन्हें गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाया जा सके। तो एक नकली अगुआ की परमेश्वर के चुने हुए लोगों को मसीह-विरोधियों के हवाले करने की क्या प्रकृति है? क्या ऐसे नकली अगुआ अत्यंत नीच नहीं होते? मसीह-विरोधियों की तुलना में, ये नकली अगुआ बाहरी रूप से सत्य का प्रतिरोध करने का इरादा नहीं रखते हैं। ऐसा दिखाई पड़ता है कि वे कुछ सत्य पर संगति करने में सक्षम हैं, उनमें कुछ समझने की क्षमता है, वे थोड़े बहुत सत्य का अभ्यास करने में सक्षम हैं, उनमें से कुछ लोग कष्ट सह सकते हैं और मूल्य चुका सकते हैं। और फिर भी, जब परमेश्वर का घर उन्हें परमेश्वर के झुंड का जिम्मा सौंपता है, और जब बुरे लोग और दानव दिखाई देते हैं, तो वे परमेश्वर के चुने हुए लोगों को बचाने के लिए जो कुछ कर सकते हैं वह सब करने के लिए अपने जीवन का उपयोग नहीं करते। इसके बजाय, वे अपनी सुरक्षा और हितों को सुरक्षित करने के लिए हर संभव तरीके से खुद को बचाने की कोशिश करते हैं, और भाई-बहनों को एक सुरक्षा ढाल के रूप में कार्य करने के लिए बाहर धकेल देते हैं। ये लोग कितने नीच और स्वार्थी हैं! सतही तौर पर, इनकी मानवता में कोई बड़ी समस्या दिखाई नहीं देती। उनके पास लोगों के लिए प्रेम है, वे दूसरों की मदद कर सकते हैं, वे किसी भी कठिनाई को सहन करने और अपने कर्तव्यों को निभाने के लिए मोल चुकाने के इच्छुक हैं। हालाँकि, जब मसीह-विरोधी दिखाई देते हैं, तो वे कुछ अप्रत्याशित और अविश्वसनीय चीजें करते हैं : चाहे मसीह-विरोधी परमेश्वर के चुने हुए लोगों को कैसे भी गुमराह करें या कलीसियाई जीवन को कैसे भी बाधित करें, वे कुछ नहीं करते, और चाहे मसीह-विरोधी कितने भी लोगों पर हमला करें, उन्हें बाहर निकालें या नुकसान पहुँचाएँ, वे इसे नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसा करते हुए, ये अगुआ पूरी तरह से परमेश्वर के चुने हुए लोगों को मसीह-विरोधियों के नियंत्रण में सौंप रहे हैं, और मसीह-विरोधियों को उन्हें अपनी मर्जी से गुमराह करने और गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाने दे रहे हैं, जबकि ये अगुआ खुद कोई काम नहीं करते हैं। जब मसीह-विरोधियों को बाहर निकाल दिया जाता है और समस्या हल हो जाती है, तो ये अगुआ फिर से अपने आत्म-ज्ञान पर और इस बारे में संगति करने के लिए आ जाते हैं कि वे कितने कमजोर, डरपोक, आतंकित, स्वार्थी, और धोखेबाज थे, और वफादार नहीं थे, वे परमेश्वर के चुने हुए लोगों की ठीक से रक्षा नहीं कर पाए, और परमेश्वर और भाई-बहनों को निराश किया। वे बहुत पछताते हुए दिखते हैं; ऐसा लगता है जैसे उन्होंने खुद को बदल लिया हो और पश्चाताप करने में सक्षम हों। हालाँकि, जब फिर से मसीह-विरोधी दिखाई देते हैं, तो वे भाई-बहनों को मसीह-विरोधियों के पास धकेल देते हैं, ठीक वैसे ही जैसा उन्होंने पिछली बार किया था, और अपने छिपने के लिए एक सुरक्षित स्थान ढूँढ़ लेते हैं। भले ही खुद मसीह-विरोधियों ने उन्हें गुमराह किया हो या नुकसान पहुँचाया हो, वे अपनी जिम्मेदारियों में लापरवाह रहे हों, उन्होंने परमेश्वर के आदेश का उल्लंघन किया हो, और अपने कर्तव्य के प्रति उनका रवैया, परमेश्वर के चुने हुए लोगों के प्रति उनका रवैया, और उनका असली चेहरा पूरी तरह से उजागर हो चुका हो। हर बार जब मसीह-विरोधी दिखाई देते हैं, तो वे परमेश्वर का पक्ष लेकर मसीह-विरोधियों से आखिरी दम तक लड़ने का चुनाव नहीं करते, और न ही वे ऐसा कुछ कहते हैं जो कहा जाना चाहिए या ऐसा कोई काम करते हैं जो परमेश्वर के चुने हुए लोगों को बचाने के लिए किया जाना चाहिए और इस तरह वे अपनी अंतरात्मा में शांति महसूस कर सकें; वे अगुआओं की जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए परमेश्वर के इरादों को पूरा करने की कोशिश तो बिल्कुल नहीं करते हैं। इन सभी नकली अगुआओं के विकल्प और क्रियाकलाप पूरी तरह से अपने रुतबे को नुकसान पहुँचने से बचाने के लिए होते हैं। उन्हें परमेश्वर के चुने हुए लोगों के जीवन या मृत्यु की कोई परवाह नहीं होती। उनके लिए, जब तक उनकी अपनी प्रतिष्ठा, हित और रुतबे को नुकसान नहीं पहुँचता, तब तक सब ठीक रहता है। कौन मसीह-विरोधियों को उजागर करता है, कौन मसीह-विरोधियों को निष्कासित करता है, मसीह-विरोधियों से कैसे निपटना चाहिए—यह कुछ ऐसा है जैसे इन मुद्दों का उनसे कोई लेना-देना नहीं है; वे न तो परवाह करते हैं और न ही हस्तक्षेप करते हैं। जब मसीह-विरोधी कलीसियाई जीवन को बाधित करते हैं, परमेश्वर के चुने हुए लोगों को नुकसान पहुँचाते हैं, और सत्य का अनुसरण करने वाले लोगों को फँसाते और सताते हैं, तो वे इसे नजरअंदाज कर देते हैं। ये चीजें उनके लिए कोई मायने नहीं रखतीं; उनके लिए यह सब ठीक है, जब तक उनका रुतबा खतरे में नहीं पड़ता। तुम इस प्रकार के लोगों के बारे में क्या सोचते हो? आमतौर पर, उनकी मानवता बुरी नहीं लगती और वे कुछ काम करने में सक्षम प्रतीत होते हैं। जब वे काट-छाँट का सामना करते हैं, तो वे खुद को जानने में सक्षम प्रतीत होते हैं और उनके दिल में थोड़ा पछतावा होता है। लेकिन, जब वे मसीह-विरोधियों को कलीसिया को बाधित करते हुए देखते हैं, तो वे पूरी तरह से अपना विवेक खो बैठते हैं, उनमें न्याय की भावना नहीं होती और उनमें मसीह-विरोधियों का विरोध करने का साहस भी नहीं होता। जब वे दानवों और शैतानों को देखते हैं, तो वे समझौता कर लेते हैं; जब वे बुरे लोगों को विघ्न डालते हुए देखते हैं, तो उनसे बचते हैं। बुरे लोगों और मसीह-विरोधियों के प्रति उनके रवैये को देखा जाए तो वे किस मार्ग पर चल रहे हैं? क्या यह उनकी समस्या को स्पष्ट रूप से नहीं दर्शाता? (हाँ।) इस प्रकार का व्यक्ति शायद सतही तौर पर मसीह-विरोधी नहीं लग सकता है, लेकिन जो रवैया वह बुरे लोगों और मसीह-विरोधियों के क्रियाकलापों और व्यवहारों के प्रति दिखाता है, वही मसीह-विरोधियों का स्वभाव है, और इसकी प्रकृति बहुत गंभीर है। यह कहा जा सकता है कि यह अपनी जिम्मेदारियों से मुँह मोड़ लेने और परमेश्वर के चुने हुए लोगों को धोखा देने की प्रकृति है। क्या यह प्रकृति बहुत गंभीर नहीं है? क्या वे कलीसिया के काम और परमेश्वर के आदेश के प्रति कोई वफादारी दिखाते हैं? क्या उनमें जिम्मेदारी के रवैये की कोई झलक दिखाई देती है? चाहे जब भी उन्हें कोई आदेश दिया जाता है या कोई काम सौंपा जाता है, तो उनका सिद्धांत यही होता है कि वे लोगों को नाराज करने से बचें और अपनी रक्षा करें। यह उनके आचरण और काम करने के लिए उनके सिद्धांत का सर्वोच्च मानक है और यह कभी नहीं बदलेगा। अभी हम यह सवाल छोड़ देते हैं कि ऐसे लोगों को बचाया जा सकता है या नहीं—अगर हम केवल मसीह-विरोधियों से निपटने के काम के संदर्भ में देखें, तो क्या ये नकली अगुआ परमेश्वर का आदेश स्वीकारने के योग्य हैं? क्या वे अगुआ और कार्यकर्ता बनने के योग्य हैं? (नहीं।) ये लोग अगुआ और कार्यकर्ता बनने के योग्य नहीं हैं। इसका कारण यह है कि उनमें जमीर और विवेक की कमी होती है, और वे कलीसिया की अगुआई का कार्य सँभालने के योग्य नहीं हैं; वे मसीह-विरोधियों को अधिकतम संभव सीमा तक परमेश्वर के चुने हुए लोगों को नुकसान पहुँचाने से रोकते नहीं हैं, और न ही वे इस जिम्मेदारी को पूरा करने या इसे सही से करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करते हैं ताकि परमेश्वर के चुने हुए लोगों की रक्षा हो सके—ऐसा इसलिए नहीं है कि उनमें काबिलियत की कमी है और वे यह करने में असमर्थ हैं, बल्कि ऐसा इसलिए है कि वे बस इसे करते नहीं हैं। इसलिए, इस परिप्रेक्ष्य से देखें तो जो लोग दूसरों को नाराज करने से डरते हैं, वे बिल्कुल भी अगुआ और कार्यकर्ता बनने के योग्य नहीं हैं। क्या ऐसे अगुआ और कार्यकर्ता बहुत सारे नहीं हैं? (हाँ, हैं।) जब कुछ नहीं हुआ होता है, तो वे किसी और की तुलना में अधिक उत्साह से इधर-उधर दौड़ते हैं; वे इतने व्यस्त होते हैं कि न तो वे अपने बालों को संवारते हैं और न ही चेहरा धोते हैं, ऐसा प्रतीत होता है जैसे वे बहुत आध्यात्मिक स्तर पर पहुँच चुके हैं। लेकिन जब मसीह-विरोधी दिखाई देते हैं, तो वे गायब हो जाते हैं; वे बचने के लिए हर तरह के बहाने ढूँढ़ते हैं, और बस मसीह-विरोधियों से निपटते नहीं हैं। इस व्यवहार की प्रकृति क्या है? यह उनके कर्तव्य पालन में वफादारी की कमी और विश्वासघात है। निर्णायक समय में, वे परमेश्वर से भी विश्वासघात कर सकते हैं और शैतान का पक्ष ले सकते हैं, जब बुरे लोग और मसीह-विरोधी कलीसिया के काम को बाधित करते हैं और नुकसान पहुँचाते हैं, तब वे आँखें मूँद लेते हैं। वे तो एक रखवाली करने वाले कुत्ते जितने भी उपयोगी नहीं होते हैं। यह नकली अगुआओं का एक प्रकार है।

II. मसीह-विरोधियों का भेद पहचानने में असमर्थ होना

एक अन्य प्रकार के नकली अगुआ होते हैं : जब मसीह-विरोधी दिखाई देते हैं, तो वे यह भेद नहीं पहचान पाते कि उनका स्वभाव और सार कैसा है, वे क्या व्यक्त और प्रकट करते हैं, वे भाई-बहनों के लिए कौन सी समस्याएँ उत्पन्न करते हैं, ऐसे कौन-से बयान, विचार, दृष्टिकोण और व्यवहार हैं जो भाई-बहनों को गुमराह और बाधित कर सकते हैं, मसीह-विरोधी लोगों को नियंत्रित करने के लिए कौन-से तरीके अपनाते हैं, किन परिस्थितियों में मसीह-विरोधियों द्वारा भाई-बहनों को गुमराह किया जा सकता है, नियंत्रित किया जा सकता है और गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाया जा सकता है, इत्यादि—ये सभी समस्याएँ हैं जिनका भेद नकली अगुआ नहीं पहचान पाते हैं। मसीह-विरोधी भाई-बहनों को गुमराह करते हैं; वे और गुमराह हुए भाई-बहन कलीसिया से अलग होकर अपनी स्वयं की सभाएँ आयोजित करते हैं और स्वतंत्र राज्य बनाते हैं। वे परमेश्वर के घर की अगुआई को स्वीकार नहीं करते, परमेश्वर के घर की कार्य व्यवस्थाओं को स्वीकार नहीं करते और परमेश्वर के घर की किसी भी व्यवस्था या दिशानिर्देश के प्रति समर्पित नहीं होते, वे लोगों के लिए परमेश्वर की अपेक्षाओं के प्रति तो बिल्कुल भी समर्पित नहीं होते। लेकिन मसीह-विरोधियों द्वारा परमेश्वर के चुने हुए लोगों को गुमराह करने के ऐसे सभी क्रियाकलापों को नकली अगुआ समस्याओं के रूप में नहीं देखते। वे यह नहीं देख सकते कि इन परिस्थितियों में क्या गलत हो रहा है, वे यह तो बिल्कुल भी नहीं देख सकते कि मसीह-विरोधियों के शब्द, क्रियाकलाप, विचार, और दृष्टिकोण लोगों को कैसे बाधित करते हैं, गुमराह करते हैं और नुकसान पहुँचाते हैं। वे इन नकारात्मक प्रभावों को नहीं देख पाते और उनको यह पता नहीं होता कि उनका भेद कैसे पहचाना जाए। कुछ सामान्य भाई-बहन, जो बहुत कुछ देख और सुन चुके हैं, उनमें थोड़ी समझ, बोध और जागरूकता हो सकती है, लेकिन नकली अगुआ इन चीजों की असलियत नहीं जान पाते। यहाँ तक कि जब कोई यह इंगित करता है कि फलाँ-फलाँ व्यक्ति लोगों को गुमराह करने और गुप्त रूप से गुट बनाने के लिए कुछ काम कर रहा है, तब भी नकली अगुआ यह कहते हुए बाधा डालते हैं, “हम इन बयानों को नहीं फैला सकते। बाधाएँ मत खड़ी करो। उनका अच्छा संबंध है—उनके एक-दूसरे के साथ संगति करने में क्या गलत है? हमें लोगों को स्वतंत्रता देनी चाहिए!” वे अब भी इसकी असलियत नहीं जान पाते। यदि वे चीजों की असलियत नहीं जान सकते, तो वे निरीक्षण और प्रयास कर सकते हैं, उन भाई-बहनों के साथ संगति कर सकते हैं जो सत्य समझते हों और जिनमें थोड़ी समझ हो। हालाँकि, नकली अगुआ काफी आत्मतुष्ट होते हैं। जब भाई-बहन उन्हें याद दिलाते हैं, तो वे यह सोचते हुए इसे स्वीकार नहीं करते, “अगुआ तुम हो या मैं? चूँकि मुझे अगुआ चुना गया है, तो मुझे औसत व्यक्ति से अधिक बेहतर ढंग से सत्य समझना चाहिए। अन्यथा, किसी और के बजाय मुझे क्यों चुना जाता? यह साबित करता है कि मैं तुम सब से बेहतर हूँ। चाहे मैं तुम लोगों से उम्र में बड़ा हूँ या छोटा, मेरी काबिलियत निश्चित रूप से तुम सब से बेहतर है। जब कोई मसीह-विरोधी दिखाई देता है, तो सबसे पहले मुझे उसे पहचानना चाहिए। अगर तुम लोग उसे पहले पहचान लेते हो, तो मैं तुम्हारे आकलन से सहमत नहीं होऊँगा। कुछ भी करने से पहले, हम तब तक इंतजार करेंगे जब तक मैं उसे पहचान नहीं लेता!” इसके परिणामस्वरूप, मसीह-विरोधी भाई-बहनों के बीच अनेक पाखंड और भ्रांतियाँ फैलाते हैं, परमेश्वर के घर की कार्य व्यवस्थाओं का खुलकर प्रतिरोध करते हैं और खुलेआम कलीसिया, परमेश्वर के घर और ऊपरवाले की कार्य व्यवस्थाओं के खिलाफ आवाज उठाते हैं और उनका विरोध करते हैं। यहाँ तक कि मसीह-विरोधी विशेष सभाओं में भाग लेने के लिए भाई-बहनों को अपने पक्ष में खींच लेते हैं, जहाँ उपस्थित लोग केवल मसीह-विरोधी को ही प्रचार करते हुए सुनते हैं और उसकी अगुआई को स्वीकारते हैं। कलीसिया में सबसे कम काबिलियत वाले लोग भी देख सकते हैं कि यह व्यक्ति मसीह-विरोधी है। सिर्फ ऐसी स्थिति में ही नकली अगुआ यह स्वीकारते हैं : “हे प्रभु, वह मसीह-विरोधी है! मुझे इसका एहसास अभी कैसे हुआ? नहीं, दरअसल मुझे इसका एहसास पहले ही हो गया था, लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा क्योंकि मुझे डर था कि भाई-बहनों का आध्यात्मिक कद छोटा है और उनमें समझ की कमी है।” वे अपने लिए एक शानदार झूठ भी गढ़ लेते हैं। साफ तौर पर ऐसा इसलिए है क्योंकि वे स्वयं सुन्न, मंद-बुद्धि, कम काबिलियत वाले लोग हैं और मसीह-विरोधी का भेद पहचानने में असमर्थ हैं, जिस वजह से उन्होंने भाई-बहनों को उनके हाथों इतना नुकसान सहने दिया। अपराध बोध के बजाय, वे बकवास करने, निराधार अफवाहें फैलाने, लोगों को गलत समझने, इत्यादि के लिए भाई-बहनों पर ही दोषारोपण करते हैं। यह किस प्रकार का अगुआ है? क्या वह पूरी तरह से भ्रमित नहीं है? ऐसा अगुआ मूल रूप से कलीसिया का कार्य सँभालने में असमर्थ है। सतही तौर पर, ऐसे अगुआ अक्सर परमेश्वर के वचनों को खाते-पीते हैं, प्रार्थना करते हैं, सभाओं में भाग लेते हैं, धर्मोपदेश सुनते हैं, आध्‍यात्मिक नोट्स लिखते हैं और गवाही लेख लिखते हैं, जिससे ऐसा लगता है कि वे बहुत प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जब समस्याएँ सामने आती हैं, तो वे उन्हें हल नहीं कर पाते, परमेश्वर के वचनों के अनुसार सत्य की खोज नहीं कर पाते और निश्चित रूप से परमेश्वर के वचनों के आधार पर मसीह-विरोधियों का भेद नहीं पहचान पाते। नकली अगुआ आमतौर पर एक या दो घंटे तक प्रचार कर सकते हैं और परमेश्वर के वचनों और अपने अनुभवों पर संगति करते समय तो अंतहीन बातें कर सकते हैं, लेकिन जब मसीह-विरोधी पाखंड और भ्रांतियाँ फैलाते हैं, भाई-बहनों को गुमराह करते हैं और कलीसिया के कार्य में बाधा उत्पन्न करते हैं, तब उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं होता और वे बिल्कुल भी कोई कार्य नहीं करते। वे न केवल कोई भी निवारक उपाय लागू करने में या मसीह-विरोधियों के पाखंड और भ्रांतियों का भेद पहचानने में भाई-बहनों की अगुआई करने में असफल रहते हैं, बल्कि जब वे मसीह-विरोधियों द्वारा उत्पन्न विघ्न-बाधाओं को देखते हैं, तब भी वे उन्हें उजागर नहीं करते या उनका गहन-विश्लेषण नहीं करते, और न ही वे मसीह-विरोधियों की काट-छाँट करते हैं; वे बिल्कुल भी कोई कार्य नहीं करते। ऐसे लोगों के साथ क्या समस्या है? (उनकी काबिलियत बहुत खराब है।) उनकी खराब काबिलियत के बावजूद, वे अभी भी बड़ाई करते हैं कि वे आध्यात्मिक व्यक्ति हैं, अच्छे अगुआ हैं, और सत्य का अनुसरण करने वाले और परमेश्वर के वचनों से प्रेम करने वाले हैं; वे बेशर्मी से दावा करते हैं कि उन्होंने अगुआओं और कार्यकर्ताओ की जिम्मेदारियों को निभाने के लिए पारिवारिक और दैहिक सुखों का त्याग कर दिया है। वास्तव में, वे सही मायनों में नकली अगुआ हैं जो गैर-जिम्मेदार हैं, जिनमें जमीर और विवेक की कमी है, जो अत्यधिक सुन्न और मंद-बुद्धि हैं—वे पक्के, पाखंडी फरीसी हैं। वे केवल धर्म-सिद्धांतों का प्रचार करना और नारे लगाना जानते हैं। जब लोग उनसे सवाल पूछते हैं तो वे उन्हें गुमराह करने के लिए सिद्धांतों की झड़ी लगा सकते हैं, लेकिन वास्तव में वे बिल्कुल भी सत्य सिद्धांतों को स्पष्ट रूप से समझा नहीं सकते हैं। फिर भी वे मानते हैं कि उनमें समझने की क्षमता और सत्य की समझ है। अपने दिलों में उन्हें स्पष्ट रूप से पता है कि जब लोग उनसे समस्याओं का समाधान पूछते हैं तो वे सत्य के अनुरूप उत्तर नहीं दे पाते हैं, फिर भी वे अभी भी अच्छे अगुआ और आध्‍यात्मिक व्यक्ति होने का दिखावा करते रहते हैं। क्या यह कुछ हद तक बेशर्मी नहीं है? (हाँ।) अधिकांश नकली अगुआओं में एक सामान्य विशेषता और सामान्य समस्या होती है : वे बेशर्म होते हैं। उनके विचार में अगुआ का रुतबा और उपाधि होना और आध्‍यात्मिक सिद्धांतों के बारे में बोलने में सक्षम होना उन्हें आध्यात्मिक व्यक्ति बनाता है। वे परमेश्वर के वचनों को खाने-पीने, धर्मोपदेश सुनने, और परमेश्वर के घर के वीडियो देखने में दूसरों की तुलना में अधिक समय बिताते हैं और परमेश्वर के वचनों पर दूसरों से ज्यादा संगति करते हैं, इसलिए उनका मानना है कि वे अगुआओं और कार्यकर्ताओं का कार्य कर सकते हैं और उनकी जिम्मेदारियों को पूरा कर सकते हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि जब मसीह-विरोधियों द्वारा परमेश्वर के चुने हुए लोगों को बेहिचक गुमराह और बाधित करने जैसी गंभीर समस्या उत्पन्न होती है तो वे केवल देखते रहते हैं लेकिन कुछ भी करने में असमर्थ होते हैं; उन्हें यह भी नहीं पता होता कि मसीह-विरोधियों से जुड़ने और उनका गहन-विश्लेषण करने के लिए परमेश्वर के वचनों के किन हिस्सों का उपयोग किया जाए, ताकि भाई-बहन समझ पा सकें, अपने दिलों से मसीह-विरोधियों को अस्वीकार कर सकें, उनके द्वारा गुमराह और नियंत्रित होने से बच सकें। हालाँकि कभी-कभी वे अपने भीतर थोड़ी घबराहट महसूस करते हैं, फिर भी वे सोचते हैं कि उन्होंने लंबे समय से परमेश्वर में विश्वास रखा है और उन्होंने अनेक धर्मोपदेश सुने हैं, वे औसत व्यक्ति की तुलना में सत्य को बेहतर समझते हैं और प्रभावी ढंग से बोल सकते हैं। वे अक्सर डींग मारते हैं : “मैं आध्‍यात्मिक व्यक्ति हूँ। मैं प्रचार कर सकता हूँ। भले ही मैं मसीह-विरोधियों द्वारा परमेश्वर के चुने हुए लोगों को गुमराह और बाधित करने की समस्या का समाधान नहीं कर सकता और परमेश्वर के वचनों को मसीह-विरोधियों से नहीं जोड़ सकता और उनका भेद नहीं पहचान सकता, फिर भी मैंने वह कार्य किया है जो मुझे करना चाहिए और वह कहा है जो मुझे कहना चाहिए। अगर भाई-बहन समझ सकें तो यह ठीक है!” जहाँ तक अंतिम नतीजे का सवाल है कि क्या परमेश्वर के चुने हुए लोगों को बचाया गया है, इस बारे में उनके दिल में कोई स्पष्टता नहीं होती। वे यह भी सोचते हैं कि वे चतुर हैं और समस्याओं को हल करने का नाटक करते हैं, लेकिन अंत में वास्तविक समस्याओं को हल किए बिना वे केवल बहुत से शब्दों और धर्म-सिद्धांतों की बातें करते हैं। वे मसीह-विरोधियों को उजागर करने और उनका गहन-विश्लेषण करने के लिए सत्य की संगति नहीं कर सकते। इसके बजाय, वे केवल अपने को सही ठहराने और अपनी रक्षा करने के लिए शब्दों और धर्म-सिद्धांतों की बातें करते हैं, एक या दो घंटे तक बोलते रहते हैं और लोगों को पूरी तरह से भ्रमित कर देते हैं; यहाँ तक कि जो चीजें लोग पहले समझते थे, वे भी अस्पष्ट हो जाती हैं। वे भाई-बहनों को मसीह-विरोधियों द्वारा गुमराह करने से बचा पाने में असफल रहते हैं और वे उन्हें मसीह-विरोधियों का भेद पहचानने में और उन्हें दिल से अस्वीकार करने में सक्षम बनाने में भी असफल रहते हैं। वे कभी भी भाई-बहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का नतीजा प्राप्त नहीं करते। भले ही वे इस परिणाम को देख सकें, तो भी वे अगुआ की पहचान होने का दावा करते रहते हैं और दूसरों के साथ सत्य की खोज करने के लिए विनम्र नहीं होते और न ही समस्या को हल करने के लिए ऊपर रिपोर्ट करते हैं। क्या ऐसे लोग बदमाश नहीं हैं? तुम कुछ भी नहीं हो, फिर भी तुम दिखावा करते हो। तुम किस बात का दिखावा कर रहे हो? चूँकि तुम अगुआ नहीं बन सकते, तुम्हें पद छोड़ देना चाहिए और कहीं और जाकर दिखावा करना चाहिए। तुम्हें परमेश्वर के चुने हुए लोगों को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहिए! जब तुम दिखावा कर रहे होते हो, तो मसीह-विरोधी इस अवसर का फायदा उठाकर इतने सारे बुरे काम करते हैं, जो लोगों को बाधित और नियंत्रित करते हैं, अनेक लोगों को गुमराह करते हैं और नुकसान पहुँचाते हैं! इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? परमेश्वर का घर पता लगाएगा कि कौन जिम्मेदार है!

कुछ अगुआ और कार्यकर्ता मसीह-विरोधियों की घटनाओं से निपटने में कोई वास्तविक कार्य नहीं करते और मसीह-विरोधियों का भेद भी नहीं पहचान पाते हैं। जब मसीह-विरोधी भाई-बहनों को गुमराह और नियंत्रित करते हैं उस अवधि के दौरान, वे कभी भी मसीह-विरोधियों के बुरे कर्मों और सार को सच्चे अर्थों में उजागर नहीं करते और न ही उन्हें स्पष्ट रूप से समझा सकते हैं। बाद में, परमेश्वर के चुने हुए कुछ विवेकशील लोग मसीह-विरोधियों को उजागर करते हैं और उन्हें निष्कासित कर देते हैं और ये नकली अगुआ इसे अपनी उपलब्धि समझते हैं। मसीह-विरोधियों को निष्कासित कर दिए जाने के बाद, वे एक सारांश बनाते हैं और धर्म-सिद्धांत की कुछ बातें करते हैं : “देखो, जब मसीह-विरोधी बोलते और कार्य करते हैं तो कलीसियाई जीवन असामान्य हो जाता है, लोग परेशान होते हैं और उनके जीवन को नुकसान होता है। मसीह-विरोधियों के नुकसान से बचने के लिए, हमें मसीह-विरोधियों के क्रियाकलापों, शब्दों, मानवता और सार आदि का भेद पहचानना चाहिए—हमें इन सभी चीजों को समझना चाहिए। परमेश्वर कलीसिया में मसीह-विरोधियों के दिखाई देने की अनुमति देता है, उन्हें कार्य करने की अनुमति देता है, उनकी कुरूपता को उजागर करता है, मसीह-विरोधियों को बेनकाब करता है, ताकि हम खुद को सत्य से सुसज्जित कर सकें, हमारी समझ बढ़ सके और जितनी जल्दी हो सके हम अपने आध्‍यात्मिक कद को बढ़ा सकें—परमेश्वर के यही इरादे हैं! अब हमने मसीह-विरोधियों का भेद पहचान लिया है और उनसे बेबस नहीं हैं; हर कोई उन्हें अस्वीकार करने में सक्षम है। यह ऐसी बात है जिसका जश्‍न मनाना चाहिए!” अंत में ये नकली अगुआ एक अधिकारी की तरह बात करते हुए अपना सारांश प्रस्तुत करते हैं, जैसे कि उन्होंने बहुत वास्तविक कार्य किया हो, भारी कीमत चुकाई हो और मसीह-विरोधियों को निष्कासित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो। क्या यह थोड़ी बेशर्मी नहीं है? साफ तौर पर, शुरू से अंत तक, वे यह भेद नहीं पहचान सके कि मसीह-विरोधी क्या है; वे यह नहीं समझ सके कि मसीह-विरोधी लोगों को कैसे गुमराह करते हैं, मसीह-विरोधी परमेश्वर के चुने हुए लोगों के साथ क्या करते हैं या मसीह-विरोधियों का स्वभाव सार कैसा है। फिर भी वे ऐसा दिखावा करते हैं मानो उन्होंने बहुत कार्य किया हो। यह स्पष्ट है कि वे भाई-बहन ही थे जिन्होंने मसीह-विरोधियों का भेद पहचाना और उन्हें कलीसिया से निष्कासित किया; यह भी स्पष्ट है कि नकली अगुआओं ने वह भूमिका नहीं निभाई जो अगुआओं और कार्यकर्ताओं को निभानी चाहिए या उन्होंने अगुआ और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियों को पूरा नहीं किया, फिर भी वे सारांश बनाते हैं और अपनी पीठ थपथपाते हैं, मानो उन्होंने सब कुछ पहले से योजना बनाकर किया हो और अब भाई-बहनों को बता रहे हों कि उनके क्रियाकलापों ने नतीजे दिए और यह एक बड़ी सफलता थी। क्या यह बेशर्मी नहीं है? तुम अधिकारी की तरह क्यों बात कर रहे हो? तुम कोई वास्तविक कार्य नहीं करते और फिर भी एक अधिकारी की तरह बोलते हो। क्या तुम बड़े लाल अजगर के कोई अधिकारी हो? क्या ऐसे लोग फरीसी नहीं हैं? (हाँ, हैं।) वे केवल नारे लगाना और धर्म-सिद्धांतों का प्रचार करना जानते हैं। जब समस्याएँ उत्पन्न होती हैं, तो न केवल ये लोग उनसे सही ढंग से निपटने में असफल रहते हैं, बल्कि उनके पास अभ्यास का कोई मार्ग भी नहीं होता है। वे केवल बेकार की बातें करते हैं और अंधाधुंध विनियम लागू करते हैं; वे मूल रूप से किसी भी समस्या का समाधान करने में असमर्थ होते हैं। जब समस्याएँ समाप्त हो जाती हैं, तो वे ऐसा दिखावा करते हैं मानो कुछ हुआ ही नहीं, वे अच्छे व्यक्ति बनने का नाटक करते हैं और एकदम बेशर्मी से अपनी पीठ थपथपाते हैं। ऐसे लोग पक्के तौर पर फरीसी हैं। वे केवल धर्म-सिद्धांतों का प्रचार कर सकते हैं, नारे लगा सकते हैं, कुछ प्रयास कर सकते हैं, थोड़ा कष्ट सह सकते हैं और कोई वास्तविक कार्य करने में सक्षम नहीं हैं, फिर भी वे आध्‍यात्मिक लोग होने का दिखावा करते हैं। वे फरीसी हैं। यही इस प्रकार के नकली अगुआ का सार है। वे सभी के सामने इतने सारे धर्म-सिद्धांतों का प्रचार कर सकते हैं, तो फिर मसीह-विरोधियों को उजागर क्यों नहीं कर सकते और उनसे निपट क्यों नहीं सकते? वे घंटों तक लगातार प्रचार कर सकते हैं और अत्यधिक वाक्पटुता दिखा सकते हैं, तो जब वास्तविक समस्याओं का सामना करना पड़ता है—खासतौर पर मसीह-विरोधियों के बुरे कर्मों का—वे उनसे निपटने में क्यों असमर्थ दिखते हैं, भौंचक्के क्यों दिखते हैं? इसका कारण क्या है? इसका कारण यही है कि उनकी काबिलियत बहुत खराब है। वह कितनी खराब है? उनमें आध्‍यात्मिक समझ नहीं है। वे शिक्षित और प्रतिभावान हैं, बाहरी मामलों को सँभालने में काफी चतुर हैं और कानून की कुछ समझ भी रखते हैं। हालाँकि, जब बात परमेश्वर में विश्वास रखने, आध्‍यात्मिक मामलों और विभिन्न अनिवार्य मुद्दों की आती है, तो वे भेद पहचानने में असमर्थ होते हैं और किसी चीज की असलियत नहीं जान पाते हैं और न ही सत्य सिद्धांत खोज सकते हैं। जब कोई समस्या न हो, तो वे मछुआरे की तरह शांत बैठकर अपने शिकार का इंतजार कर सकते हैं, लेकिन जब समस्या उत्पन्न होती है, तो वे हास्यास्पद जोकरों की तरह व्यवहार करते हैं, जैसे गर्म तवे पर चींटियाँ चढ़ गई हों, वे बेहद दयनीय भाव दिखाते हैं। कभी-कभी वे अत्यधिक गंभीर और शांत व्यवहार करते हैं। जब वे शांत नहीं होते, तो सामान्य दिखते हैं, लेकिन जब वे शांत हो जाते हैं, तो वास्तव में लोगों को हँसी आ जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब वे शांत होते हैं, तो केवल झूठी बातें और आध्‍यात्मिक समझ से रहित शब्द कहते हैं, जो पूरी तरह से नौसिखिया जैसी टिप्पणियाँ होती हैं। फिर भी, वे गंभीरता बनाए रखते हैं—क्या यह हास्यास्पद नहीं है? अगर कोई उनसे कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे जिनका उत्तर देना हो, तो वे चकित और मौन हो जाते हैं, विशेष रूप से शर्मिंदा दिखाई देते हैं। ऐसे नकली अगुआ बहुत सारे हैं। खराब काबिलियत और आध्यात्मिक समझ की कमी उनकी प्रमुख अभिव्यक्तियाँ हैं; वे भ्रमित लोग हैं। आध्‍यात्मिक समझ की कमी का क्या अर्थ है? जब आध्‍यात्मिक मामलों और सत्य से संबंधित मुद्दों की बात आती है, तो ऐसा लगता है जैसे वे प्राचीन यूनानी शब्दों का अनुवाद करने की कोशिश कर रहे हों—उन्हें कुछ भी समझ में नहीं आता। फिर भी, वे यह कहते हुए दिखावा करते हैं : “मैं आध्‍यात्मिक हूँ। मैंने लंबे समय से परमेश्वर में विश्वास रखा है। मुझे कई सत्य समझ में आते हैं। तुम लोग नए विश्वासी हो, तुम लोगों ने अभी-अभी परमेश्वर में विश्वास रखना शुरू किया है और सत्य नहीं समझते हो। तुम लोग भरोसेमंद नहीं हो।” वे हमेशा खुद को ऐसा मानते हैं कि उन्होंने लंबे समय से परमेश्वर में विश्वास रखा है और सत्य समझते हैं। ऐसे लोग घृणास्पद और हास्यास्पद दोनों हैं। ऐसे नकली अगुआओं की अभिव्यक्तियों पर संगति यहीं समाप्त होती है।

III. मसीह-विरोधियों के सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करना

एक अन्य प्रकार का नकली अगुआ है जो और भी ज्यादा घृणास्पद है। ऐसे नकली अगुआ न केवल मसीह-विरोधियों को उजागर करने में असफल रहते हैं, बल्कि मसीह-विरोधियों के सुरक्षा कवच के रूप में भी कार्य करते हैं, वे प्रेमपूर्ण सहायता करने का बहाना बनाकर मसीह-विरोधियों के उन बुरे कर्मों में लिप्त होते हैं, जो कलीसिया के कार्य को बाधित करते हैं। चाहे मसीह-विरोधी लोगों को गुमराह करने के लिए कितनी भी भ्रांतियाँ फैलाएँ, ये नकली अगुआ न केवल उनका खंडन नहीं करते हैं या उन्हें उजागर नहीं करते हैं, बल्कि मसीह-विरोधियों को अपने विचार व्यक्त करने और खुलकर बोलने के अवसर भी प्रदान करते हैं। भले ही परमेश्वर के चुने हुए लोग कितनी भी बाधाओं, गुमराह करने वाली बातों या नुकसान का सामना करें, वे उदासीन रहते हैं। यहाँ तक कि जब कुछ लोग यह बताते हैं : “ये व्यक्ति मसीह-विरोधी हैं। इन्हें परमेश्वर के घर द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिए; इन्हें न तो बढ़ावा दिया जाना चाहिए और न ही विकसित किया जाना चाहिए और इन्हें बिल्कुल भी संरक्षित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने भाई-बहनों को काफी नुकसान पहुँचाया है। अब समय आ गया है कि इनके साथ हिसाब-किताब किया जाए और इन्हें पूरी तरह से उजागर कर इनसे निपटा जाए,” नकली अगुआ मसीह-विरोधियों के पक्ष में बोलने के लिए आगे आते हैं। वे मसीह-विरोधियों की उम्र, परमेश्वर में उनके विश्वास के वर्षों और उनके पिछले योगदान जैसे कारकों को ध्यान में रखते हुए उनके पक्ष में बोलने और उनका बचाव करने के लिए विभिन्न बहानों का उपयोग करते हैं। जब उच्च-स्तरीय अगुआ कार्य का निरीक्षण करने या मसीह-विरोधियों से निपटने के लिए आते हैं, तो नकली अगुआ भाई-बहनों को मसीह-विरोधियों के बुरे कर्मों के तथ्य आगे रिपोर्ट करने से रोकते हैं। वे कलीसिया को सीलबंद करने जैसे उपाय भी करते हैं ताकि उच्च-स्तरीय अगुआ मसीह-विरोधियों द्वारा कलीसिया में उत्पन्न की जा रही बाधाओं से अनजान रहें और वे भेद पहचानने वाले भाई-बहनों को मसीह-विरोधियों को उजागर करने से भी रोकते हैं। चाहे नकली अगुआ मसीह-विरोधियों के सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करने के लिए जो भी बहाने दें या उनके जो भी उद्देश्य हों, अंततः वे एक तरफ मसीह-विरोधियों के हितों की रक्षा कर रहे होते हैं, वहीं दूसरी तरफ कलीसिया और परमेश्वर के चुने हुए लोगों के हितों के साथ विश्वासघात कर रहे होते हैं। वे मसीह-विरोधियों की रक्षा के लिए विभिन्न बहानों का उपयोग करते हैं, जैसे कि “मसीह-विरोधी भी परमेश्वर में विश्वास करते हैं और परमेश्वर के घर में बोलने का अधिकार रखते हैं” और “उन्होंने पहले खतरनाक कर्तव्यों को निभाया है; परमेश्वर के घर को उनके पिछले योगदानों पर विचार करना चाहिए।” वे भाई-बहनों को मसीह-विरोधियों का भेद पहचानने से रोकते हैं और उच्च-स्तरीय अगुआओं को उनके बुरे कर्मों के बारे में जानने नहीं देते; साथ ही, वे स्वयं मसीह-विरोधियों को न तो उजागर करते हैं और न ही उनकी किसी भी प्रकार की काट-छाँट करते हैं। ये मसीह-विरोधी उनके परिवार के सदस्य, करीबी मित्र या इससे भी बढ़कर ऐसे लोग हो सकते हैं जिन्हें वे आदर्श मानते हैं और भावनात्मक रूप से छोड़ने में कठिनाई महसूस करते हैं। चाहे स्थिति कोई भी हो, यदि वे जानते हैं कि ये लोग मसीह-विरोधी हैं और फिर भी उनके बुरे कर्मों का बचाव करते हैं, दूसरों से कहते हैं कि उनके साथ प्रेम से व्यवहार करो और यहाँ तक कि विभिन्न तरीकों से मसीह-विरोधियों को विभिन्न भ्रांतियाँ फैलाने और परमेश्वर के चुने हुए लोगों को गुमराह और बाधित करने के अवसर प्रदान करते हैं, तो ये अभिव्यक्तियाँ यह दर्शाती हैं कि वे मसीह-विरोधियों के सुरक्षा कवच के रूप में कार्य कर रहे हैं। हो सकता है कि कुछ नकली अगुआओं ने अन्य क्षेत्रों में थोड़ा-बहुत वास्तविक कार्य किया हो, लेकिन जब मसीह-विरोधियों से निपटने की बात आती है, तो वे परमेश्वर के घर की अपेक्षाओं के अनुसार उनसे नहीं निपटते। यही नहीं, वे परमेश्वर के घर द्वारा अपेक्षित अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियाँ भी पूरी नहीं करते—वे मसीह-विरोधियों को कलीसिया में लोगों को गुमराह करने के लिए अधिकतम संभव सीमा तक धारणाएँ, नकारात्मक भावनाएँ, पाखंड और भ्रांतियाँ फैलाने से नहीं रोकते हैं। इसके बजाय, वे अक्सर मसीह-विरोधियों द्वारा बोले गए दिखावटी धर्म-सिद्धांतों को, साथ ही उनके कथनों और टिप्पणियों को, जो ज्ञान या शैतान के फलसफे पर आधारित होते हैं, सकारात्मक चीजों के रूप में बनाए रखते हैं। ये सब उनकी अभिव्यक्तियाँ हैं जो दर्शाती हैं कि वे मसीह-विरोधियों के सुरक्षा कवच के रूप में कार्य कर रहे हैं। बेशक, कुछ नकली अगुआ मसीह-विरोधियों से इसलिए नहीं निपटते हैं क्योंकि वे समाज में उनके प्रभाव को महत्व देते हैं। वे कहते हैं, “अधिकांश भाई-बहन समाज के निचले तबके से आते हैं और उनका कोई प्रभाव नहीं है। भले ही यह व्यक्ति मसीह-विरोधी है और इसमें बुरी मानवता है, लेकिन उसके पास ताकत है, उसका दुनिया में प्रभाव है और वह सक्षम है। जब भाई-बहन या कलीसिया खतरे का सामना करेंगे, तो क्या हमें एक मजबूत व्यक्ति की आवश्यकता नहीं होगी जो आगे आकर हमारी रक्षा करे? इसलिए, उनके गलत कार्यों को नजरअंदाज कर देना चाहिए और इसे इतना गंभीर मुद्दा नहीं बनाना चाहिए।” नकली अगुआ मसीह-विरोधियों के सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करने के इच्छुक होते हैं ताकि मसीह-विरोधी उनका पक्ष लें और उनका समर्थन करें—यह भी नकली अगुआओं से नीचे के स्तर का कार्य नहीं है। कुछ नकली अगुआओं में गलत दृष्टिकोण भी होता है। उनका कहना है, “कुछ मसीह-विरोधियों का समाज में रुतबा और प्रभाव है; उनकी प्रतिष्ठा है। हमारी कलीसिया में ऐसे दो व्यक्ति हैं। भले ही वे मसीह-विरोधी हैं, लेकिन अगर हमने उन्हें बाहर निकाल दिया, तो लोग सोचेंगे कि हमारी कलीसिया में कोई सक्षम व्यक्ति नहीं है, और धार्मिक मंडलियों में लोग हमें तुच्छ समझेंगे। हमें दिखावे के लिए उन्हें अपने आसपास बनाए रखना चाहिए। इसलिए, ये दो लोग हमारी कलीसिया का खजाना हैं; कोई भी उनका भेद नहीं पहचान सकता या उन्हें बाहर नहीं निकाल सकता। उन्हें बचाया जाना चाहिए।” यह किस प्रकार का तर्क है? वे मसीह-विरोधियों को प्रतिभाएँ मानते हैं, इसलिए वे उन्हें बचाते हैं। क्या ये नकली अगुआ बदमाश नहीं हैं? (हाँ।) परिस्थितियाँ चाहे जो भी हों, जब तक अगुआ और कार्यकर्ता मसीह-विरोधियों को कलीसिया में जो चाहे करने देते हैं और कलीसिया के कार्य को बाधित करने देते हैं, तब तक वे नकली अगुआ और कार्यकर्ता हैं। मसीह-विरोधी और बुरे लोग चाहे कितनी भी भ्रांतियाँ फैलाएँ, इस तरह चाहे कितने ही लोग उनके द्वारा गुमराह हों, चाहे वे सकारात्मक हस्तियों पर कैसे भी आक्रमण करें और उनका बहिष्कार करें और चाहे परमेश्वर के चुने हुए कितने ही लोगों को नुकसान पहुँचाएँ, नकली अगुआ इसकी अनदेखी करते हैं और अनजान बनने का नाटक करते हैं—जब तक वे खुद को संरक्षित रख सकते हैं, उनके लिए सब ठीक रहता है। ये नकली अगुआओं की मुख्य अभिव्यक्तियाँ हैं। मसीह-विरोधी चाहे कुछ भी कहें या करें, नकली अगुआ न तो उन्हें उजागर करते हैं, न उनका गहन-विश्लेषण करते हैं, और न ही उन्हें प्रतिबंधित करते हैं, ताकि भाई-बहन उनका भेद पहचान सकें और उन्हें अस्वीकार कर सकें। इसके बजाय, वे मसीह-विरोधियों को अपने पालतू जानवरों की तरह पालते हैं, उन्हें गणमान्य व्यक्तियों की तरह सेवा और सुरक्षा प्रदान करते हैं, उनके लिए रास्ता साफ करते हैं, और उन्हें प्रदर्शन के लिए विभिन्न अवसर प्रदान करते हैं। जब वे मसीह-विरोधियों को पूरी तरह से उनकी स्वतंत्रता का आनंद लेने देते हैं, तो किसके हितों की बलि दी जाती है? (परमेश्वर के चुने हुए लोगों के हितों की।) नकली अगुआ न केवल परमेश्वर के चुने हुए लोगों की रक्षा करने में असफल रहते हैं, बल्कि वे मसीह-विरोधियों को कलीसिया में कार्यभार सँभालने देते हैं, जिससे भाई-बहन बैलों और घोड़ों की तरह, दासों की तरह मसीह-विरोधियों की सेवा करने लगते हैं, वे मसीह-विरोधियों के आदेशों का पालन करते हैं, उनकी भ्रामक टिप्पणियों, विचारों और दृष्टिकोणों को स्वीकारते हैं, उनके नियंत्रण को सहते हैं और यहाँ तक कि उनके द्वारा पहुँचाए गए गंभीर नुकसान को भी स्वीकारते हैं, इत्यादि। यही कार्य नकली अगुआ करते हैं। क्या वे मसीह-विरोधियों को परमेश्वर के चुने हुए लोगों को काफी हद तक गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाने से रोक रहे हैं? क्या उन्होंने अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियों को पूरा किया है? क्या उन्होंने परमेश्वर के चुने हुए लोगों को बचाने का कार्य किया है? (नहीं।) संक्षेप में, चाहे जो भी कारण हो, ऐसा कोई भी अगुआ जो बिना कोई कार्य किए मसीह-विरोधियों को मनमानी करने की अनुमति देता है, वह नकली अगुआ है। मैं ऐसा क्यों कहता हूँ कि वह नकली अगुआ है? क्योंकि जब मसीह-विरोधी परमेश्वर के चुने हुए लोगों को गुमराह और नियंत्रित करते हैं, तो वे भाई-बहनों को मसीह-विरोधियों से होने वाले विभिन्न नुकसान झेलने देते हैं और परमेश्वर द्वारा उन्हें दिए गए आदेश को पूरा करने में असफल रहते हैं। परमेश्वर के घर ने परमेश्वर की भेड़ों, परमेश्वर के चुने हुए लोगों को तुम्हारे हाथों में सौंपा और तुमने अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं की। तुम परमेश्वर के आदेश को वहन करने के योग्य नहीं हो! चाहे जो भी कारण हो या तुम्हारा जो भी औचित्य हो, यदि तुमने अगुआ के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मसीह-विरोधियों के सुरक्षा कवच के रूप में कार्य किया, जिससे भाई-बहनों को मसीह-विरोधियों की बाधाओं, गुमराह करने, नियंत्रित करने और गंभीर नुकसान का सामना करना पड़ा, तो तुम सदा के लिए एक पापी हो। इसका कारण यह नहीं है कि तुम मसीह-विरोधियों का भेद नहीं पहचान सकते या उनके सार की असलियत नहीं जान सकते—तुम्हें अपने दिल में स्पष्ट रूप से पता है कि मसीह-विरोधी शैतान और दानव हैं, फिर भी तुम परमेश्वर के चुने हुए लोगों को उन्हें उजागर करने और उनका भेद पहचानने की अनुमति नहीं देते। इसके बजाय, तुम भाई-बहनों को उनकी बातें सुनने, उन्हें स्वीकार करने और उनकी आज्ञा का पालन करने देते हो। यह सत्य के पूर्णतया विपरीत है। क्या यह तुम्हें सदा के लिए पापी नहीं बनाता? (हाँ।) तुम न केवल उन लोगों को बचाने में असफल हुए जो ईमानदारी से अपने कर्तव्य निभाते हैं और सत्य का अनुसरण करते हैं, बल्कि तुमने मसीह-विरोधियों को भी अगुआओं और कार्यकर्ताओं के पदों पर प्रोन्नत कर दिया, उन्हें पालतू जानवरों की तरह पाला और भाई-बहनों को उनके आदेशों का पालन करने पर मजबूर किया। परमेश्वर के घर ने परमेश्वर के चुने हुए लोगों को तुम्हें इसलिए नहीं सौंपा था कि वे मसीह-विरोधियों के दास बनें या तुम्हारे दास बनें, बल्कि इसलिए कि तुम परमेश्वर के चुने हुए लोगों की अगुआई करो, ताकि वे शैतान और मसीह-विरोधियों के खिलाफ लड़ सकें, उनका भेद पहचान सकें और उन्हें अस्वीकार कर सकें; साथ ही, परमेश्वर के चुने हुए लोग एक सामान्य कलीसियाई जीवन जीने में सक्षम हों, अपने कर्तव्यों को सामान्य रूप से निभाएँ, सत्य वास्तविकता में प्रवेश करें और परमेश्वर के मार्गदर्शन में उसके प्रति समर्पित हों और उसकी गवाही दें। यदि तुम यह जिम्मेदारी भी पूरी नहीं कर सकते, तो क्या तुम इंसान कहलाने के योग्य हो? और फिर भी तुम मसीह-विरोधियों को बचाना चाहते हो। क्या मसीह-विरोधी तुम्हारे पूर्वज हैं या तुम्हारे आदर्श? भले ही तुम्हारा उनसे रक्त का संबंध हो, तुम्हें सत्य सिद्धांतों का पालन करना चाहिए और न्याय को परिवार से ऊपर रखना चाहिए। तुम्हें अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए कर्तव्य-परायण होना चाहिए—मसीह-विरोधियों को उजागर करना, उनका भेद पहचानना और उन्हें अस्वीकार करना चाहिए, तुम्हें भाई-बहनों को बचाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करना चाहिए, ताकि उन्हें मसीह-विरोधियों द्वारा नुकसान पहुँचाने से अधिकतम संभव सीमा तक बचाया जा सके। यही सच्चे मन से अपना कर्तव्य निभाना और परमेश्वर के आदेश को पूरा करना है; केवल ऐसा करने से ही तुम एक योग्य अगुआ या कार्यकर्ता कहला सकते हो जो मानक के अनुरूप है। यदि तुम अगुआओं और कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारियों को पूरा करने में असफल रहते हो और स्वेच्छा से मसीह-विरोधियों के सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करते हो, तो तुम सदा के लिए एक पापी होने के सिवाय और क्या हो सकते हो? मसीह-विरोधियों के सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करने वाले नकली अगुआओं पर संगति यहीं समाप्त होती है। यह स्पष्ट है कि ऐसे लोगों को नकली अगुआओं की श्रेणी में रखना बिल्कुल भी अनुचित नहीं है; यह वास्तविक नकली अगुआओं की अभिव्यक्तियों में से एक है।

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