290 परमेश्वर का प्रेम मनुष्य के बीच हमेशा रहता है
I
आम और विनम्र व्यक्ति, तुम जीतते हो मेरे उपद्रवी दिल को।
देह में करते हो तुम चमत्कार।
तुम्हारे कदम जहाँ हैं पड़ते, तुम्हारा जीवन चमकता है।
तुम्हारा निर्दयी न्याय है प्यार।
तुम्हारी परेशानी छिपी है तुम्हारे लिखे हुए वचनों में।
तुम सहते हो अपमान, निस्सवार्थता से देते हो बलिदान।
तुम्हारा प्रेम है मेरा साथी, हमेशा रहता है मेरे दिल में।
तुम्हारा पूरा प्यार मिला है मुझे। विश्वास और प्यार में हमेशा के लिए।
II
पुनर्जन्म का अवसर देते हो तुम मुझे।
तुम्हारा महान प्रेम करता है आकर्षित तुम्हारी ओर मुझे।
तुम्हें पूरे दिल से करता हूँ प्यार मैं। तुम्हारा अंतरंग बनूँगा मैं।
तुम्हारे वचनों के अनुसार बिताता हूँ जीवन मैं।
सभी इंसानों का विश्वास प्राप्त किया तुमने।
चुकाई गई तुम्हारी कीमत से उमड़ता है प्रेम मेरा।
कोई पछतावा नहीं तुम्हें, उम्मीद में इंतज़ार करते हो तुम।
तुम्हारा प्रेम है मेरा साथी, हमेशा रहता है मेरे दिल में।
तुम्हारा पूरा प्यार मिला है मुझे। विश्वास और प्यार में हमेशा के लिए।
III
तुम्हारा प्रेम चुकाने के लिए, दे दूंगा अपना सब कुछ मैं,
जय करूंगा मैं तुम्हारी, दूंगा तुम्हारी गवाही मैं।
तुम्हारे वचनों पर चलने की कोशिश करता हूँ मैं,
तुम्हारी इच्छा पूरी करने का प्रयास करता हूँ मैं।
तुम्हारा प्रेम है मेरा साथी, हमेशा रहता है मेरे दिल में।
तुम्हारा पूरा प्यार मिला है मुझे। विश्वास और प्यार में हमेशा के लिए।