परमेश्वर का आगमन हो चुका है, वह राजा है
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भाग एक : परमेश्वर के प्रकटन और कार्य की गवाही देने से संबंधित बीस सत्य
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I. देहधारी परमेश्वर के प्रकटन और कार्य से संबंधित वचन
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II. अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य से संबंधित सत्य
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III. मानवजाति के उद्धार के लिए परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों से संबंधित वचन
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IV. परमेश्वर के तीन चरणों के कार्य और उसके नामों के बीच संबंध पर वचन
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V. परमेश्वर एक है—वह सृष्टि का प्रभु है
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VI. अंत के दिनों में परमेश्वर के न्याय के कार्य और अनुग्रह के युग में उसके छुटकारे के कार्य के बीच अंतर
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VII. मसीह स्वयं परमेश्वर की अभिव्यक्ति है
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VIII. परमेश्वर के कार्य और मनुष्य के कार्य के बीच अंतर
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IX. सच्चे मसीह और झूठे मसीह के बीच प्रभेद करने के सत्य
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X. परमेश्वर के कार्य और स्वभाव के कैसे जानें
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XI. परमेश्वर और बाइबल के बीच संबंध पर वचन
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XII. परमेश्वर त्रिविध परमेश्वर है या एक सच्चा परमेश्वर
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XIII. बुद्धिमान कुँआरियों के परमेश्वर की वाणी सुनने और प्रभु का स्वागत करने से संबंधित वचन
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XIV. स्वर्गारोहण और परमेश्वर के सिंहासन के सामने उठाए जाने से संबंधित वचन
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XV. परमेश्वर की कलीसिया और धार्मिक समूहों के बीच अंतर
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XVI. धार्मिक दुनिया और सत्ताधारियों के परमेश्वर का विरोध करने वाले सार को किस तरह पहचानें
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XVII. संसार में अंधकार और बुराई की जड़ और सार को कैसे पहचानें
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XVIII. बड़ी आपदाओं के आगमन संबंधी सत्य
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XIX. परमेश्वर द्वारा हर प्रकार के व्यक्ति का अंत निर्धारित करने संबंधी सत्य
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XX. मनुष्य से परमेश्वर की प्रतिज्ञा और मनुष्य की मंज़िल
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भाग दो : सत्य-वास्तविकता में प्रवेश करने के बारे में प्रश्न और उत्तर
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I. परमेश्वर में विश्वास के सत्य
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II. प्रार्थना के सत्य
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III. आध्यात्मिक जीवन के सत्य
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IV. आत्मज्ञान से संबंधित सत्य
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V. सच्चे प्रायश्चित संबंधी सत्य
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VI. ईमानदार व्यक्ति होने संबंधी सत्य
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VII. अपना कर्तव्य निभाने संबंधी सत्य
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VIII. अच्छे कर्मों की तैयारी संबंधी सत्य
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IX. सत्य का अभ्यास करने के सिद्धांत
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X. परमेश्वर-जनों और सेवाकर्ताओं में अंतर
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XI. सत्य-वास्तविकता और धर्मशास्त्रीय ज्ञान और सिद्धान्त के बीच अंतर कैसे करें
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XII. पवित्र आत्मा के कार्य और बुरी आत्माओं के कार्य के संबंध में
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XIII. मसीह-विरोधियों, झूठे अगुआओं, गैर-विश्वासियों और दुष्ट लोगों को कैसे पहचानें
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XIV. परमेश्वर का भय मानने और बुराई से दूर रहने संबंधी सत्य
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XV. परमेश्वर के आज्ञापालन संबंधी सत्य
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XVI. न्याय, ताड़ना, परीक्षण और शोधन का अनुभव करने के सत्य
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XVII. स्वभावगत बदलाव संबंधी सत्य
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XVIII. परमेश्वर की इच्छा का अनुसरण करना और सच्ची गवाही क्या हैं
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XIX. परमेश्वर से प्रेम करने के सत्य
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XX. परमेश्वर को जानने के सत्य