परमेश्वर के दैनिक वचन : परमेश्वर का स्वभाव और स्वरूप | अंश 236

अब मैं तुम लोगों के लिए अपने प्रशासनिक आदेशों की घोषणा करता हूँ (जो घोषणा के दिन से प्रभावी होंगे और भिन्न-भिन्न लोगों को भिन्न-भिन्न ताड़नाएँ देंगे) :

मैं अपने वादे पूरे करता हूँ, और सब-कुछ मेरे हाथों में है : जो कोई भी संदेह करेगा, वह निश्चित रूप से मारा जाएगा। किसी भी लिहाज के लिए कोई जगह नहीं है; वे तुरंत नष्ट कर दिए जाएँगे, जिससे मेरे हृदय को नफ़रत से छुटकारा मिलेगा। (अब से यह पुष्टि की जाती है कि जो कोई भी मारा जाता है, वह मेरे राज्य का सदस्य बिलकुल नहीं होगा, और वह अवश्य ही शैतान का वंशज होगा)।

ज्येष्ठ पुत्रों के रूप में तुम लोगों को अपनी खुद की स्थिति को बनाए रखना चाहिए और अपने कर्तव्य अच्छी तरह से पूरे करने चाहिए, और दखलंदाज़ नहीं बनना चाहिए। तुम लोगों को मेरी प्रबंधन योजना के लिए खुद को अर्पित कर देना चाहिए, हर जगह जहाँ भी तुम जाओ, तुम्हें मेरी अच्छी गवाही देनी चाहिए और मेरे नाम को महिमा-मंडित करना चाहिए। शर्मनाक कृत्य मत करो; मेरे सभी पुत्रों और मेरे लोगों के लिए उदाहरण बनो। एक पल के लिए भी पथभ्रष्ट मत होओ : तुम्हें सभी के सामने हमेशा मेरे ज्येष्ठ पुत्रों की पहचान के साथ दिखाई देना चाहिए, और गुलाम न बनो; बल्कि तुम्हें सिर ऊँचा करके आगे बढ़ना चाहिए। मैं तुम लोगों से अपने नाम को महिमा-मंडित करने के लिए कह रहा हूँ, उसे अपमानित करने के लिए नहीं। जो लोग मेरे ज्येष्ठ पुत्र हैं, उनमें से प्रत्येक का अपना व्यक्तिगत कार्य है, और वे हर चीज़ नहीं कर सकते। यह वह ज़िम्मेदारी है, जो मैंने तुम लोगों को दी है, और इससे जी नहीं चुराना है। तुम लोगों को स्वयं को अपने पूरे हृदय से, अपने पूरे मन से और अपनी पूरी शक्ति से उस काम को पूरा करने के लिए समर्पित करना चाहिए, जो मैंने तुम्हें सौंपा है।

इस दिन से आगे, समस्त ब्रह्मांडीय दुनिया में मेरे सभी पुत्रों और मेरे सभी लोगों की चरवाही करने का कर्तव्य पूरा करने के लिए मेरे ज्येष्ठ पुत्रों को सौंपा जाएगा, और जो कोई भी अपने पूरे हृदय और पूरे मन से उसे पूरा नहीं कर सकेगा, मैं उसे ताड़ना दूँगा। यह मेरी धार्मिकता है। मैं अपने ज्येष्ठ पुत्रों को क्षमा नहीं करूँगा, न ही उनके साथ नरमी बरतूँगा।

यदि मेरे पुत्रों या मेरे लोगों में से कोई मेरे ज्येष्ठ पुत्रों में से किसी का उपहास और अपमान करता है, तो मैं उसे कठोर दंड दूँगा, क्योंकि मेरे ज्येष्ठ पुत्र स्वयं मेरा प्रतिनिधित्व करते हैं; कोई उनके साथ जो करता है, वह मेरे साथ भी करता है। यह मेरे प्रशासनिक आदेशों में से सबसे गंभीर आदेश है। मेरे पुत्रों और मेरे लोगों में से जो कोई भी इस आदेश का उल्लंघन करेगा, उसके विरुद्ध मैं अपने ज्येष्ठ पुत्रों को उनकी इच्छाओं के अनुसार अपनी धार्मिकता लागू करने दूँगा।

मैं धीरे-धीरे उस व्यक्ति का परित्याग कर कर दूँगा, जो मेरे साथ ओछेपन से पेश आता है और केवल मेरे भोजन, कपड़े और नींद पर ध्यान केंद्रित करता है; केवल मेरे बाह्य मामलों पर ध्यान देता है और मेरे बोझ का विचार नहीं करता; और अपने स्वयं के कार्य सही ढंग से पूरे करने पर ध्यान नहीं देता। यह निर्देश उन सभी के लिए है, जिनके कान हैं।

जो कोई भी मेरे लिए सेवा करने का काम समाप्त कर लेता है, उसे बिना किसी उपद्रव के, आज्ञाकारी ढंग से अलग हो जाना चाहिए। सावधान रहो, मैं तुम्हें बाहर कर दूँगा। (यह एक पूरक आदेश है।)

अब से मेरे ज्येष्ठ पुत्र लोहे की छड़ी उठाएँगे और सभी राष्ट्रों और लोगों पर शासन करने के लिए, सभी राष्ट्रों और लोगों के बीच चलने के लिए, और सभी राष्ट्रों और लोगों के बीच मेरे न्याय, धार्मिकता और प्रताप को कार्यान्वित करने के लिए मेरे अधिकार को निष्पादित करना शुरू करेंगे। मेरे पुत्र और मेरे लोग मुझसे डरेंगे, बिना रुके मेरी स्तुति, मेरी जयजयकार और मेरा महिमा-मंडन करेंगे, क्योंकि मेरी प्रबंधन योजना पूरी हो गई है और मेरे ज्येष्ठ पुत्र मेरे साथ शासन कर सकते हैं।

यह मेरे प्रशासनिक आदेशों का एक हिस्सा है; इसके बाद जैसे-जैसे काम आगे बढ़ेगा, मैं तुम लोगों को उनके बारे में बताऊँगा। उपर्युक्त प्रशासनिक आदेशों से तुम लोग उस गति को देखोगे, जिससे मैं अपना कार्य करता हूँ, और उस कदम को देखोगे, जहाँ तक मेरा कार्य पहुँच चुका है। यह एक पुष्टि होगी।

मैं पहले ही शैतान का न्याय कर चुका हूँ। चूँकि मेरी इच्छा अबाधित है, और चूँकि मेरे ज्येष्ठ पुत्र मेरे साथ महिमा-मंडित किए गए हैं, इसलिए मैंने पहले ही दुनिया पर और शैतान से संबंधित सभी चीज़ों पर अपनी धार्मिकता और प्रताप का प्रयोग कर लिया है। मैं शैतान की तरफ एक उँगली तक नहीं उठाता या उसकी तरफ बिलकुल ध्यान नहीं देता (क्योंकि वह मुझसे बात करने लायक भी नहीं है)। मैं बस वह करता रहता हूँ, जो मैं करना चाहता हूँ। मेरा कार्य सुचारु रूप से कदम-दर-कदम आगे बढ़ता है, और मेरी इच्छा सारी धरती पर अबाधित है। इसने शैतान को एक सीमा तक शर्मिंदा कर दिया है, और उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है, लेकिन इससे मेरी इच्छा पूरी नहीं हुई है। मैं अपने ज्येष्ठ पुत्रों को अपने प्रशासनिक आदेश उन पर भी कार्यान्वित करने की अनुमति देता हूँ। एक ओर तो मैं शैतान को अपना कोप देखने देता हूँ, और दूसरी ओर मैं उसे अपनी महिमा देखने देता हूँ (देखो कि मेरे ज्येष्ठ पुत्र शैतान को दिए गए अपमान के ज़बरदस्त गवाह हैं)। मैं उसे व्यक्तिगत रूप से दंड नहीं देता, बल्कि अपने ज्येष्ठ पुत्रों को अपनी धार्मिकता और प्रताप को कार्यान्वित करने देता हूँ। चूँकि शैतान मेरे पुत्रों के साथ दुर्व्यवहार करता था, मेरे पुत्रों को सताता था और मेरे पुत्रों का दमन करता था, अत: आज जब उसका काम पूरा हो गया है, तो मैं अपने परिपक्व ज्येष्ठ पुत्रों को उससे निपटने देता हूँ। इस पतन के सामने शैतान शक्तिहीन रहा है। दुनिया के सभी राष्ट्रों का पक्षाघात इसकी सबसे अच्छी गवाही है; आपस में लड़ते हुए लोग और युद्धरत राष्ट्र शैतान के राज्य के ढहने की प्रकट अभिव्यक्तियाँ हैं। मेरे द्वारा पहले कोई चिह्न और चमत्कार न दिखाया जाना शैतान को अपमानित करने और अपने नाम को उत्तरोत्तर महिमा-मंडित करने के लिए था। जब शैतान पूरी तरह खत्म हो जाता है, तब मैं अपना सामर्थ्य दिखाना शुरू करता हूँ : मैं जो भी कहता हूँ वह साकार हो जाता है, और वे अलौकिक चीज़ें जो मानवीय धारणाओं के अनुरूप नहीं हैं, पूरी हों जाएँगी (यह शीघ्र ही आने वाले आशीषों को संदर्भित करता है)। चूँकि मैं स्वयं जीवित परमेश्वर हूँ और मेरे पास कोई नियम नहीं हैं, और चूँकि मैं अपनी प्रबंधन योजना में होने वाले बदलावों के अनुसार बोलता हूँ, इसलिए अतीत में मैंने जो कुछ कहा, उसका वर्तमान में लागू होना ज़रूरी नहीं है। अपनी धारणाओं से चिपके मत रहो! मैं नियमों का पालन करने वाला परमेश्वर नहीं हूँ; मेरे साथ हर चीज़ स्वतंत्र, उत्कृष्ट और पूरी तरह मुक्त है। शायद कल जो कहा गया था, वह आज पुराना पड़ गया हो, या आज उसे अलग कर दिया जाए (लेकिन मेरे प्रशासनिक आदेश, जब से घोषित हुए हैं, कभी नहीं बदलेंगे)। ये मेरी प्रबंधन योजना के कदम हैं। विनियमों से चिपके मत रहो। हर दिन नया प्रकाश होता है, नए प्रकटीकरण होते हैं, और यह मेरी योजना है। हर दिन मेरा प्रकाश तुम में प्रकट होगा, और मेरी वाणी ब्रह्मांड की दुनिया में जारी की जाएगी। समझे तुम? यह तेरा कर्तव्य है, यह वह उत्तरदायित्व है जो मैंने तुम्हें सौंपा है। तुम्हें एक पल के लिए भी इसकी उपेक्षा नहीं करनी चाहिए। जिन लोगों का मैं अनुमोदन करूँगा, उनका मैं अंत तक उपयोग करूँगा, और यह कभी नहीं बदलेगा। चूँकि मैं सर्वशक्तिमान परमेश्वर हूँ, इसलिए मुझे पता है कि किस तरह के व्यक्ति को क्या कार्य करना चाहिए, और किस प्रकार का व्यक्ति क्या करने में सक्षम है। यह मेरी सर्वशक्तिमत्ता है।

—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 88

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