91 प्रेम के कारण
I
प्रेम के कारण, परमेश्वर ने मनुष्य को बनाया और उसे संभाला,
धरती पर मानव-जीवन के मार्गदर्शन के लिए नियम जारी किए,
उसने देहधारण किया, मनुष्य के छुटकारे के लिए अपना जीवन दे दिया,
सूली पर का उद्धार सारे विश्व में फ़ैल गया।
प्रेम के कारण, परमेश्वर खुद को खपाता है मनुष्य की खातिर,
बिना किसी शिकायत या अफ़सोस के,
अपने प्रेम को सारे जग पर बरसाते हुए,
जो भ्रष्ट हैं, उनको राह दिखाने और बचाने के लिए।
हे परमेश्वर! तुम्हारे काम में, तुम्हारे हर वचन में,
जो कुछ भी दिखाई देता है, वह प्रेम है।
तुम्हारा प्रेम केवल अनुग्रह और दया ही नहीं
बल्कि उससे बढ़कर, ताड़ना और न्याय है।
हे परमेश्वर! तुम्हारा न्याय और तुम्हारी ताड़ना
सबसे सच्चा प्रेम, सर्वोत्तम उद्धार हैं।
तुम्हारे पवित्र, धर्मी प्रेम की हम स्तुति करते हैं,
और तुम हमारी अनंत प्रशंसा के योग्य हो।
II
प्रेम के कारण, अंतिम दिनों में परमेश्वर देह में आया
बड़े लाल अजगर के देश में।
प्रेम के कारण, परमेश्वर अस्वीकृति और बदनामी सहता है,
बड़ी मुश्किलें और यातना झेलता है।
प्रेम के कारण, परमेश्वर भ्रष्ट मानव के साथ नम्रता से जीता है,
सत्य बोलता है, शाश्वत जीवन का मार्ग लाता है,
मनुष्य की शैतानी प्रकृति का वचनों से न्याय करता है,
भ्रष्ट लोगों को स्वच्छ करने के लिए उनका परीक्षण,
शुद्धिकरण और काट-छाँट करता है।
हे परमेश्वर! तुम्हारे काम में, तुम्हारे हर वचन में,
जो कुछ भी दिखाई देता है, वह प्रेम है।
तुम्हारा प्रेम केवल अनुग्रह और दया ही नहीं
बल्कि उससे बढ़कर, ताड़ना और न्याय है।
हे परमेश्वर! तुम्हारा न्याय और तुम्हारी ताड़ना
सबसे सच्चा प्रेम, सर्वोत्तम उद्धार हैं।
तुम्हारे पवित्र, धर्मी प्रेम की हम स्तुति करते हैं,
और तुम हमारी अनंत प्रशंसा के योग्य हो।
प्रेम के कारण, परमेश्वर लोगों और चीज़ों को सेवा में लाता है,
ताकि हम सत्य और जीवन को पा सकें।
प्रेम के कारण, परमेश्वर हमारा न्याय करता है
ताकि हम शैतान के प्रभुत्व को हटाकर उद्धार पा सकें।
हे परमेश्वर! तुम्हारे काम में, तुम्हारे हर वचन में,
जो कुछ भी दिखाई देता है, वह प्रेम है।
तुम्हारे प्रेम केवल अनुग्रह और दया ही नहीं
बल्कि उससे बढ़कर, ताड़ना और न्याय है।
हे परमेश्वर! तुम्हारा न्याय और तुम्हारी ताड़ना
सबसे सच्चा प्रेम, सर्वोत्तम उद्धार हैं।
तुम्हारे पवित्र, धर्मी प्रेम की हम स्तुति करते हैं,
और तुम हमारी अनंत प्रशंसा के योग्य हो।