परमेश्वर के दैनिक वचन : जीवन में प्रवेश | अंश 383
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दुनिया में, भूकंप आपदा की शुरुआत हैं। सबसे पहले, मैं दुनिया, अर्थात् पृथ्वी, को बदलता हूँ। इसके बाद महामारियाँ और अकाल आते हैं। यह मेरी योजना है, ये मेरे कदम हैं, और मैं अपनी सेवा करवाने के लिए, अपनी प्रबंधन योजना को पूरा करने के लिए, सब कुछ संगठित करूँगा। इस प्रकार पूरे ब्रह्मांड की दुनिया को मेरे प्रत्यक्ष हस्तक्षेप के बिना भी नष्ट कर दिया जाएगा। जब मैं पहली बार देह बना था और मुझे सलीब पर चढ़ाया गया था, तो धरती प्रचण्ड रूप से थरथरा गई थी; ऐसा ही अंत में होगा। जिस पल मैं देह से आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश करूँगा उसी पल से भूकंप आने शुरू हो जाएँगे। इसलिए मैं कहता हूँ कि, ज्येष्ठ पुत्र आपदा से बिल्कुल भी पीड़ित नहीं होंगे। जो लोग ज्येष्ठ पुत्र नहीं हैं वे आपदा में पीड़ित होने के लिए छोड़ दिए जाएँगे। इसलिए, जहां तक मानवजाति की बात है, हर कोई ज्येष्ठ पुत्र बनने का इच्छुक है। लोगों के पूर्वाभास में यह आशीषों का आनंद लेने के लिए नहीं है, बल्कि आपदा की पीड़ा से बच कर भाग निकलने के लिए है। यह बड़े लाल अजगर का षड़यंत्र है। लेकिन मैं इसे कभी भी भागने नहीं दूँगा। मैं इसे मेरा गंभीर दंड भुगतवाऊँगा और तब भी खड़ा करवाऊँगा और इससे अपनी सेवा करवाऊँगा (यह मेरे पुत्रों और मेरे लोगों को पूर्ण करने को संदर्भित करता है), इसे सदा इसकी अपनी साज़िशों से धोखा खाने दूँगा, इससे सदा मेरा न्याय स्वीकार करवाऊँगा, और सदा मेरे द्वारा जलाए जाना स्वीकार करवाऊँगा। यही सेवा करने वालों से स्तुति करवाने का सही अर्थ है (मेरी महान सामर्थ्य को प्रकट करने के लिए उनका उपयोग करना)। मैं बड़े लाल अजगर को अपने राज्य में चोरी से घुसने की इजाजत नहीं दूँगा, और मैं बड़े लाल अजगर को अपनी स्तुति करने का अधिकार नहीं दूँगा! (क्योंकि यह योग्य नहीं है, कभी भी योग्य नहीं है!) मैं केवल इससे अनंत काल में सेवा प्रदान करवाऊँगा! मैं केवल इसे अपने सामने दण्डवत करने दूँगा। (जो नष्ट कर दिए जाते हैं वे उन लोगों की तुलना में बेहतर होते हैं जो तबाही में होते हैं। विनाश केवल एक अस्थायी भारी दण्ड है, लेकिन जो लोग तबाही मैं हैं वे सदा के लिए गंभीर दंड भुगतेंगे, इसलिए मैं "दंडवत" अवस्था का उपयोग करता हूँ। क्योंकि ये लोग मेरे घर में चोरी से घुस जाते हैं और मेरे अधिकांश अनुग्रह का आनंद लेते हैं और और उनके पास मेरे बारे में कुछ ज्ञान है, इसलिए मैं गंभीर दंड का उपयोग करता हूँ। जहाँ तक मेरे घर के बाहर के लोगों की बात है तो, तुम लोग कह सकते हो कि अज्ञानी पीड़ित नहीं होंगे।) अपनी अवधारणाओं में, लोग सोचते हैं कि जिनका विनाश होता है वे उनसे बदतर हैं जो तबाही में हैं, लेकिन इसके विपरीत, जो लोग तबाही में हैं वे सदा के लिए गंभीर रूप से दंडित किये जाने हैं, और जिन्हें नष्ट किया गया है वे सदा के लिए शून्यता में लौट जाएँगे।
—वचन, खंड 1, परमेश्वर का प्रकटन और कार्य, आरंभ में मसीह के कथन, अध्याय 108
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