
सर्वशक्तिमान परमेश्वर के वचनों का संकलन
सर्वशक्तिमान परमेश्वर के उसके कार्य के बारे में वचनों के संकलन इस पुस्तक में शामिल किए गए हैं और वे राज्य के युग में सर्वशक्तिमान परमेश्वर के प्रकटन और कार्य की गवाही देते हैं। यह परमेश्वर के प्रकटन के लिए तरसते सभी लोगों को इस बात को पहचानने देते हैं कि प्रभु यीशु बहुत समय पहले ही सफ़ेद बादलों पर सवार होकर लौट आया है और वह सर्वशक्तिमान परमेश्वर, अंत के दिनों का मसीह है—प्रकाशित वाक्य की पुस्तक में भविष्यवाणी किया गया मेमना है, जिसने पुस्तक को खोला है और सात मुहरों को तोड़ा है।
मसीह के कथन
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भाग एक राज्य के सुसमाचार पर परमेश्वरके वचनों के संकलन
1परमेश्वर में सचमुच विश्वास करने का क्या अर्थ है
2परमेश्वर के प्रकटन ने एक नए युग का सूत्रपात किया है
3परमेश्वर के प्रकटन को उसके न्याय और ताड़ना में देखना
4परमेश्वर संपूर्ण मानवजाति के भाग्य का नियंता है
5परमेश्वर मनुष्य के जीवन का स्रोत है
6मनुष्य को केवल परमेश्वर के प्रबंधन के बीच ही बचाया जा सकता है
7सात गर्जनाएँ होती हैं—भविष्यवाणी करती हैं कि राज्य का सुसमाचार पूरे ब्रह्मांड में फैल जाएगा
8उद्धारकर्ता पहले ही एक “सफेद बादल” पर सवार होकर वापस आ चुका है
9परमेश्वर के कार्य का दर्शन (3)
10जब तक तुम यीशु के आध्यात्मिक शरीर को देखोगे, परमेश्वर स्वर्ग और पृथ्वी को नया बना चुका होगा
11जो मसीह के साथ असंगत हैं वे निश्चित ही परमेश्वर के विरोधी हैं
12बुलाए बहुत जाते हैं, पर चुने कुछ ही जाते हैं
13तुम्हें मसीह के साथ अनुकूलता का तरीका खोजना चाहिए
14क्या तुम परमेश्वर के सच्चे विश्वासी हो?
15मसीह न्याय का कार्य सत्य के साथ करता है
16क्या तुम जानते थे? परमेश्वर ने मनुष्यों के बीच एक महान काम किया है
17केवल अंत के दिनों का मसीह ही मनुष्य को अनंत जीवन का मार्ग दे सकता है
18अपनी मंजिल के लिए पर्याप्त अच्छे कर्म तैयार करो
19आज परमेश्वर के कार्य को जानना
20क्या परमेश्वर का कार्य उतना सरल है जितना मनुष्य कल्पना करता है?
21जो परमेश्वर के आज के कार्य को जानते हैं केवल वे ही परमेश्वर की सेवा कर सकते हैं
22परमेश्वर के सबसे नए कार्य को जानो और उसके पदचिह्नों का अनुसरण करो
24छुटकारे के युग के कार्य के पीछे की सच्ची कहानी
26परमेश्वर के वचन के द्वारा सब-कुछ प्राप्त हो जाता है
28परमेश्वर के कार्य के तीन चरणों को जानना ही परमेश्वर को जानने का मार्ग है
29जो परमेश्वर को और उसके कार्य को जानते हैं, केवल वे ही परमेश्वर को संतुष्ट कर सकते हैं
31अपरिवर्तित स्वभाव होना परमेश्वर के साथ शत्रुता रखना है
32परमेश्वर को न जानने वाले सभी लोग परमेश्वर का विरोध करते हैं
33भ्रष्ट मनुष्यजाति को देहधारी परमेश्वर द्वारा उद्धार की अधिक आवश्यकता है
34परमेश्वर द्वारा धारण किये गए देह का सार
35दो देहधारण पूरा करते हैं देहधारण के मायने
36देहधारी परमेश्वर और परमेश्वर द्वारा उपयोग किए जाने वाले लोगों के बीच अनिवार्य अंतर
37देहधारी परमेश्वर की सेवकाई और मनुष्य के कर्तव्य के बीच अंतर
38परमेश्वर का कार्य और मनुष्य का कार्य
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भाग दो राज्य के सुसमाचार पर परमेश्वरके मुख्य वचनों के संकलन
I. कौन अधिक महान है : परमेश्वर या बाइबल? परमेश्वर और बाइबल के बीच क्या संबंध है?
III. परमेश्वर के नाम के सत्य पर
IV. अनुग्रह के युग में उद्धार और राज्य के युग में उद्धार के सत्य पर
V. क्या प्रभु यीशु का छुटकारे का कार्य वास्तव में युग का समापन करने का कार्य है?
VI. अनुग्रह के युग के कार्य और राज्य के युग के कार्य के बीच संबंध
VII. सर्वशक्तिमान परमेश्वर, अंत के दिनों का मसीहा, पुस्तक को खोलता है और न्याय को निष्पादित करता है
VIII. केवल एक ही परमेश्वर है : त्रित्व का कोई अस्तित्व नहीं है
IX. परमेश्वर के कार्य और मनुष्य के कार्य के बीच अंतर
X. झूठे चरवाहों, मसीह-विरोधियों और झूठे मसीहों को कैसे पहचानें